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Jaishankar का चीन को संदेश-भारत ऐसा देश है जिसे मजबूर नहीं किया जा सकता

S Jaishankar ने कहा कि उत्तरी सीमा पर चीन समझौतों का उल्लंघन करके यथास्थिती को बदलने की कोशिश कर रहा है.

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भारत
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<div class="paragraphs"><p>विदेश मंत्री एस जयशंकर</p></div>
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विदेश मंत्री एस जयशंकर

(फाइल फोटो: PTI)

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विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने भारत-चीन सीमा विवाद समेत कई मुद्दों पर बात की है. उन्होंने तुगलक के 53वें वार्षिक उत्सव में अपने संबोधन के दौरान, कोविड महामारी के बीच मई 2020 में LAC पर 'यथास्थिति में एकतरफा परिवर्तन' लाने की कोशिश करने पर भारत की तरफ से दी गई कड़ी प्रतिक्रिया का जिक्र किया.

उन्होंने कहा कि "उत्तरी सीमा पर चीन भारी मात्रा में सैनिकों की तैनाती और समझौतों का उल्लंघन करके यथास्थिति को बदलने की कोशिश कर रहा है. ध्यान रखिए कि कोविड महामारी के बावजूद ये मई 2020 में हुआ, इसपर हमने मजबूत और दृढ़ प्रतिक्रिया दी." उन्होंने आगे कहा कि भारतीय जवान सबसे मुश्किल और खराब मौसम की स्थिति में भी सीमा की रक्षा कर रहे हैं.

'भारत एक ऐसा देश है जिसे मजबूर नहीं किया जा सकता'

उन्होंने इसपर भी अपनी बात रखी कि आज भारत क्यों दुनिया के लिए महत्वपूर्ण है. जयशंकर ने कहा कि दुनिया ने चीन के खिलाफ भारत की प्रतिक्रिया देखी. उन्होंने कहा कि "भारत एक ऐसा देश है जिसे मजबूर नहीं किया जा सकता, हमें अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जो भी लगेगा, हम करेंगे".

जयशंकर ने भारत के भू-राजनीतिक महत्व और भू-सामरिक स्थिति पर भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि,

"भारत के मामले में, भूगोल ने इतिहास की बनाई प्रासंगिकता में वृद्धि की है. भारतीय प्रायद्वीप केंद्र में रहकर महासागर को देख सकता है और उसका नाम भी इसी के (भारत) नाम पर है. हमारी सक्रिय भागीदारी के बिना, कोई ट्रांस-एशिया कनेक्टिविटी पहल पूरी नहीं हो सकती है. हिंद महासागर आज पहले से ज्यादा भू-राजनीतिक महत्व पाने के लिए तैयार है."
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भारत अपनी भोगौलिक स्थिति का कितना अच्छा उपयोग करता है, यह दुनिया के लिए इसकी प्रासंगिकता का एक बड़ा हिस्सा है. भारत इसमें जितना ज्यादा हिस्सा लेता है और प्रभावित करता है, वैश्विक शेयरों में उतनी ही वृद्धि होती है."

ये पहली बार नहीं है, जब जयशंकर ने LAC को 'एकतरफा तरीके से बदलने' की कोशिश पर चीन को लताड़ा है.

इससे पहले ऑस्ट्रियन ZIB2 पॉडकास्ट के साथ एक इंटरव्यू में, जयशंकर ने कहा था, "हमारे बीच LAC को एकतरफा रूप से नहीं बदलने का समझौता था, जो उन्होंने एकतरफा बदलने की कोशिश की. इसलिए, मुझे लगता है ये एक मुद्दा, एक धारणा है जो हमारे पास है और सीधे हमारे अनुभवों से पैदा हुई है."

हाल ही में हुई है भारत और चीन की बैठक

हाल ही में, भारत और चीन ने 20 दिसंबर को चीनी पक्ष के चुशुल-मोल्दो सीमा पर कोर कमांडर स्तर की बैठक का 17वां दौर आयोजित किया, जहां दोनों पक्ष पश्चिमी क्षेत्र में जमीन पर सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने पर सहमत हुए थे.

विदेश मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत के विकास की भी सराहना की और कहा कि इसके चलते वैश्विक मंच पर देश का कद बढ़ा है. उन्होंने कहा कि भारत एक ऐसा देश बन गया है जो वैश्विक एजेंडे को आकार देता है और इसके परिणामों को प्रभावित करता है.

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