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SC के पूर्व जज करेंगे हैदराबाद एनकाउंटर की जांच,कल फिर होगी सुनवाई

चार आरोपियों के एनकाउंटर मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

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चार आरोपियों के एनकाउंटर मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
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चार आरोपियों के एनकाउंटर मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
(फोटो: पीटीआई)

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सुप्रीम कोर्ट ने हैदराबाद एनकाउंटर मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि इस मामले की जांच एक सुप्रीम कोर्ट के एक पूर्व जज से कराई जाए. सुप्रीम कोर्ट अब गुरुवार को इस मामले की सुनवाई करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट अब गुरुवार को ये ऐलान करेगा कि कौन वो जज होंगे जिनकी अगुवाई में इस मामले की जांच शुरू होगी.

सुप्रीम कोर्ट में कुछ वकीलों ने ये याचिकाएं दायर की हैं. वकील जीएस मणि और प्रदीप कुमार ने एक याचिका दायर की, जबकि दूसरी याचिका एमएल शर्मा ने दायर की है.

पहली याचिका में पुलिस कर्मियों पर एफआईआर और साल 2014 में जारी सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस का जिक्र किया है. उनका कहना है कि हैदराबाद में हुए एनकाउंटर में सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन को दरकिनार किया गया. वहीं दूसरी याचिका में एनकाउंटर की एसआईटी जांच के अलावा उन्होंने सांसद जया बच्चन और दिल्ली महिला आयोग की चीफ स्वाति मालिवाल के खिलाफ भी एक्शन लेने की मांग की है.
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एनकाउंटर पर कई सवाल

हैदराबाद में वेटरनरी डॉक्टर से रेप और उसे जिंदा जलाने की घटना के बाद पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था. लेकिन कुछ ही दिनों बाद सुबह बताया गया कि चारों आरोपी एनकाउंटर में मारे गए हैं. जिसके बाद इस एनकाउंटर की चर्चा हर तरफ हुई. कई लोगों ने इसका जश्न मनाया तो कई सवाल भी खड़े हुए.

बीजेपी सांसद मेनका गांधी ने भी इस एनकाउंटर को गलत बताया. उन्होंने कहा-

“उन्हें इस जघन्य अपराध के लिए फांसी की सजा मिलनी चाहिए थी. लेकिन आप बंदूक उठाकर किसी को इसलिए नहीं मार सकते हैं क्योंकि आप चाहते हैं. उन्हें कानून के तहत ही सजा मिलनी चाहिए. क्योंकि कानून का प्रोसेस काफी धीमा है तो आप किसी को मार नहीं सकते हैं. जो भी हुआ है वो काफी खतरनाक है.”

मेनका गांधी के अलावा हैदराबाद से AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार हर मुठभेड़ की जांच की जानी चाहिए. उन्होंने कहा- "मैं एनकाउंटर के खिलाफ हूं. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को इस एनकाउंटर की घटना पर संज्ञान लेना चाहिए."

क्या थी पुलिस की दलील?

चारों आरोपियों के एनकाउंटर के बाद पुलिस ने इस मामले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. पुलिस का कहना था कि कोर्ट से रिमांड मिलने के बाद पुलिस ने 4 और 5 दिसंबर को आरोपियों से पूछताछ की गई. जिसके बाद लड़की का मोबाइल बरामद करने के लिए 6 दिसंबर की सुबह 5.40 से 6.15 के बीच पुलिस टीम आरोपियों को घटनास्थल पर ले गई थी. इसी दौरान आरोपियों ने पुलिस टीम पर पत्थरों से हमला कर दिया. आरोपियों ने दो जवानों से हथियार छीन लिए और खेतों की ओर भागने की कोशिश की. जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी फायरिंग की, जिसमें चारों आरोपी मारे गए.

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Published: 11 Dec 2019,11:10 AM IST

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