Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019करुणानिधि को कलैनार क्यों कहते हैं? उनकी जिंदगी से जुड़ी खास बातें

करुणानिधि को कलैनार क्यों कहते हैं? उनकी जिंदगी से जुड़ी खास बातें

साहित्य, फिल्मों से राजनीति तक बुलंदियों पर रहने वाले करुणानिधि के बारे में खास बातें

क्विंट हिंदी
भारत
Published:
करुणानिधि को कलैनार क्यों कहते हैं? उनकी जिंदगी से जुड़ी खास बातें
i
करुणानिधि को कलैनार क्यों कहते हैं? उनकी जिंदगी से जुड़ी खास बातें
(फोटो: AP)

advertisement

दक्षिण भारत की कम से कम 50 फिल्मों की कहानियां और डायलॉग लिखने वाले करुणानिधि ने अपने पहचान एक राजनेता के तौर पर बनाई. उनके अंदर कला और राजनीति का ऐसा बेजोड़ मिश्रण था कि जो उन्हें दूसरे नेताओं से अलग बनाता था. यही कारण हैं कि उन्हें थलैवर यानी 'जननेता' और कलैनार यानी 'महान कलाकार' जैसे संबोधनों से पहचाना जाता था.

(फोटो: Wikimedia Commons)एक्टर शिवाजी गणेशन के साथ करुणानिधि (बीच में)

साल 1938 में हिंदी विरोधी प्रदर्शनों के साथ ही करुणानिधि ने राजनीति की शुरुआत की. तब वो सिर्फ 14 साल के थे. बाद में ई वी रामसामी ‘पेरियार' और डीएमके चीफ सी एन अन्नादुरई की विचारधारा से बेहद प्रभावित करुणानिधि द्रविड़ आंदोलन के सबसे भरोसेमंद चेहरा बन गए.

(फोटो: Thalaivar Kalaignar.blogspot)एमजीआर, अन्नादुरई के साथ करुणानिधि

इस आंदोलन का मकसद दबे कुचले वर्ग और महिलाओं को समान अधिकार दिलाना था, साथ ही ये आंदोलन ब्राह्मणवाद पर भी चोट करता था.

(फोटो: पीटीआई)
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

करुणानिधि 1957 से 6 दशक तक लगातार विधायक रहे. जो भी चुनाव लड़े, हर में जीत हासिल की.

अन्नादुरई के साथ करुणानिधि(फोटो: Thalaivar Kalaignar.blogspot)

फरवरी 1969 में अन्नादुरई के निधन के बाद वी आर नेदुनचेझिएन को मात देकर करुणानिधि पहली बार मुख्यमंत्री बने. उन्हें मुख्यमंत्री बनाने में एम जी रामचंद्रन ने अहम भूमिका निभाई थी.

करुणानिधि 27 जुलाई, 1969 को डीएमके के अध्यक्ष बने थे. ऐसे में वो भारतीय राजनीति में किसी भी पार्टी के पहले ऐसे अध्यक्ष रहे जिन्होंने इस पद पर 50 साल गुजारे.

करुणानिधि 27 जुलाई, 1969 को डीएमके के अध्यक्ष बने थे(फोटो: Thalaivar Kalaignar.blogspot)

करुणानिधि साल 1969, 1971, 1989, 1996 और 2006 में कुल 5 बार तमिलनाडु के सीएम बने.

(फोटो: पीटीआई)

राजनीति में न तो स्थाई दोस्त होते हैं और न ही दुश्मन, इस कहावत को चरितार्थ करते हुए करुणानिधि ने कई बार कांग्रेस को समर्थन दिया. केंद्र की यूपीए सरकार में डीएमके के अनेक मंत्री रह चुके हैं.

(फोटो: पीटीआई)

इसके अलावा उन्होंने बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए को भी समर्थन दिया और अटल बिहारी वाजपेई कैबिनेट में भी उनके कई मंत्री थे.

(फोटो: पीटीआई)

राजनीति से अलग करुणानिधि ने अपनी पहली फिल्म राजकुमारी से ही लोकप्रियता हासिल की. उनके द्वारा लिखी गई पटकथाओं में राजकुमारी, अबिमन्यु, मंदिरी कुमारी, मरुद नाट्टू इलावरसी, मनामगन, देवकी, पराशक्ति, पनम, तिरुम्बिपार, नाम, मनोहरा शामिल हैं.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT