Home News India Heart Attack आने पर CPR से कैसे बच सकती है मरीज की जान-एक्सपर्ट की राय
Heart Attack आने पर CPR से कैसे बच सकती है मरीज की जान-एक्सपर्ट की राय
जी हां, हार्ट अटैक आने पर समय से CPR प्रक्रिया करने से हम जान बचा सकते हैं.
अश्लेषा ठाकुर
भारत
Updated:
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Heart Attack: कुछ दिल के दौरे अचानक और तेज होते हैं.
(फोटो: फिट हिन्दी/iStock)
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देश में हार्ट अटैक के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं. बॉलीवुड अभिनेता सतीश कौशिक (Satish Kaushik) का हार्ट अटैक (Heart Attack) से 67 साल की उम्र में निधन हो गया है. वहीं कुछ दिनों पहले बॉलीवुड की मशहूर एक्ट्रेस सुष्मिता सेन ने बताया कि वो हार्ट अटैक की शिकार हुई थीं. सोशल मीडिया पर उन्होंने ये जानकारी दी.
गुरुग्राम के फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट में कार्डियोथोरेसिक और वैस्कुलर सर्जरी (सीटीवीएस) के डायरेक्टर और हेड डॉ. उदगीथ धीर ने फिट हिन्दी से कहा कि अगर किसी को हार्ट अटैक आया हो, तो तुरंत उसे नजदीकी हॉस्पिटल ले जाना चाहिए. हॉस्पिटल ले जाने में टाइम लग रहा है, तो उस समय हार्ट अटैक से जुड़े फर्स्ट एड यानी कि CPR के तरीकों को बिना समय गवाए शुरू कर देना चाहिए. जानते हैं CPR कैसे देते हैं.
हार्ट अटैक आने पर नजदीकी हॉस्पिटल के इमरजेंसी नंबर पर कॉल करें और साथ ही मदद के लिए परिवार/दोस्तों से भी संपर्क करें.
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मरीज को इकोस्प्रिन (ecosprin) की 2 गोलियां और स्टेटिन (statin) की 2 गोलियां (80 mg) तुरंत खिला देनी चाहिए. ये एक जीवन बचाने वाला कदम हो सकता है.
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CPR- मरीज अगर बेहोश हो या उसकी दिल की धड़कन नहीं सुनायी दे रही हो, तो CPR (cardiopulmonary resuscitation) करना चाहिए. इस प्रक्रिया में चेस्ट कंप्रेशन देना होता है.
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पीठ के बल सीधे लेटे मरीज को 100-120 चेस्ट कंप्रेशन दें. अपनी हथेली छाती के बीच में रखते हुए 2 इंच तक के कंप्रेशन दें. उससे ज्यादा ना दें नहीं तो पसली (rib) फ्रैक्चर हो सकता है. इसका मकसद है, हार्ट को पंप करना ताकि ब्रेन को और दूसरे ऑर्गन्स को ब्लड सप्लाई हो सके.
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एयर वे (airway) के जरिये मरीज को फर्स्ट एड दें. जिसे ठुड्डी उठाना और सिर झुकना (chin lift and head tilt) भी कहा जाता है. ये इसलिए किया जाता है ताकि कुछ भी मरीज के सांस लेने वाली नली में अटके नहीं, फ्री एयर जाने का रास्ता मिल जाये. मरीज को पीठ के बल लेटा कर ठुड्डी को उठाएं.
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सीपीआर (CPR) में ट्रेनेड लोग, मरीज पर ब्रीथिंग (breathing) तकनीक का प्रयोग करें यानी अपने मुंह से मरीज के मुंह में सांस दें. अगर ट्रेनेड नहीं हैं, तो सिर्फ एयरवे को खोलते हुए 100-120 चेस्ट कंप्रेशन दें.
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100-120 चेस्ट कंप्रेशन देने के बाद मरीज के वाइटल्स (vitals) यानी सांसे/दिल की धड़कन चेक करते रहें.
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मेडिकल हेल्प मिलने तक फर्स्ट एड यानी कि CPR प्रक्रिया जारी रखनी चाहिए.