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भारत और नेपाल के बीच सीमा को लेकर चल रहा विवाद अब खत्म होता दिख रहा है. ताजा जानकारी के मुताबिक इंडियन मिशन इन नेपाल के तहत भारत नेपाल के 7 जिलों में स्कूल बनाने जा रहा है. दरअसल इन स्कूलों का पु्र्ननिर्माण किया जाएगा. बताया गया है कि भारत नेपाल में कुल 56 हायर सेकेंडरी स्कूलों का कायाकल्प करने जा रहा है. इसके लिए एक एग्रीमेंट भी साइन किया गया है.
भारत और नेपाल के बीच अच्छे रिश्तों की खबर काफी दिनों बाद सामने आई है. इससे पहले सिर्फ लगातार तनातनी की खबरें सामने आ रही थीं.
असली विवाद तब हुआ जब नेपाल की संसद से एक नक्शा पास होने की खबर सामने आई. बताया गया कि नेपाल ने अपना एक नया नक्शा बनाया है, जिसमें भारतीय इलाके को भी नेपाल में दिखाया गया है. इसमें लिपुलेख दर्रा वाला हिस्सा भी शामिल था. नेपाल की इस हरकत को लेकर भारत सरकार ने भी तुरंत जवाब दिया. भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा,
इसके अलावा नेपाल के प्रधानमंत्री और अन्य नेताओं ने भारत के खिलाफ लगातार बयानबाजी शुरू कर दी थी. फिर चाहे वो भारतीय आर्मी के चीफ नरवणे के बयान को लेकर नेपाल का जवाब हो या फिर कोरोना के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराने वाली बात हो, नेपाल ने हर मोर्चे पर भारत को घेरने की कोशिश की.
हालांकि इस विवाद को लेकर अच्छी खबर तब आई जब बताया गया कि विवादित नक्शे को लेकर नेपाल पीछे हट गया है. दरअसल नेपाल की संसद में 27 मई को इस नक्शे पर संविधान संशोधन का प्रस्ताव रखा जाना था. लेकिन ऐन मौके पर इसे वापस ले लिया गया. इस पूरे प्रस्ताव को ही संसद की कार्यसूची से हटा दिया गया. जिसके बाद भारत-नेपाल के रिश्तों में नरमी आना शुरू हुआ.
नेपाल के नक्शा वापस लेने वाली खबर के बाद भारत के खास मिशन के तहत नेपाल में स्कूलों का निर्माण होना भी दोनों देशों के लिए अच्छी खबर है. इस एग्रीमेंट से कहीं न कहीं पिछले कुछ हफ्तों से चल रहा तनाव जरूर कम होगा.
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