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सुप्रीम कोर्ट में लखीमपुर खीरी हिंसा मामले पर सुनवाई चल रही है. इस हादसे में 4 किसान समेत 8 लोगों की मौत हो गई थी. कोर्ट ने इस मामले में यूपी सरकार से स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी.
कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को लखीमपुर खीरी मामले में गवाहों के बयान मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज करने और उन्हें सुरक्षा देने का निर्देश दिया. सुप्रीम कोर्ट में ये सुनवाई चीफ जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता में हो रही है.
एनवी रमना ने कहा कि जजों ने मंगलवार देर रात तक फाइलों का इंतजार किया, लेकिन उन्हें ये प्राप्त नहीं हुए. बेंच ने साल्वे के अनुरोध पर मामले को शुक्रवार (22 अक्टूबर) तक के लिए स्थगित करने से भी इनकार कर दिया
इसके बाद पुलिस ने केंद्रीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को गिरफ्तार किया था.
ये पूछे जाने पर कि 44 गवाहों में से कुछ ही IPC की धारा 164 (मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज करना) के तहत क्यों थे, साल्वे ने कहा, "ऐसा संदेह था कि वो आरोपियों के साथ नरमी बरत रहे हैं. सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. जेल में आरोपियों की कुल संख्या अब 10 है." साल्वे ने आगे बताया कि मामले में अब तक 10 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें से चार पुलिस हिरासत में हैं.
जस्टिस सूर्यकांत ने सवाल किया कि धारा 164 के तहत ज्यादा गवाहों के बयान क्यों दर्ज नहीं किए गए, क्योंकि इसकी संभावना है कि गवाहों को धमकाया जा सकता है.
उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा है कि वो गवाहों को सुरक्षा देगी. कोर्ट ने कहा, "जांच एक अंतहीन कहानी नहीं हो सकती."
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