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भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) के ज्यूरी प्रमुख और इजराइली फिल्म निर्माता नदव लापिड ने विवेक अग्निहोत्री की द कश्मीर फाइल्स की निंदा करते हुए इसे "प्रचार और अश्लील फिल्म" कहा. इसे लेकर अब विवाद बढ़ता नजर आ रहा है. इजराइल के राजदूत से लेकर अनुपम खेर कई लोगों की प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं.
द कश्मीर फाइल्स को इंडियन पैनोरमा सेक्शन के लिए चुना गया था और 22 नवंबर को प्रदर्शित किया गया था. सोमवार को प्रमुख ज्यूरी ने फिल्म की आचोलना की. अनुपम खेर ने प्रतिक्रिया में कहा है कि टूलकिट के बाद एक गिरोह सक्रिय हो गया है. देखिए नदव लापिड के बयान के बाद किसने क्या कहा-
अनुपम खेर ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि, यदि होलोकॉस्ट सही है, तो कश्मीरी पंडितों का पलायन भी सही है. उन्होंने नदव लापिड के बयान को शर्मनाक बताया और कहा -
भारत, श्रीलंका और भूटान में इजराइल के राजदूत नोर गिलोन ने लापिड के बयान को शर्मनाक बताते हुए कहा कि तुम्हें (नदव लापिड को) शर्म आनी चाहिए. उन्होंने कहा "भारतीय संस्कृति में कहा जाता है कि अतिथि भगवान के समान होता है. आपने जजों के पैनल की अध्यक्षता करने के भारतीय निमंत्रण का सबसे खराब तरीके से दुरुपयोग किया है."
उन्होंने कहा कि "मैं इस तरह के बयानों की कड़ी निंदा करता हूं. इस बयान का कोई औचित्य नहीं है. ये यहां कश्मीर मुद्दे की संवेदनशीलता को दर्शाता है." गिलोन ने कहा एक इंसान के रूप में मुझे शर्म आ रही है. हम अपने मेजबानों से इस बुरे तरीके के लिए माफी मांगना चाहते हैं.
भारतीय फिल्म निर्माता अशोक पंडित ने कहा कि IFFI के जूरी प्रमुख के रूप में नावद लापिड का चयन सूचना और प्रसारण मंत्रालय की ओर से एक बड़ी चूक है...फिलिस्तीन के हमदर्द से कोई क्या उम्मीद कर सकता है?
मिडवेस्ट इंडिया के लिए इजराइल के महावाणिज्यदूत कोब्बी शोशान ने कहा कि मैंने कश्मीर फाइल देखी और कलाकारों से मिला हूं. फिल्म के बारे में मेरी नदव लापिड से अलग राय है. उनके बयान के बाद मैंने नदव को अपनी राय बताई है. इसपर भारतीय टीवी एक्टर सुमंत रमन ने ट्वीट करते हुए इसे डैमैज कंट्रोल की कोशिश बताया है.
भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) के ज्यूरी प्रमुख नदव लापिड ने कहा था कि "द कश्मीर फाइल्स फिल्म से हम सभी परेशान और हैरान थे. यह हमें एक प्रचार, अश्लील फिल्म की तरह लगा, जो इस तरह के एक प्रतिष्ठित फिल्म समारोह के एक कलात्मक, प्रतिस्पर्धी वर्ग के लिए अनुपयुक्त है."
दरअसल, भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) को भारत सरकार आयोजित करती है. इस बार के IFFI समारोह में जूरी प्रमुख इजराइली फिल्म निर्माता नदव लापिड थे. लापिड ने कश्मीर फाइल्स पर ये बात समारोह के समापन कार्यक्रम में कही, जब भारत सरकार में मंत्री भी वहां मौजूद थे.
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