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कोई चीनी घुसपैठ हुई नहीं तो जवानों को क्यों देनी पड़ी जान?- सिब्बल

भारत और चीनी सेना के बीच हुई हिंसक झड़प पर पीएम के बयान पर कई विपक्ष के नेता लगातार सवाल उठा रहे हैं

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कोई घुसपैठ हुई नहीं तो जवानों को क्यों देनी पड़ी जान?-कपिल सिब्बल
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कोई घुसपैठ हुई नहीं तो जवानों को क्यों देनी पड़ी जान?-कपिल सिब्बल
(फोटो: Twitter/Facebook)

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गलवान घाटी में भारत और चीनी सेना के बीच हुई हिंसक झड़प पर पीएम मोदी के बयान पर कई विपक्ष के नेता और कुछ एक्सपर्ट लगातार सवाल उठा रहे हैं. पीएम ने सर्वदलीय बैठक में कहा था कि ''पूर्वी लद्दाख में जो हुआ...न वहां कोई हमारी सीमा में घुस आया है और न ही कोई घुसा हुआ है, न ही हमारी कोई पोस्ट किसी दूसरे के कब्जे में है.''

अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कहा है कि आर्मी जनरल के बयान और सैटेलाइट इमेजरी दिखाती है कि चीनियों ने इस पार आकर कब्जा करने की कोशिश की.

वो 8Km तक अंदर आए, 60 परमानेंट ढांचे और बंकर बनाए
कपिल सिब्बल

कपिल सिब्बल ने कहा,

PM ने कहा कि हमारी सरहद के पार कोई नहीं आया. PM जी अपने बयान दे रहे हैं, रक्षा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय अपने. तो क्या कर्नल संतोष और 19 जवानों की जान ऐसे ही चली गई. अगर कोई घुसपैठिया यहां आया ही नहीं था तो जवानों को जान क्यों देनी पड़ी ये सवाल उठता है. जिन्होंने कुर्बानी दी उनके परिवार के लोग अब पूछते हैं कि बताइए प्रधानमंत्री जी हमें जवाब चाहिए. 

वो वहां बैठे हैं, हम कह रहे कब्जा नहीं हुआ: सिब्बल

कपिल सिब्बल ने आगे कहा कि चीनी सैनिक वहां कब्जा जमाए बैठे हुए हैं. अगर कोई चीनी सिपाही सरहद पार नहीं आया था तो देश के 20 जवानों को कुर्बानी क्यों देनी पड़ी, 85 जवान घायल क्यों हुए और 10 जवानों को चीन ने कैद भी कर लिया, इसकी क्या जरूरत थी?

चीन ने ताकत से लद्दाख में LAC पर बदली यथास्थिति: शशि थरूर

इससे पहले भारत और चीन के बीच हुई झड़प पर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा है कि 'चीन ने वास्तव में विवादित क्षेत्र हड़प लिया है'. थरूर का कहना है कि 'पहले की स्थिति पर दोबारा लौटना अब नामुमकिन है, जब तक कि चीन पीछे न हटे' ये शर्म वाली बात है और इसकी संभावना कम है.

सीमा स्थिति पर प्रधानमंत्री मोदी की सर्वदलीय बैठक के एक दिन बाद क्विंट से बात करते हुए शशि थरूर ने कहा-

“गलवान घाटी और पैंगोंग सो में वो पोजीशन हासिल करके जो चीन के पास पहले नहीं थी, उसने एकतरफा तौर पर ताकत से यथास्थिति बदल दी है. ये वो इलाके हैं जिन पर भारत का दावा है और जहां हम पेट्रोलिंग करते हैं और दोनों देश मानते थे कि LAC कहां है इसके अलग-अलग नजरिये हैं. इन घटनाओं का मतलब है कि चीन ने वास्तव में विवादित क्षेत्र हड़प लिया है और भारत के लिए पहले की तरह पेट्रोलिंग करना मुश्किल बना दिया है.

पीएम मोदी के बयान पर थरूर ने क्विंट से कहा कि इसका मतलब है उन्होंने ‘नरमी’ से ‘नई वास्तविकता’ को स्वीकार कर लिया है, जो कि एक ‘धक्का’ है.

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