Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019चीनी साइबर अटैक को कैसे फेल कर सकता है भारत, समझिए जयदेव रानाडे से

चीनी साइबर अटैक को कैसे फेल कर सकता है भारत, समझिए जयदेव रानाडे से

इस बीच सरकार का बड़ा फैसला सामने आया है, - TikTok, UC ब्राउजर 59 चीनी ऐप्स पर बैन लगा दिया गया है.

संजय पुगलिया
भारत
Published:
चीनी साइबर अटैक को कैसे फेल कर सकता है भारत, समझिए जयदेव रानाडे से
i
चीनी साइबर अटैक को कैसे फेल कर सकता है भारत, समझिए जयदेव रानाडे से
(फोटो: द क्विंट)

advertisement

भारत सरकार ने चीनी मोबाइल एप्लीकेशंस के खिलाफ कार्रवाई की है. सरकार ने टिक-टॉक समेत चीन की कुल 59 ऐप्स को बैन करने का फैसला किया है. इसे आप आर्थिक पाबंदी से जोड़ कर देख सकते हैं लेकिन इसका एक बड़ा पहलू साइबर अटैक का भी है. सुरक्षा मामलों के बड़े जानकार और सेंटर फॉर चाइना एनालिसिस एंड स्ट्रैटजी के प्रेसिडेंट जयदेव रानाडे का मानना है कि युद्ध की स्थिति में साइबर अटैक चीन की रणनीति का हिस्सा है. और ये काम तीन फेज में करेगा.

जयदेव रानाडे ने क्विंट से खास  बातचीत में ये भी बताया कि इस साइबर अटैक को नाकाम करने के  लिए भारत को क्या करना चाहिए.

तीन फेज में साइबर अटैक करेगा चीन


रानाडे का आकलन है कि चीन किसी देश पर हमला करने के पहले एक तगड़ा साइबर अटैक करने की रणनीति पर काम करता है. चीन तीन फेज में साइबर अटैक करने की योजना पर काम करता है.

पहला फेज-

मिलिट्री में कमांड और कंट्रोल सिस्टम को तबाह करना. सरकार से मिलिट्री को जोड़ने वाले नेटवर्क में बाधा डालना.

दूसरा फेज-

नागरिक नेटवर्क को तबाह करना-जैसे बिजली, रेलवे, अस्पताल आदि

तीसरा फेज-

बाकी के नेटवर्क तबाह करना, जैसे फाइनेंशियल संस्थानों को निशाना बनाना. रानाडे  बताते हैं कि चीन ने इस दिशा में किसी को नहीं छोड़ा है. चीन अमेरिका के खिलाफ भी साइबर जासूसी कर रहा है.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

'चीन से छीनना होगा किल स्विच'

रानाडे के मुताबिक- ''भारत ने भी साइबर अटैक से निपटने की क्षमता तैयार की है, हालांकि हमने इसमें देरी की है. जब तक हम कंप्यूटर या साइबर हार्डवेयर खुद नहीं बनाएंगे ये खतरा बना रहेगा. जब तक हम चीन से राउटर, चिप वगैरह खरीदते रहेंगे तब तक उन्हें किल स्विच देते रहेंगे. जब तक हम हुवावेई और ZTE जैसी चीनी कंपनियों को अपने क्रिटिकल कम्युनिकेशन सिस्टम में घुसने देंगे तब तक साइबर अटैक का खतरा बना रहेगा.

हम फोन भले किसी कंपनी की ले रहे हैं, लेकिन ZTE और हुवावेई जैसी कंपनियां 60-70% वैकरूम ऑपरेशन कंट्रोल कर रही हैं. नतीजा ये है कि वो हमें सुन सकती हैं, देख सकती है और नेटवर्क को तबाह कर सकती है.
<b>प्रेसिडेंट, सेंटर फॉर चाइना एनालिसिस एंड स्ट्रैटजी</b>

रानाडे की सलाह है कि इन कंपनियों को 5G नेटवर्क में शामिल नहीं करना चाहिए. चीन अब दोस्त देश नहीं है तो उन्हें तो 5G ट्रायल में भी हिस्सा नहीं लेने देना चाहिए. इसके साथ ही हमें अपने देश में मोबाइल का उत्पादन करना चाहिए. टेलीकम्युनिकेशन के क्षेत्र में हमें आत्मनिर्भर बनना चाहिए.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT