लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच हुई झड़प पर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा है कि 'चीन ने वास्तव में विवादित क्षेत्र हड़प लिया है'. थरूर का कहना है कि 'पहले की स्थिति पर दोबारा लौटना अब नामुमकिन है, जब तक कि चीन पीछे न हटे' ये शर्म वाली बात है और इसकी संभावना कम है.
सीमा स्थिति पर प्रधानमंत्री मोदी की सर्वदलीय बैठक के एक दिन बाद क्विंट से बात करते हुए शशि थरूर ने कहा, "गलवान घाटी और पैंगोंग सो में वो पोजीशन हासिल करके जो चीन के पास पहले नहीं थी, उसने एकतरफा तौर पर ताकत से यथास्थिति बदल दी है. ये वो इलाके हैं जिन पर भारत का दावा है और जहां हम पेट्रोलिंग करते हैं और दोनों देश मानते थे कि LAC कहां है इसके अलग-अलग नजरिये हैं. इन घटनाओं का मतलब है कि चीन ने वास्तव में विवादित क्षेत्र हड़प लिया है और भारत के लिए पहले की तरह पेट्रोलिंग करना मुश्किल बना दिया है, भारतीय पोजीशन पर नजर रखने वाली पोजीशन पर खुद को जमाया और अब उसके पास SBDO रोड पर पाबंदी लगाने की क्षमता है."
19 जून को सर्वदलीय बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि भारत में कोई घुसपैठ नहीं हुई है. पीएम ने ये संकेत दिया कि चीन ने बॉर्डर पार नहीं किया है या कोई भारतीय पोस्ट कब्जाई नहीं है. 20 जून को पीएमओ ने इस बयान पर सफाई जारी करते हुए कहा, "हमारे सैन्य बलों के बलिदान की वजह से पैदा हुई स्थिति से संबंधित पीएम ने कहा था कि LAC पर हमारी तरफ चीन की कोई मौजूदगी नहीं है." पीएमओ ने कहा कि प्रधानमंत्री के बयान को 'गलत तरह से पेश करने की कोशिशें हो रही हैं'.
पीएम मोदी के बयान पर थरूर ने क्विंट से कहा कि इसका मतलब है उन्होंने ‘नरमी’ से ‘नई वास्तविकता’ को स्वीकार कर लिया है, जो कि एक ‘धक्का’ है.
पहले की स्थिति पर दोबारा लौटना अब नामुमकिन है, जब तक कि चीन पीछे न हटे. पीछे हटने में शर्म की बात है और अपने साथ लाए इक्विपमेंट और वहां शुरू की गई कंट्रक्शन एक्टिविटी को देखकर ऐसा होने की संभावना कम है. जैसा कि पीएम के बयान से लगता है, अगर भारत नरमी से नई वास्तविकता स्वीकार कर लेता है तो ये निश्चित रूप से एक धक्का है.क्विंट से शशि थरूर ने कहा
'पीएम के बयान से चीन को मजबूती मिली'
इससे पहले शशि थरूर ने ट्विटर पर पीएम मोदी के बयान पर लिखा कि 'उन्होंने चीन को ये कहने का साधन दे दिया है कि जहां लड़ाई हुई है वो हमारा क्षेत्र है, तुम्हारा नहीं.'
थरूर ने लिखा, "शॉर्ट-टर्म घरेलू राजनीतिक संदेश देने की इच्छा को लॉन्ग-टर्म रणनीतिक विचारों से पहले रखना देशहित में नहीं है. अगर पीएम को ये बेहतर तरह से नहीं पता है, तो उन्हें बेहतर सलाह दी जानी चाहिए."
15 जून को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच हुई खूनी झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए. चीन के भी कई सैनिकों के मरने की खबर है. हालांकि चीन की तरफ से कोई आधिकारिक आंकड़ा जारी नहीं हुआ है.
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