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पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जारी तनाव को और अधिक बढ़ने से रोकने के लिए भारत और चीन की सेना ने शनिवार को बातचीत की. दोनों पक्षों ने उन बिंदुओं से सैन्य बलों को हटाने पर चर्चा की, जहां वह एक-दूसरे के आमने-सामने डटे हुए हैं.
दोनों पक्षों के ब्रिगेड कमांडरों ने चुशुल में मुलाकात की. यह बैठक सुबह 11 बजे से दोपहर तीन बजे तक चली, लेकिन बातचीत 'बेनतीजा' रही.
दोनों देशों के सैन्य प्रतिनिधि सात सितंबर से लगातार बातचीत कर रहे हैं, जिस दिन चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने यथास्थिति बदलने का प्रयास किया था और नियंत्रण रेखा से लगते क्षेत्रों पर कब्जा करने के लिए भड़काऊ कदम उठाया था.
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि दोनों सेनाओं के बीच विश्वास अब पूरी तरह से टूट चुका है. चीन ने पैंगॉन्ग त्सो-चुशुल क्षेत्र में हजारों सैनिक, टैंक और हथियार जुटाए हैं. चीनी सैनिक भारतीय जवानों से चंद कदमों की दूरी पर ही हैं.
चीनियों ने भारतीय सैनिकों को पहाड़ की ऊंचाइयों से हटाने के लिए कई प्रयास किए हैं. भारत ने यह भी पाया है कि चीनी पक्ष ने एलएसी - पश्चिमी (लद्दाख), मध्य (उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश) और पूर्वी (सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश) के तीन क्षेत्रों में सेना, तोप और बख्तरबंद वाहनों को जुटाना शुरू कर दिया है.
भारत और चीन की सेना पूर्वी लद्दाख में एलएसी के पास चार महीने से आमने-सामने हैं. कई स्तरों की बातचीत के बावजूद, कोई सफलता नहीं मिली है और गतिरोध जारी है.
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