इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) की लखनऊ बेंच ने लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri case) जिले में चार किसानों और एक पत्रकार की हत्या के आरोपी केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र (Ajay Mishra) उर्फ मोनू को गुरुवार, 10 फरवरी को जमानत दे दी. संयुक्त किसान मोर्चा ने आशीष मिश्रा की जमानत को खेदजनक बताया है.
एक प्रेस रिलीज जारी करते हुए संयुक्त किसान मोर्चे ने कहा कि "इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा लखीमपुर खीरी हत्याकांड के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा उर्फ मोनू को जमानत देने का आदेश दुर्भाग्यपूर्ण और हैरान करने वाला है."
"चार किसानों और एक पत्रकार को केंद्रीय मंत्री के बेटे द्वारा दिन-दहाड़े कुचलने का क्रूर मामला पूरे देश में कानून के शासन का ट्रायल था. ऐसे में साफ सबूतों के बावजूद हत्या के आरोपी को इतनी जल्दी जमानत मिलना, वह भी यूपी में चुनाव के पहले दिन हैरान करने वाली बात है."संयुक्त किसान मोर्चा
अपनी प्रेस रिलीज में किसान मोर्चा ने यह भी आरोप लगाया है कि लखीमपुरी हत्याकांड के बाद से यूपी पुलिस और प्रशासन मंत्री अजय मिश्रा टेनी और उनके बेटे को बचाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है.
"उत्तर प्रदेश पुलिस शुरू से ही इस मामले की जांच और आरोपी को पकड़ने में लापरवाही बरत रही है और मामले को कमजोर करने की कोशिश कर रही है."संयुक्त किसान मोर्चा
बेटे को खोने वाले किसान ने कहा, 'न्याय की कोई उम्मीद नहीं'- रिपोर्ट
NDTV की रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर को कतिथ तौर पर आशीष मिश्रा की कार से कुचलकर मरे 19 वर्षीय गुरविंदर सिंह के पिता सुखविंदर सिंह ने कहा कि "उसे इतनी जल्दी जमानत मिलना अच्छा संकेत नहीं है."
"हमें इस सरकार से पहले कोई उम्मीद नहीं थी। अब हमें कोई उम्मीद नहीं है... अजय मिश्रा टेनी अभी भी नहीं हटाए गए हैं."रिपोर्ट के अनुसार सुखविंदर सिंह
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