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लद्दाख में LAC पर तनाव बढ़ते-बढ़ते खूनी संघर्ष की नौबत आ गई और इसमें भारतीय सेना के कर्नल और दो जवान शहीद हो गए. चीनी मामलों के विशेषज्ञ और ऑबजर्वर रिसर्च फाउंडेशन के विशिष्ट फेलो मनोज जोशी का मानना है कि अगर ये तनाव और गहराता है, और सीमा से पीछे दोनों ओर खड़ी फौजें इसमें शामिल होती हैं तो फिर एक छोटा युद्ध छिड़ सकता है. उनकी राय है कि अगर चीन LAC से छेड़छाड़ करता है तो भारत को करारा जवाब देना चाहिए.
मनोज जोशी से क्विंट के एडिटोरियल डायरेक्टर संजय पुगलिया ने एक खास बातचीत में जानना चाहा कि आखिर जब दोनों तरफ से सुलह और तनाव कम करने की बातचीत हो रही थी तो इस खूनी संघर्ष की नौबत क्यों आई? जवाब में मनोज जोशी ने कहा कि साफ है कि तनाव घटाने के प्रयास कामयाब नहीं हुए. लेकिन ये असल में हुआ क्यों, इस पर अभी साफ तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता, क्योंकि न तो इसपर कोई आधिकारिक बयान आया और न ही वो इलाका ऐसा सुगम है कि वहां से कोई जल्दी खबर आए.
इतना साफ है कि लद्दाख के इस इलाके में चीन कोई नई ही पॉलिसी चला रहा है, और उसे समझना भारत के लिए जरूरी है. हमें ये समझने की जरूरत है कि क्या चीन LAC को बदलना चाहता है और ऐसा वो चाहता है तो क्यों बदलना चाहता है?
मनोज जोशी की एक राय है कि चूंकि गलवान घाटी के इलाके में भारत ने सड़क बना ली है, इसलिए चीन परेशान है. जिस अक्साई चीन पर वो कब्जे किए बैठा है, वहां उसे डर है. उसे लगता है कि गलवान में मजबूत होने के बाद भारत कहीं उसे अक्साई चीन में परेशान न करे, ये हरकत उससे जुड़ी हो सकती है
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