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भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की नई मौसम रिपोर्ट के मुताबिक अगले चार से पांच दिनों में पश्चिम बंगाल, बिहार और तटीय आंध्र प्रदेश में हीटवेव (Heatwave) की स्थिति रहने की उम्मीद है. मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की है कि पंजाब और हरियाणा में तापमान गिरने से पहले अगले दो दिनों में बढ़ेगा. अगले 4-5 दिनों के दौरान पश्चिम बंगाल, बिहार और तटीय आंध्र प्रदेश में गर्मी की लहर की स्थिति की संभावना है. आईएमडी ने कहा कि 16 अप्रैल से पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में और 18 अप्रैल से उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में एक नए सिरे से बारिश हो सकती है.
एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक IMD के एक अधिकारी ने बताया कि आने वाले दिनों में दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और उत्तर पश्चिम भारत में तापमान में बढ़ोतरी होगी. पश्चिमी विक्षोभ के कारण आने वाले दिनों में तापमान में गिरावट आएगी. पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों में लू को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है.
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक स्कूल और उच्च शिक्षा विभाग ने बाद में स्पष्ट किया कि गर्मी की लहर की वजह से बंद पहाड़ी क्षेत्रों को छोड़कर पूरे राज्य में प्रभावी होगा.
पश्चिम बंगाल सरकार के एक आधिकारिक नोटिस में कहा गया है कि
मौसम विभाग की एक रिपोर्ट के मुताबिक अगले 24 घंटों में कोलकाता में तापमान लगभग 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने की संभावना है. रविवार को शहर का अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमश: 39.8 डिग्री सेल्सियस और 29.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.
राज्य सरकार के बिहार मौसम सेवा केंद्र (BMSK) के मुताबिक अगले तीन-चार दिनों में बिहार में भीषण गर्मी की स्थिति रहने की संभावना है. राज्य में कम से कम पांच स्थानों पर पारा 42 डिग्री सेल्सियस के स्तर को पार कर गया. औरंगाबाद जिले में शनिवार को अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया.
PTI की रिपोर्ट के मुताबिक बिहार आपदा प्रबंधन मंत्री शाहनवाज ने कहा कि लोगों को सलाह दी जाती है कि वे गर्मी के जोखिम से बचें, शांत रहें और निर्जलीकरण से बचें. इसके अलावा, जिला अधिकारियों को भी अपने जिलों में स्थिति की निगरानी करने की सलाह दी गई है. राज्य आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है.
मौसम विभाग के बुलेटिन के मुताबिक ओडिशा के तापमान में मामूली गिरावट के बावजूद, रविवार को पारा का स्तर राज्य में कम से कम 20 स्थानों पर 40 डिग्री सेल्सियस या उससे ऊपर रहा.
राज्य का औद्योगिक शहर झारसुगुड़ा सबसे गर्म स्थान रहा, जहां पारा 43 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जबकि तीन स्थानों- बौध, संबलपुर और तालचेर में तापमान 42 डिग्री सेल्सियस से ऊपर दर्ज किया गया.
इसी तरह, 6 स्थानों पर तापमान 41 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक दर्ज किया गया. इन जगहों की लिस्ट में अंगुल (41.1), सुंदरगढ़ (41.5), बोलांगीर (41.2), टिटलगाह और मल्कानगिरी (41.5 प्रत्येक) और राउरकेला (41) हैं. भुवनेश्वर में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया हैं.
आईएमडी ने दिल्ली-एनसीआर में अगले दो दिनों के लिए मामूली गर्मी की लहर की स्थिति की भविष्यवाणी की है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के एक विशेषज्ञ ने रविवार को कहा कि दिल्ली-एनसीआर में अगले दो दिनों तक मामूली गर्मी की स्थिति रहेगी.
आईएमडी के विशेषज्ञ नरेश कुमार ने कहा कि
उन्होंने कहा कि एक पश्चिमी विक्षोभ है, जिसका प्रभाव पश्चिमी हिमालय क्षेत्र पर है और दो दिनों के बाद मैदानी इलाकों में भी इसका असर महसूस होगा.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा समाज सुधारक अप्पासाहेब धर्माधिकारी को 'महाराष्ट्र भूषण-2022' पुरस्कार से सम्मानित किए गए एक विशाल सार्वजनिक कार्यक्रम के बाद कम से कम 11 लोगों की हीट स्ट्रोक से मृत्यु हो गई और चार दर्जन से अधिक अस्पताल में भर्ती हुए.
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अन्य लोग रविवार देर शाम नवी मुंबई के एमजीएम अस्पताल में भर्ती लोगों का हालचाल जानने के लिए पहुंचे. सोमवार तड़के NCP के नेता प्रतिपक्ष अजीत पवार, शिवसेना (UBT) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, कांग्रेस नेताओं ने अस्पताल का दौरा किया और मरीजों से बातचीत की.
पिछले कुछ वर्षों में हीटवेव की निगरानी और प्रबंधन में बड़े सुधार हुए हैं. लगभग हर राज्य हीटवेव एक्शन प्लान के साथ आ रहा है, जिसमें प्रारंभिक चेतावनी, सार्वजनिक स्थानों पर पानी की उपलब्धता का प्रावधान और कार्यालयों और शिक्षा संस्थानों में काम के घंटे रियायत मिलना शामिल हैं. नतीजतन, हीटवेव से संबंधित मौत के मामलों में 2010 और 2020 के बीच तेजी से गिरावट देखी गई है.
Indian Express की रिपोर्ट के मुताबिक 2015 में हीटवेव से होने वाली मौतें अपने चरम पर थी, और इस दौरान दो हजार से अधिक मौतें दर्ज की गईं.
पिछले कुछ वर्षों में, इस संख्या में बढ़ोतरी दिखाई दे रही है, जिसकी मुख्य वजह मौतों की रिपोर्टिंग और रिकॉर्डिंग में सुधार है.
जून 2019 में, सिर्फ बिहार के चार जिलों से लू से संबंधित 100 से अधिक मौतों की सूचना मिली थी. लेकिन मुंबई में रविवार को हुई मौतों के विपरीत, ये मौतें किसी एक घटना से नहीं हुईं और कई दिनों तक फैली रहीं.
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