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झारखंड (Jharkhand) के कोडरमा (Koderma) में चैती दुर्गा पूजा की प्रतिमा के विसर्जन जुलूस में इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली घटना हुई. धार्मिक जुलूस में अधार्मिक कृत्य होता रहा. भगवान को याद करने की जगह सैकड़ों की भीड़, डीजे की धुन पर नाचते हुए धर्म विशेष को गालियां देती रही. और ये सब कुछ पुलिस के सामने होता रहा. इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
जहां रामनवमी (Ram Navami) जुलूस में देश के कई हिस्सों में भड़काऊ गाने, नारे और पथराव की घटना सामने आई थी वहीं अब झारखंड के कोडरमा में वायरल हुए इस वीडियो ने हंगामा खड़ा कर दिया है.
जब सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हुआ, लोगों ने विरोध जताना शुरू किया तो इस मामले पर पुलिस जागी और एक्शन लिया. पुलिस के मुताबिक अब तक इस घटना से जुड़े कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है और बाकियों की तलाश जारी है.
कुमार गौरव, एसपी, कोडरमा ने क्विंट हिंदी को बताया कि इस मामले में त्वरित कार्यवाही करते हुए गिरफ्तारी की गई है. साथ ही वीडियो में दिख रहे लोग और वीडियो को वायरल करने वालों पर कार्रवाई की जा रही है.
कोडरमा पुलिस ने कहा,
घटना के दौरान पुलिस के मूकदर्शक बने रहने पर क्विंट ने कुमार गौरव से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि हम लोग वीडियो में दिख रहे पुलिस वालों के रोल की भी जांच कर रहे हैं.
वहीं दूसरी ओर ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस ने आम लोगों के साथ बनी शांति समिति की बैठक भी की. पुलिस ने कहा, "आज कोडरमा जिले में शांति समिति के बैठक के बाद दोनों समुदाय के लोगों द्वारा एकजुटता का परिचय देते हुए भाईचारा व शांति बनाए रखने एवं किसी भी प्रकार के अफवाहों को ना फैलाने की अपील की गई."
स्थानीय लोगों के मुताबिक रविवार 10 अप्रैल को राम नवमी के दिन ही माहौल बिगाड़ने की साजिश की खबर लोगों को मिल रही थी. और अगले ही दिन सोमवार को दंगाईयों ने दिन दहाड़े कोडरमा बाजार स्थित एक समुदाय विशेष की दुकानों पर हमला किया. लोगों का आरोप है कि करीब आधा दर्जन से ज्यादा दुकानों में तोड़फोड़ और लूटपाट हुई. दुकानदारों को बुरी तरह पीटकर घायल कर दिया गया.
लोगों का ये भी आरोप है कि आधा घंटे तक बलवाई उत्पात मचाते रहे, लेकिन हंगामे की जगह से सौ मीटर दूर स्थित कोडरमा थाना की पुलिस इसे रोकने के लिए नहीं पंहुची. वहीं इसके बाद मंगलवार को दुर्गा पूजा विसर्जन जुलूस निकला, बीच बाजार में मजिस्ट्रेट और पुलिस फोर्स की उपस्थिति में काफी देर तक अत्यंत उत्तेजक और भड़काऊ नारे लगाए जाते रहे, लेकिन प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की.
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