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China Covid: चीन में कैसे हैं हालात? भारतीय स्टूडेंट ने दिखाया

कोविड-19 के बढ़ते मामले को देखते हुए यूनिवर्सिटी ने कैंपस से बाहर एक अपार्टमेंट लेना अनिवार्य कर दिया है.

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चीन (China) समेत दुनियाभर में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. वहीं चीन में कोविड-19 संक्रमण के तेजी से प्रसार लोगों के लिए चिंता का विषय बन गया है. हालांकि अभी दुकानों और रेस्तरां आदि पर पाबंदियां नहीं हैं और किराने की खरीदारी, टहलने या खाना खाने जैसे जरूरत को पूरा करने के लिए बाहर जाने की अनुमति है. बता दें कि चीन में कोविड-19 संक्रमण के तेजी से प्रसार के बीच चीन के झेंग्झौ में मेडिकल की पढ़ाई कर रही झारखंड की एक छात्रा ने ब्लॉग शेयर कर चीन के असल हालात के बारे में बताया है.

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झारखंड की एंजल योआना चीन के झेंग्झौ यूनिवर्सिटी में मेडिकल की पढ़ाई कर रही है. जो फिलहाल 28 अक्टूबर, 2022 से चीन में है. एंजल योआना ने कहा कि, 'मैं झारखंड के रांची की एक भारतीय मेडिकल छात्रा हूं जो चीन के झेंग्झौ में रह रही हूं.'

मैं दो साल के बाद 28 अक्टूबर 2022 को वापस चीन आई. यहां पहुंचने के बाद मैं 21 दिनों तक क्वारंटाइन रही. हमने सोचा कि हम परिसर में रहेंगे, लेकिन COVID मामलों में वृद्धि के कारण हमारी यूनिवर्सिटी ने कैंपस से बाहर एक अपार्टमेंट लेना अनिवार्य कर दिया है और हमें वहां जाने की इजाजत नहीं है.
एंजल योआना मेडिकल स्टूडेंट

'मैं चीन में मेडिकल की पढ़ाई कर रही हूं. COVID मामलों की संख्या में उछाल यहां रहने वाले लोगों के लिए चिंता का विषय बन गया है. अभी मेरे शहर में कोई पाबंदियां नहीं है, लेकिन मास्क अनिवार्य कर दिया गया है. हमें किराने की खरीदारी, टहलने या खाना खाने जैसे जरूरत को पूरा करने के लिए बाहर जाने की अनुमति है. अब हमें कोई न्यूक्लिक एसिड एम्प्लीफिकेशन टेस्ट (NAAT) नहीं करना होगा.'

कोविड-19 के बढ़ते मामले को देखते हुए यूनिवर्सिटी ने कैंपस से बाहर एक अपार्टमेंट लेना अनिवार्य कर दिया है.

चीन में मेडिकल की पढ़ाई कर रही हैं एंजल योआना

(फोटो:  एंजल योआना)

यूनिवर्सिटी हमारे स्वास्थ्य को ऐप के माध्यम से करता है ट्रैक

हमारी यूनिवर्सिटी एक मोबाइल ऐप के जरिए हमारे स्वास्थ्य की जानकारी रखती है. हमें कुछ सवालों के जवाब देने होते हैं, जो इसमें पूछे जाते हैं. जैसे कि क्या आपको सर्दी, जुकाम या कोई अन्य लक्षण है. फिलहाल हमारी ऑनलाइन परीक्षाएं चल रही हैं. लेकन हमें कहा गया है कि अगले सेमेस्टर से ऑफलाइन क्लासेज होंगी.

'मेरा परिवार झारखंड (भारत) में हैं और कोविड मामलों में उछाल की खबरें देखने और पढ़ने के बाद मेरे माता-पिता मेरे बारे में चिंतित हैं. लेकिन मैं उनसे रोज बात करती हूं. जिससे उन्हें यहां की स्थिति की जानकारी रोजाना मिल जाती है. वे मुझे बताते हैं कि परिवार के अन्य सदस्य के फोन आते रहते हैं कि 'क्या मैं ठीक हूं.' 

फिलहाल, हम यहां ठीक हैं और हम सतर्क रहते हैं और सभी कोविड COVID प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं. उम्मीद है कि चीजें बेहतर होंगी. कोरोना की एक और लहर फिर से हमें अनुभव ना करना पड़े.

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