Home News India Jallikattu आखिर कैसे शुरू हुआ ये जानलेवा और विवादित 'खेल'? देखें तस्वीरें
Jallikattu आखिर कैसे शुरू हुआ ये जानलेवा और विवादित 'खेल'? देखें तस्वीरें
जल्लीकट्टू को सुप्रीम कोर्ट ने साल 2015 में बैन कर दिया था
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Jallikattu का क्या है इतिहास
फोटो: पीटीआई)
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तमिलनाडु में विवादित खेल जल्लीकट्टू (Jallikattu ) का आयोजन किया जा रहा है. पुडुकोट्टई जिले के गंदरवाकोट्टई तालुक के थाचनकुरिची में रविवार को सीजन के पहले दिन जल्लीकट्टू उत्सव को देखने और इसमें भाग लेने के लिए हजारों लोग जमा हुए, सांडों को वश में करने की कोशिश में 74 लोग घायल भी हो गए हैं. आखिर इतने खतरे के बाद भी क्यों खेला जाता है ये खतरनाक खेल क्या है इसकी कहानी?
तमिलनाडु का पारंपरिक खेल जल्लीकट्टू 2,300 साल पुराना है. ये शब्द सल्लीकट्टू से निकला है. सल्ली का मतलब होता है 'सिक्के' और कट्टू का अर्थ है 'स्ट्रिंग बैग'. इस बैग का इस्तेमाल आज भी दक्षिण भारत के गांव में होता है.
(फोटो: पीटीआई)
सल्लीकट्टू का मतलब है सिक्कों से भरा बैग, जिसे सांड के सींगों पर बांध दिया जाता है, जिसे प्रतियोगी को काबू में करना होता है.
(फोटो: पीटीआई)
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इस खेल को Yaeru Thazhuvuthal भी कहा जाता है, जिसका मतलब है सांड को गले लगाना. इस खेल में एक छोटी सी गली में दोनों तरफ स्टैंड लगाए जाते हैं और गली में जुती हुई मिट्टी होती है. सांड को Vaadivaasal से भगाया जाता है, जहां से प्रतियोगी सांड को कुछ सेकेंड के लिए पकड़ने की कोशिश करते हैं.
(फोटो:IANS)
जानवरों के प्रति क्रूरता की कई शिकायतों की वजह से दशकों से इस खेल को बैन करने की भी कोशिश की जा रही है. पिछले कुछ सालों में इस खेल में कई लोग इस खेल में अपनी जान भी गंवा चुके हैं. साल 2008-14 के बीच इस खेल में 43 व्यक्ति और 4 सांड की जान चली गई.
(फोटो: पीटीआई)
जल्लीकट्टू को सुप्रीम कोर्ट ने साल 2015 में बैन कर दिया था. लेकिन इस फैसले के खिलाफ प्रदेशभर में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया गया, जिसके बाद इसे वैध करार दिया गया. राजनेता इस खेल को अपनी संस्कृति से जोड़कर वोट साधने की कोशिश करते आ रहे हैं.