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तमिलनाडु की पूर्व सीएम जे जयललिता की मौत से पहले ट्रीटमेंट पर नया खुलासा हुआ है. अपोलो हॉस्पिटल के नाम से जयललिता के आखिरी 75 दिनों में उनके ट्रीटमेंट पर 6.85 करोड़ का खर्च होने का दस्तावेज सामने आया है. ये दस्तावेज उनकी मौत के कारणों से जुड़ी जांच करने वाली समिति को दिया गया है और अब ये सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
पूरे एक लंबे पेज में 6 करोड़ 85 लाख का ब्योरा सारी जानकारी के साथ है. साथ ही 44.56 लाख का आउटस्टैंडिंग अमाउंट है. AIDMK पार्टी ने 15 जून 2017 को 6 करोड़ का पेमेंट किया था जबकि 5 दिसंबर 2016 को जयललिता की मौत हुई थी.
हांलाकि 41.13 लाख रुपए हॉस्पिटल को मिलने की जानकारी है. लेकिन ये रकम किसने जमा की इसका जिक्र नहीं है. जब जांच समिति से इसके बारे में पूछा गया तो उन्होंने इसके बारे में कुछ भी कहना से मना किया है.
हालांकि बिल असली ही है और ये जांच समिति को 27 नवंबर 2018 को दिए गए. हॉस्पिटल काउंसिल के मैमूना बादशा ने PTI को बताया कि मुताबिक “इस बिल में सारी जानकारी नहीं है, इससे जुड़ी सारी जानकारी करीब 200 पन्नों की है. हमें ये जानकर हैरानी है कि समिति को जो बिल 27 नवंबर को गोपनीय तरीके से दिए गए थे वो लीक हो गए”
सोशल मीडिया पर लोगों ने बिल पोस्ट किए हैं
हालांकि बिल असली ही है और ये जांच समिति को 27 नवंबर 2018 को दिए गए. हॉस्पिटल काउंसिल के मैमूना बादशा ने PTI को बताया कि मुताबिक “इस बिल में सारी जानकारी नहीं है, इससे जुड़ी सारी जानकारी करीब 200 पन्नों की है. हमें ये जानकर हैरानी है कि समिति को जो बिल 27 नवंबर को गोपनीय तरीके से दिए गए थे वो लीक हो गए”
जयललिता की मौत 75 दिन अस्पताल में भर्ती रहने के बाद 5 दिसंबर 2016 को हुई थी. सितंबर 2017 में राज्य सरकार ने उनके 5 महीने के दौरान ट्रीटमेंट पर और उनकी मौत के कारणों की जांच करने के लिए जांच समिति का गठन किया था.
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