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VC को हटाने की मांग पर अड़े JNU के छात्र, पुलिस के साथ हुई झड़प

HRD सचिव के साथ JNU प्रतिनिधिमंडल की बैठक हुई

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भारत
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जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में हुई हिंसा के बाद छात्र अब यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर के इस्तीफे की मांग पर अड़ गए हैं. इसके मद्देनजर गुरुवार को प्रदर्शनकारी छात्रों ने मंडी हाउस से एचआरडी मंत्रालय तक मार्च निकाला. इसी बीच छात्रों की पुलिस से झड़प की खबरें भी सामने आई हैं. अंबेडकर भवन के पास पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी लिया, हालांकि बाद में छोड़ दिया.

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दिल्ली पुलिस ने बताया, JNU छात्रों और टीचर्स ने मंडी हाउस से एचआरडी मंत्रालय तक मार्च निकाला. टीचर समेत 9 लोगों के प्रतिनिधिमंडल ने HRD मिनिस्ट्री के सचिव से मुलाकात की. उनकी मीटिंग तक सबकुछ शांत रहा. लेकिन, जब जेएनयू प्रतिनिधिमंडल बैठक के बाद मंत्रालय से बाहर आया, तो छात्र नेताओं में से एक ने छात्रों को राष्ट्रपति भवन की ओर बढ़ने के लिए उकसाया.

पुलिस ने कहा, इसके बाद पुलिस ने राजेंद्र नगर रोड पर सामान्य यातायात बंद कर दिया गया और छात्रों को राष्ट्रपति भवन की ओर जाने से रोका. इस दौरान 11 लोगों को हिरासत में लिया गया और बाद में रिहा कर दिया गया.

HRD सचिव के साथ JNU प्रतिनिधिमंडल की बैठक में जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष भी शामिल हुई थी. बैठक के बाद आइशी घोष ने कहा, जब तक VC को नहीं हटाया जाएगा, कोई बात नहीं होगी.

“शाम 6 बजे के बाद महिला प्रदर्शनकारियों को हिरासत में क्यों लिया?”

कुछ महिला प्रदर्शनकारियों की हिरासत पर JNUSU ने ट्ववीट करके दिल्ली पुलिस से सवाल किया कि महिला प्रदर्शनकारियों को शाम छह बजे के बाद और महिला पुलिस ऑफिसरों के बिना हिरासत में क्यों लिया गया?

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JNU हिंसा आधिकारिक प्रायोजित गुंडागर्दी है: जयराम रमेश

JNU में 5 जनवरी को हुई हिंसा की घटना पर कांग्रेस ने बीजेपी पर हमला बोला है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि इस पूरी घटना की तैयारी पहले से ही हो चुकी थी और इसके पीछे केंद्र का एचआरडी मंत्रालय और गृहमंत्रालय शामिल है. उन्होंने इस स्पॉन्सर्ड गुंडागर्दी करार दिया.

जयराम रमेश ने कहा, “72 घंटे से भी ज्यादा बीत चुके हैं. ये घटना अचानक नहीं हुई, क्योंकि ये पहले से ही प्लान की गई थी. हम सब जानते हैं कि इसके पीछे कौन है. एमएचआरडी और गृहमंत्रालय इस हिंसा के पीछे हैं. यह एक आधिकारिक तौर पर प्रायोजित गुंडागर्दी है.

बता दें, जेएनयू में कुछ नकाबपोशों के घुसने और छात्रों से जमकर हुई मारपीट के बाद ये मुद्दा चर्चा में है. जेएनयू के इस मामले को लेकर कांग्रेस लगातार बीजेपी सरकार पर हमलावर है. कांग्रेस ने घटना के बाद पुलिस और केंद्र सरकार पर सवाल खड़े किए. इसके अलावा कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक कमेटी भी गठित कर दी. जो जेएनयू में हुई हिंसा के तथ्यों की जांच कर रही है. महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता देव इस टीम का नेतृत्व कर रही हैं.

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