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केंद्र के उच्च शिक्षा संस्थानों में 14,600 पद खाली, 34734 कॉलेज बिन NAAC मान्यता

NAAC ने 418 विश्वविद्यालयों और 9,062 कॉलेजों को मान्यता दी है."

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<div class="paragraphs"><p> 695 विश्वविद्यालय और 34 हजार से अधिक कॉलेज NAAC से मान्यता के बिना संचालित हो रहे हैं.</p></div>
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695 विश्वविद्यालय और 34 हजार से अधिक कॉलेज NAAC से मान्यता के बिना संचालित हो रहे हैं.

फोटो: PTI

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देश भर में कम से कम 695 विश्वविद्यालय और 34 हजार से अधिक कॉलेज राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (NAAC) से मान्यता के बिना संचालित हो रहे हैं. यह डेटा केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार ने लोकसभा (Lok Sabha) में एक लिखित प्रश्न के जवाब में दिया.

उन्होंने कहा, "UGC से प्राप्त जानकारी के अनुसार, 1,113 विश्वविद्यालयों और 43,796 कॉलेजों में से NAAC ने 418 विश्वविद्यालयों और 9,062 कॉलेजों को मान्यता दी है."

सुभाष सरकार ने कहा, "सभी शैक्षणिक संस्थानों, विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को मान्यता प्रणाली के तहत लाने के लिए, NAAC ने मूल्यांकन और मान्यता के लिए शुल्क संरचना में काफी कमी की है. संबद्ध और घटक कॉलेजों के लिए सेल्फ स्टडी रिपोर्ट के मैनुअल में मैट्रिक्स और प्रश्नों को भी काफी कम कर दिया गया है.''

34,734 कॉलेज बिना NAAC मान्यता प्राप्त

उन्होंने कहा कि NAAC मान्यता के बिना संचालित होने वाले कॉलेजों की संख्या 34,734 है. नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) में सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को उनकी संस्थागत विकास योजनाओं के माध्यम से अगले 15 वर्षों में उच्चतम स्तर की मान्यता प्राप्त करने का लक्ष्य रखने की कल्पना की गई है.

उच्च शिक्षा संस्थानों में 14,600 पद खाली

एक अन्य सवाल के जवाब में शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार ने लोकसभा में बताया कि केंद्र के तहत उच्च शिक्षा संस्थानों (HEI) में 14,600 से अधिक संकाय पद खाली हैं. उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने सभी केंद्रीय उच्च शिक्षा संस्थानों को मिशन मोड में वैकेंसी को भरने का निर्देश दिया है.

क्यों खाली हुई जगह?

सुभाष सरकार ने कहा, "अब तक फैकल्टी और नॉन-फैकल्टी के 6,000 से अधिक पद भरे जा चुके हैं." उन्होंने कहा, "रिटायर, इस्तीफे और छात्रों की संख्या में वृद्धि के कारण अतिरिक्त आवश्यकताओं के कारण काफी जगह खाली हो गई हैं."

सरकार ने कहा कि संस्थान फैकल्टी की कमी को दूर करने के लिए उपाय कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि छात्रों की पढ़ाई प्रभावित न हो, "जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ रिसर्च स्कॉलर, अनुबंधित, पुनर्नियोजित, सहायक और विजिटिंग फैकल्टी शामिल हैं."

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