Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019"JNU के छात्र सरकार को चुभते हैं": JNUSU के अध्यक्ष धनंजय अपनी जीत पर क्या बोले?

"JNU के छात्र सरकार को चुभते हैं": JNUSU के अध्यक्ष धनंजय अपनी जीत पर क्या बोले?

धनंजय जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ आर्ट्स एंड एस्थेटिक्स से पीएचडी छात्र हैं.

क्विंट हिंदी
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>"JNU के छात्र सरकार को चुभते हैं": JNUSU के अध्यक्ष धनंजय अपनी जीत पर क्या बोले?</p></div>
i

"JNU के छात्र सरकार को चुभते हैं": JNUSU के अध्यक्ष धनंजय अपनी जीत पर क्या बोले?

(फोटो: PTI)

advertisement

"JNU कैंपस में जिस तरह से हमले हो रहे हैं, पॉलिसी लेवल पर हमला हो रहा है, फंड कट किए जा रहे हैं, लाइब्रेरी के फंड कट हो रहे हैं, लाइब्रेरी लेवल पर हॉस्टल की स्थिति ठीक नहीं है. देश में मंहगाई लगातार बढ़ रही है लेकिन फेलोशिप को बढ़ने नहीं दिया जा रहा है. इन सभी मुद्दों को लेकर हम चुनाव में आए थे." ये शब्द जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के नए छात्रसंघ अध्यक्ष धनंजय के हैं.

धनंजय बिहार के गया जिले के निवासी हैं. उन्होंने 22 मार्च को संपन्न हुए जेएनयू छात्रसंघ चुनाव में अखिल भारतीय छात्र संघ (AISA) के बैनर तले जीत हासिल की है.

धनंजय जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ आर्ट्स एंड एस्थेटिक्स से पीएचडी छात्र हैं. जेएनयू में 27 साल बाद ऐसा मौका आया है जब कोई दलित जातीय का छात्र अध्यक्ष बना है. इससे पहले आखिरी बार 1996-97 में ऐसा हुआ था.

दलित को अध्यक्ष बनने में 27 साल क्यों लगे?

इस सवाल के जवाब में धंनजय ने कहा, "इस कैंपस की रवायत रही है कि संघर्ष करने वाले लोगों को लोग सराखों पर रखते हैं. हमने संघर्ष बाबा साहब के संविधान को लेकर किया है. हम संघर्ष कर रहे हैं तो बाबा साहब के जातीय विनाश और वर्ग संघर्ष में रहे हैं. हम चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा लोग पढ़ सकें, उस संघर्ष में रहे हैं. ऐसे संघर्षों में लोग तमाम सवालों को लेकर छात्र आंदोलन से जुड़ते हैं, वहां जातीय नहीं पूछी जाती है.

विनय शर्मा की फिल्म 'JNU' को लेकर पूछे गये सवाल पर धंनजय ने कहा, "इस तरह की फिल्म बदमान करने के लिए बनती हैं क्योंकि सरकार को बहुत चुभता है कि यहां के छात्र क्यों बोलते हैं."

संयुक्त लेफ्ट की जीत के क्या मायने हैं?

इस पर उन्होंने कहा, "देश में सांप्रदायिकता का माहौल बनाने की कोशिश है, सरकार देश को बांटने और तोड़ने की कोशिश में लगी है. इस कैंपस के छात्र इस चीज को समझते हैं और उन्होंने सरकार को एक जवाब देने की कोशिश की है कि आने वाले आम चुनाव में बीजेपी को सत्ता से बेदखल करेंगे."

उन्होंने आगे कहा, "हम शरजील इमाम और उमर खालिद जैसे अपने साथियों के लिए भी संघर्ष करेंगे."

(रिपोर्ट-अरबाब अली)

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT