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डिजिटल न्यूज मीडिया पर नए कानून के तहत अभी एक्शन न ले सरकार: HC

लीगल मीडिया पोर्टल लाइव लॉ ने नए कानून को केरल हाईकोर्ट में दी है चुनौती

करन त्रिपाठी
भारत
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नए आईटी नियमों को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट के बाद अब केरल हाईकोर्ट ने भी केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है. लीगल मीडिया पोर्टल लाइव लॉ इंडिया की एक याचिका पर सुनवाई के बाद केरल हाईकोर्ट ने केंद्र को ये नोटिस जारी किया. याचिका में नए आईटी नियमों की वैद्यता को चुनौती दी गई है.

हाईकोर्ट ने पोर्टल को दी कार्रवाई से सुरक्षा

सिर्फ इतना ही नहीं कोर्ट ने याचिका दायर करने वाले पोर्टल लाइव लॉ के खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई पर भी रोक लगाने का निर्देश दिया है. हाईकोर्ट ने कहा है कि जब तक मामला कोर्ट में चल रहा है तब तक नए नियमों के पार्ट-III के तहत सरकार पोर्टल के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकती है.

केंद्र ने जारी की थी गाइडलाइन

बता दें कि सरकार की तरफ से सोशल मीडिया, डिजिटल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के लिए एक गाइडलाइन जारी की गई है. जिसे इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (इंटरमीडियरी गाइडलाइन्स एंड डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड) रूल्स 2021) का नाम दिया गया है. ओटीटी और डिजिटल मीडिया के लिए जारी गाइडलाइन के मुताबिक, ओटीटी प्लेटफॉर्म और डिजिटल मीडिया के लिए एक सेल्फ रेगुलेशन फोरम बनाया जाएगा, जिसकी अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज करेंगे. जहां शिकायतों की सुनवाई और फैसला होगा. साथ ही अगर कुछ बहुत बड़ा केस होता है तो सरकार के पास ओवरसाइड मैकेनिज्म होगा, जिसमें सरकार इसे लेकर फैसला ले सकती है. इसे रेगुलेट करने के लिए 3 लेयर मैकेनिज्म तैयार किया गया है.

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याचिकाकर्ता ने कोर्ट में क्या कहा?

लीगल मीडिया पोर्टल की तरफ से कोर्ट में पेश हुए वकील ने आईटी एक्ट के सेक्शन 87 का जिक्र करते हुए कहा कि ये केंद्र सरकार को न्यूज मीडिया के लिए रेगुलेटरी फ्रेमवर्क बनाने का कोई अधिकार नहीं देता है. वकील संतोष मैथ्यू ने आगे कहा कि डिजिटल मीडिया जैसा कोई शब्द न तो आईटी एक्ट में है और न ही केंद्र के नए नियमों में इसे बताया गया है.

याचिकाकर्ता ने कहा कि इन नए नियमों के तहत जो सेल्फ रेगुलेटरी मैकेनिज्म की बात कही गई है वो काफी व्यंग्यात्मक है, क्योंकि इसके लिए पहले संबंधित मंत्रालय से अप्रूवल लेना होगा.

याचिकाकर्ता ने कहा कि, कोई भी ऐसा व्यक्ति जिसके लिए फैसला न्यायसंगत नहीं है, वो शिकायत कर सकता है और हमें कंटेंट पर अपील करने की जरूरत होती है. हमारे खिलाफ इसलिए मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है कि दिल्ली में बैठा कोई व्यक्ति फैसला ले रहा हो कि कंटेंट कथित नैतिक मानकों का पालन नहीं करता है.

इस तमाम बहस के बाद हाईकोर्ट ने पोर्टल को सुरक्षा प्रदान करने का फैसला किया और निर्देश जारी कर कहा कि जब तक केस की सुनवाई जारी है, मीडिया पोर्टल पर कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है.

बता दें कि इसी मामले को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट भी सुनवाई कर चुका है. दिल्ली हाईकोर्ट में न्यूज वेबसाइट द वायर ने एक याचिका दायर कर नए आईटी नियमों की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी थी. इस मामले को लेकर भी केंद्र सरकार को नोटिस जारी हुआ है.

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