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दिल्ली के बुराड़ी में 3 अप्रैल को 'हिंदू महापंचायत' (Hindu Mahapanchayat) कार्यक्रम को कवर करने गए पत्रकारों पर हमले की निंदा करने के लिए बुधवार, 6 अप्रैल को कई वरिष्ठ पत्रकार और संपादक एक साथ आए और एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया.
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन डिजिटल मीडिया संगठनों के समूह डिजीपब न्यूज इंडिया फाउंडेशन (DIGIPUB News India Foundation) ने किया था.
न्यूज वेबसाइट न्यूजलॉन्ड्री के को-फाउंडर और डिजीपब न्यूज इंडिया फाउंडेशन के जनरल सेक्रेटरी अभिनंदन सेकरी ने कहा कि "DIGIPUB गृह मंत्री को एक मेमोरेंडम भेजेगा. जब पत्रकार रिपोर्टिंग करने के लिए बाहर जाते हैं और बताते हैं कि उन पर हमला किया गया है, तो मुझे चिंता होती है क्योंकि उनकी सुरक्षा के लिए मैं जिम्मेदार हूं."
दिल्ली यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स की सुजाता मधोक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि "दिल्ली पुलिस ने इस कार्यक्रम को कैसे होने दिया जबकि उसने अनुमति देने से खुद इनकार कर दिया था? यह कैसे हुआ ?"
इस मौके पर द क्विंट के मैनेजिंग एडिटर रोहित खन्ना ने कहा कि “एक सार्वजनिक कार्यक्रम में मंच से एक पत्रकार को अपना काम करने के लिए ताना मरना न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है, बल्कि अस्वीकार्य भी”. रोहित खन्ना ने यह भी पूछा कि "जाने-माने अपराधियों को (कार्यक्रम से पहले) निवारक हिरासत में क्यों नहीं लिया गया?"
द कारवां के पॉलिटिकल एडिटर हरतोष सिंह बल भी मौजूद थे. उन्होंने कहा कि "यह वैसा ही है जैसा 2020 के दिल्ली दंगों के दौरान हुआ था. तब एक महिला पत्रकार से छेड़छाड़ की गई और दूसरे पत्रकारों के साथ मारपीट की गई."
प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए प्रेस क्लब ऑफ इंडिया (पीसीआई) के अध्यक्ष उमाकांत लखेरा ने यूपी में हाल ही में हुए एग्जाम पेपर लीक को कवर करने वाले पत्रकारों की गिरफ्तारी की निंदा की.
पीसीआई ने गिरफ्तारी के खिलाफ एक बयान भी जारी किया है जिसमें उसने लिखा है कि बलिया जिला प्रशासन द्वारा बलिया के उन पत्रकारों को मनमाने ढंग से गिरफ्तार करना अत्यधिक निंदनीय है जिन्होंने 12 वीं की परीक्षा के अंग्रेजी के पेपर के लीक होने का खुलासा किया था."
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