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केरल के एर्नाकुलम जिले में रविवार, 29 अक्टूबर को एक कन्वेंशन सेंटर में सीरीयल बम धमाके (Kerala Blasts) हुए. धमाकों में कम से कम 3 लोगों की जान गयी है. 48 वर्षीय डोमिनिक मार्टिन (Dominic Martin) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है और वह दो महीने पहले ही दो साल दुबई में काम कर अपने घर वापस लौटा था.
मार्टिन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
मार्टिन और उसका परिवार थम्मनम में दो बेडरूम वाले घर में किराए पर रहता है. घर के मालिक जमील बीए ने द क्विंट को बताया कि, "वो और उनका परिवार पिछले साढ़े पांच साल से मेरे घर में रह रहे हैं. जब वह महामारी के दौरान दुबई चला गया था तब भी उसका परिवार यहीं था. वह किसी उपद्रवी की तरह तो कभी नहीं लगा और बहुत कम बोलता था. दो महीने पहले जब वह दुबई से वापस आया था, तब मेरी उससे बात होती था, तब उसकी बेटी बीमार थी."
रविवार, 29 अक्टूबर की शाम को एक फेसबुक लाइव में मार्टिन ने जमरा कन्वेंशन सेंटर पर हुए हमले की जिम्मेदारी लेते हुए त्रिशूर के कोडकारा पुलिस स्टेशन में सरेंडर कर दिया. हमले में तीन लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें एक 12 वर्षीय लड़की भी शामिल है. साथ ही 52 अन्य घायल हो गए हैं.
विस्फोट ईसाई संगठन- 'यहोवा के साक्षियों' (Jehovah's Witnesses)- की एक प्रार्थना सभा के दौरान हुए, जिसका मार्टिन पहले हिस्सा था.
जमील ने द क्विंट को बताया कि उन्हें सीरियल ब्लास्ट में मार्टिन की कथित संलिप्तता के बारे में तब बताया गया जब मार्टिन की पत्नी ने उन्हें बताया कि "पुलिस जल्द ही घर आएगी."
जमील ने कहा कि पिछले पांच सालों में उन्हें "उससे या उसके परिवार की ओर से कोई समस्या नहीं हुई".
जमील कहते हैं, "मैंने उससे बमुश्किल बातचीत की. जब वह दुबई से लौटा, तो मैंने उससे पूछा था कि क्या वह जल्द ही वापस जाएंगे. तब उसने मुझसे कहा था कि वह वहीं रुकेंगे क्योंकि उसके सभी बच्चे नौकरी पर हैं."
जमील ने ये भी बताया कि, महामारी के दौरान मार्टिन की नौकरी चली गई थी, जिसके बाद वह विदेश में नौकरी तलाशने लगा और बाद में वह दुबई चला गया.
कथित फेसबुक लाइव में मार्टिन ने कहा कि वह "एक समय वो 'यहोवा के साक्षियों' में मानने वाला व्यक्ति था" और वह "बम विस्फोटों की पूरी जिम्मेदारी लेता है."
उसने आगे कहा, "मैं इस कृत्य के पीछे अपने कारणों को समझाने के लिए इस वीडियो को रिकॉर्ड कर रहा हूं. मैं 16 साल तक इस संगठन का हिस्सा रहा हूं, लेकिन मैंने तब कुछ मुद्दों को गंभीरता से नहीं लिया था, मैंने उन्हें एक मजाक के रूप में देखा था. हालांकि, पिछले छह सालों में मुझे एहसास हुआ कि यह संगठन गलत है और राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में शामिल है.”
इस बीच, स्थानीय वार्ड पार्षद सकीर थम्मनम ने द क्विंट को बताया कि मार्टिन की पत्नी का परिवार अभी भी 'यहोवा के साक्षियों' का हिस्सा है - और जब विस्फोट हुआ तो उनकी सास और अन्य रिश्तेदार कन्वेंशन सेंटर में थे.
उन्होंने कहा कि, "मैंने मार्टिन की पत्नी से बात की. उसने मुझे बताया कि उसकी मां और परिवार के अन्य सदस्य कन्वेंशन सेंटर में थे. वे सभी उसमें विश्वास करते हैं. उसकी पत्नी ने मुझे बताया कि उसे नहीं पता था कि वह ऐसा करने जा रहा है."
रिपोर्टों के अनुसार, मार्टिन ने यूट्यूब ट्यूटोरियल के माध्यम से आईईडी बनाना सीखा है - जिससे विस्फोट हुआ.
कथित तौर पर उसने कन्वेंशन सेंटर में पेट्रोल से भरी एक बोतल में आईईडी रखा और रिमोट का उपयोग करके इसे दूर से संचालित किया.
मार्टिन ने पुलिस को कथित सबूत भी सौंपे कि उसने ही विस्फोटों को अंजाम दिया है. कथित तौर पर सबूतों में शहर के विभिन्न हिस्सों से खरीदे विस्फोटक सामग्री और बैटरियों के बिल शामिल थे.
केरल के एडीजीपी (कानून एवं व्यवस्था) अजित कुमार ने मीडियाकर्मियों को बताया कि पुलिस इस मामले के सभी पहलुओं पर गौर कर रही है. उन्होंने कहा कि, "एक व्यक्ति ने त्रिशूर ग्रामीण के कोडाकरा पुलिस स्टेशन में सरेंडर कर दिया है और दावा किया है कि उसने ऐसा किया है. उसका नाम डोमिनिक मार्टिन है और उसका दावा है कि उसी संगठन का मेंबर है. हम इसकी पुष्टि कर रहे हैं."
धमाकों के तुरंत बाद मीडिया से बात करते हुए केरल के डीजीपी शेख दरवेश साहब ने कहा कि विस्फोट इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) के कारण हुए थे.
उन्होंने कहा, "प्रारंभिक जांच में कहा गया है कि यह एक आईईडी है. इस स्तर पर, मैं नहीं कह सकता (अगर इसमें कोई आतंकी एंगल है)."
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