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भारत-चीन सीमा पर शहीद हुए कर्नल और 2 जवान कौन हैं?

गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में शहीद हुए भारतीय जवान

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भारत और चीन के जवानों के बीच सोमवार रात हुई हिंसक झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल और दो जवान शहीद हो गए. बताया गया कि इस दौरान गोली चलने से किसी की मौत नहीं हुई, बल्कि हिंसक झड़प के दौरान ही भारतीय जवान शहीद हुए. शहीद हुए कर्नल का नाम संतोश बाबू है. जो 16 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर थे. वहीं एक जवान तमिलनाडु का रहने वाला है. जिनका नाम हवलदार पलनी बताया जा रहा है. वहीं शहीद हुए तीसरे जवान सिपॉय ओझा हैं.

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गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में शहीद हुए कर्नल संतोष बाबू पिछले एक साल से भी ज्यादा वक्त से चीन की सीमा पर तैनात थे. वो तेलंगाना के रहने वाले थे. कर्नल संतोश के पिता एक फिजिकल टीचर थे. उनकी पढ़ाई हैदराबाद के एक सैनिक स्कूल से हुई थी.

जिसके बाद उन्होंने देहरादून आईएमए में अपनी ट्रेनिंग पूरी की. इसके बाद कर्नल संतोष को पहली पोस्टिंग जम्मू-कश्मीर में मिली. वो अपने पीछे अपनी पत्नी, एक बेटी और एक बेटे को छोड़ गए.

मां को बेटे पर गर्व

कर्नल संतोष की मां ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि वो इस खबर से दुखी भी हैं और खुश भी हैं. उन्होंने कहा कि,

“मैं खुश इसलिए हूं क्योंकि मेरे बेटे ने देश के लिए अपनी जान दी है. उस पर मुझे गर्व है. लेकिन एक मां होने के नाते काफी दर्द भी है, वो मेरा अकेला बेटा था.”
मंजुला, शहीद कर्नल संतोष की मां

कर्नल संतोष के अलावा तमिलनाडु के जवान पलानी भी चीन के साथ हुई इस झड़प में शहीद हुए. उनके शहीद होने की सूचना मिलने के बाद राज्य के सीएम पलानीस्वामी ने भी ट्वीट कर परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की. 40 साल के जवान पलानी रामनाथपुरम के एक गांव के रहने वाले थे.

लोकल मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पलानी 18 साल की उम्र में ही भारतीय सेना में शामिल हुए थे. उनका एक बेटा और एक बेटी हैं.

भारत के तीसरे शहीद हुए जवान का नाम हवलदार सिपॉय ओझा बताया गया है. ओझा भी इस झड़प के दौरान अपनी पूरी टीम के साथ वहां पर मौजूद थे. लेकिन हिंसक झड़प के बाद वो शहीद हो गए. सिपॉय झारखंड के रहने वाले थे.

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