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अयोध्या में 5 अगस्त को राम मंदिर की आधारशिला रखी जाएगी. इस कार्यक्रम के लिए बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी को भी न्योता दिया गया है. द इंडियन एक्सप्रेस से इंटरव्यू में अंसारी ने कहा है कि वो इस कार्यक्रम में जरूर जाएंगे. इकबाल अंसारी कहते हैं कि उनके पिता और उन्होंने एक टाइटल के लिए लड़ाई लड़ी थी, लोगों और उनके आस्था से नहीं. सालों से चले आ रहे अयोध्या भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर 2019 को हिंदू पक्ष के हक में फैसला सुनाया था.
इकबाल अंसारी और उनके पिता हाशिम अंसारी ने बाबरी मस्जिद के पक्षकार थे. चार साल पहले 96 साल की उम्र में उनके पिता का निधन हो गया. द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में इकबाल अंसारी ने न्योते पर कहा, "मैं क्यों नहीं जाऊंगा? पीएम खास इसी कार्यक्रम के लिए आ रहे हैं. अतीत को भूल जाइए, वो अब गया."
अंसारी का कहना है कि अयोध्या धर्मनगरी है और लोग यहां बड़ी उम्मीदों से आते हैं. "वो इस उम्मीद में आते हैं कि उनकी प्रार्थना सुनी जाएगी. कोई इसे कैसे नजरअंदाज कर सकता है? मेरे पिता और मैंने एक टाइटल से लड़ाई लड़ी थी, लोगों और उनकी आस्थाओं से नहीं." इकबाल अंसारी अब पीछे नहीं देखना चाहते.
भूमि पूजन का न्योता कार सेवक रमेश पांडे की पत्नी, गायत्री देवी को भी दिया गया है. रमेश 2 नवंबर 1990 को बाबरी मस्जिद गिराने की कोशिश में लगे कार सेवकों में से एक थे. पुलिस की गोली लगने से उनकी मौत हो गई थी. पब्लिकेशन से गायत्री देवी ने कहा कि वहां जाने से उनके पति की आत्मा को शांति मिलेगी.
अयोध्या में 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर की आधारशिला रखेंगे. आयोजन में भारत के लगभग 36 आध्यात्मिक परंपराओं के 135 संतों को निमंत्रण भेजा गया है. विशिष्ट अतिथि के तौर पर RSS प्रमुख मोहन भागवत मौजूद रहेंगे. भूमि पूजन बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) के ज्योतिष विभाग के हेड प्रोफेसर विनय कुमार पांडेय के निर्देशन में होगा.
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