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17 दिसंबर को आईआईटी कानपुर कैंपस में छात्रों ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में हुई पुलिस कार्रवाई के खिलाफ एक मार्च निकाला. इस मार्च के जरिए IIT के छात्रों ने दोनों जामिया और AMU के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त की. मार्च के बाद छात्रों ने मशहूर शायर फैज अहमद फैज की 'हम देखेंगे' नज्म भी गाई.
इस मार्च के चार दिन बाद 21 दिसंबर को छात्रों को संस्थान के डिप्टी डायरेक्टर मानिंद्र अग्रवाल की तरफ से एक आधिकारिक ईमेल मिला. इस मेल में कॉलेज एडमिनिस्ट्रशन की तरफ से मार्च के खिलाफ इन्क्वायरी बैठाने की बात कही गई थी.
इन छात्रों के खिलाफ शिकायत करने वाला कोई और नहीं IIT कानपुर का ही एक फैकल्टी मेंबर है.
फैकल्टी मेंबर वशिमंत शर्मा ने 15 छात्रों के साथ 17 दिसंबर को मार्च निकालने वाले छात्रों के खिलाफ शिकायत की थी. उस दिन कानपुर में धारा 144 लागू होने के बावजूद विरोध प्रदर्शन आयोजित करने के खिलाफ शर्मा ने शिकायत दर्ज कराई थी. दरअसल, शर्मा फैज की नज्म 'हम देखेंगे' के गाए से नाराज थे.
हालांकि, शर्मा की फेसबुक टाइमलाइन देखने से पता चलता है कि उनका संगठन 'अग्निवीर' सक्रिय रूप से 'गोरक्षा' और आदिवासियों का धर्मांतरण कराने में शामिल है. शर्मा मुस्लिम महिलाओं के धर्म परिवर्तन के बारे में भी कहते रहते हैं, कि उन लोगों को 'लव जिहाद' के खतरों से बचाया गया है.
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