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कांवड़ यात्रा- हरिद्वार,देवघर में नो एंट्री, महाकालेश्वर में सशर्त

दिल्ली-यूपी, बिहार-झारखंड और मध्य प्रदेश के कांवड़ यात्रियों के लिए जरूरी खबर

शादाब मोइज़ी
भारत
Updated:
कोरोना ने रोके कांवड़ियों के कदम
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कोरोना ने रोके कांवड़ियों के कदम
(फोटो: क्विंट हिंदी)

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सावन का महीना शुरू होते ही केसरिया रंग के कपड़े पहने, कंधे पर कांवड़, नंगे पांव, बोल बम का नारा लगाते शिवभक्तों की टोलियां दिखती हैं. हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तरखंड वाले हरिद्वार की कांवड़ यात्रा करते हैं तो बिहार-झारखंड के भक्त देवघर के बैद्यनाथ धाम, और मध्य प्रदेश में महाकालेश्वर की अर्चना करने जाते हैं. लॉकडाउन में राहत दी गई है लेकिन क्या बाबा के भक्त इन जगहों पर जल चढ़ाने जा सकते हैं? ज्यादातर जगहों पर इजाजत नहीं है लेकिन इतना मायूस न हों, अच्छी खबर भी है.

हरिद्वार की कांवड़ यात्रा

अगर भक्त इस बार हरिद्वार में जाकर शिव जी की पूजा करना चाहते हैं तो जान लें कि रविवार को गुरुपूर्णिमा के दिन उत्तराखंड प्रशासन ने 5 हजार लोगों को बॉर्डर से ही लौटा दिया. दरअसल हरियाणा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्रियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कांवड़ यात्रा पर बैठक की थी, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने संयुक्त रूप से यह फैसला लिया कि इस साल कांवड़ यात्रा को इजाजत नहीं दी जाएगी.

खास मौकों पर हरिद्वार में श्रद्धालु इस तरह उमड़ पड़ते हैं (फाइल फोटो: Reuters)

कांवड़ियों को हरिद्वार पहुंचने से रोकने के लिए पुलिस सख्त

फिलहाल कांवड़ यात्रा तो रद्द हो गई है लेकिन अगर इन सबके बाद भी कोई श्रद्धालु कांवड़ लेकर आने की कोशिश करता है तो उसके लिए हरिद्वार प्रशासन ने कड़े नियम बनाए हैं. यूपी में भी कांवड़ यात्रा को रोकने के लिए चेक प्वाइंट बनाए गए हैं.

हरिद्वार में दूसरे राज्यों को आने वाले यात्रियों को जिले की सीमा पर ही रोक दिया जाएगा. अगर फिर भी कोई बाहरी व्यक्ति हरिद्वार आता है, तो उसे 14 दिन तक क्वॉरन्टीन में रहना होगा. साथ ही क्वॉरन्टीन का खर्च भी खुद ही उठाना होगा.
कांवड़ यात्रा में हर साल लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं. (फोटो: एपी)
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घबराएं नहीं, कांवड़ियों को मिलेगा गंगा जल

अब जब कांवड़ यात्रा को रद्द कर दिया गया है तब लोगों की आस्था को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने पड़ोसी राज्यों को गंगाजल देने की बात कही है. उत्तरखंड सरकार के मुताबिक पीतल के बड़े कलशों में हर की पैड़ी से गंगाजल भरकर पड़ोसी राज्यों को मुहैया कराया जाएगा. ऐसे में राज्य सरकारें अपने लोगों को उनके जिले में ही गंगा जल उपलब्ध करा सकेंगी.

बिहार-झारखंड में भक्तों को ऑनलाइन दर्शन का सहारा

बिहार-झारखंड में लोग आम तौर पर सावन में कांवड़ लेकर यात्रा करते हैं. ये यात्रा बिहार के भागलपुर जिले के सुल्‍तानगंज से शुरू होती है और झारखंड के देवघर स्थित बैद्यनाथधाम में शिवलिंग पर जल चढ़ाने के बाद समाप्‍त होती है. इसी दौरान हर साल श्रावणी मेला लगता था, जिसमें लाखों की संख्या में भक्त आते थे, लेकिन इस साल मेले पर कोरोना का ग्रहण लग गया है. झारखंड सरकार ने ऐलान किया है कि इस साल श्रावणी मेले का आयोजन नहीं होगा.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि कोरोना के हालात को देखते हुए ये फैसला किया गया है. हेमंत सोरेन ने कहा, "इस वर्ष अपने अपने घरों को ही देवघर बनायें साथियों. महादेव इस महामारी की बेला में आपको एवं आपके परिवार को स्वस्थ एवं सुरक्षित रखें.”

देवघर की उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी, नैंसी सहाय ने कहा,

“देवतुल्य श्रद्धालुओं की आस्था को देखते हुए बाबा बैद्यनाथ के ऑनलाइन दर्शन की सुविधा सुबह 4:45 से और शाम 7:30 बजे से प्रसारित की जाएगी. ऑनलाइन दर्शन की सुविधा वेबसाइट Jhargov.tv के साथ देवघर प्रशासन के फेसबुक पेज और जिला प्रशासन के वेबसाइट Deoghar.nic.in पर की गई है. साथ ही ऑनलाइन दर्शन हेतु जी न्यूज बिहार/झारखण्ड , नेटर्वक-18,बिहार/झारखण्ड,न्यूज-11, साधना न्यूज टीवी चैनल पर शुरू की जाएगी.

मध्य प्रदेश - महाकालेश्वर

बता दें कि मध्य प्रदेश के नर्मदा का जल भरने बड़ी संख्या में लोग आते हैं. नर्मदा से जल भरकर भक्त महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का अभिषेक करने आते हैं. लेकिन कोरोना की वजह से यहां कांवड़ियों को ग्रुप में आने की इजाजत नहीं होगी. हालांकि सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों के तहत दर्शन कर सकते हैं.

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Published: 06 Jul 2020,08:13 PM IST

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