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कानपुर एनकाउंटर मामले में पुलिस के एसएचओ पर ही शक की सुई घूम रही है. बताया जा रहा है कि उसी ने विकास दुबे को पुलिस टीम के आने की सूचना दी थी. एसएचओ को फिलहाल सस्पेंड कर दिया गया है. साथ ही मामले की जांच अब एसटीएफ को सौंप दी गई है. एसएचओ खुद भी इस ऑपरेशन में शामिल था, लेकिन पीछे-पीछे चल रहा था. साथ ही उसकी कॉल डीटेल से भी पता चला है कि वो दुबे के संपर्क में था.
उधर कानपुर मुड़भेड़ के बाद थाना प्रभारी चौबेपुर विनय तिवारी से लगातार स्पेशल टास्क फोर्स पूछताछ कर रही है. मामला सामने निकल कर ये भी आ रहा है कि विनय तिवारी और थाने के स्टाफ से विकास दुबे के काफी नजदीकियां भी थी. इस मामले में विभागीय जांच के आदेश भी दिए गए हैं.
आईजी जोन कानपुर मोहित अग्रवाल ने इस मामले को लेकर कहा,
आईजी ने कहा कि, अपराधी जल्द से जल्द पकड़ लिए जाएंगे वहीं अपराधियों ने अवैध तरीके से जो भी संपत्ति बनाई गई है, उनको नष्ट किया जाएगा और उनके ऊपर भी अगर जिंदा पकड़े गए तो NSA और गैंगेस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी.
कानपुर के बिकरु गांव मे पुलिस और बदमाशों के बीच हुई मुठभेड़ में औरैया का रहने वाला सिपाही राहुल भी शहीद हुआ था. राहुल का पार्थिव शरीर उसके गांव रुरुकला पहुंचा तब पूरा गांव गमगीन था. इस दौरान उनके पिता ओम कुमार और राहुल की बड़ी बहन नन्दनी ने मीडिया के सामने अपनी भड़ास निकाली और पुलिस महकमे और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए.
शहीद सिपाही राहुल के पिता ने कहा महकमे की गद्दारी से बेटा शहीद हुआ. उन्होंने कहा कि इस अनहोनी को कोई टाल नहीं सकता है. अचानक हुए हमले के चलते वो लोग संभल नहीं पाए. इसमें किसी अपने का ही हाथ है, किसी ने दुबे को बताया कि तुम्हारे घर पर दबिश देने पुलिस आ रही है.
इसके अलावा राहुल की बहन ने कहा- पुलिसवालों को हेलमेट वगैरह की सुविधा क्यों नहीं दी, सरकार पुलिस को सपोर्ट नहीं करती इसलिए ये हुआ है. मुठभेड़ पर जा रहे थे पूरी तैयारी क्यों नहीं थी? नेताओं की सुरक्षा में 20-20 पुलिस वाले और जवानों को कुछ नहीं.
इससे पहले इस एनकाउंटर के ठीक बाद उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने भी इसी बात का शक जाहिर किया था. उन्होंने कहा था कि दुबे के पास पुलिस के आने की पूरी जानकारी थी. उन्होंने कहा था,
बता दें कि कानपुर में पुलिस की एक टीम अपराधी विकास दुबे की तलाश में गई थी. गुरूवार शाम करीब चार थानों की पुलिस ने डीएसपी के नेतृत्व में गांव में दबिश दी. पर विकास दुबे सारी योजना बना चुका था. उसने रास्ते में जेसीबी खड़ी करवा दी, ताकि पुलिस वाले बिखर जाएं, साथ में आसपास के घरों पर अपने आदमी तैनात कर दिए. इसके बाद पुलिस की टीम पर घरों की छतों से ताबड़तोड़ फायरिंग हुई. जिसमें पुलिसकर्मियों को संभलने तक का मौका नहीं मिला. इस हमले में कुल 8 पुलिसकर्मी शहीद हुए, जबकि दो बदमाशों को भी मार गिराया.
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