Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019लखीमपुर खीरी हिंसाः 8 मौत, 70 घंटे और अब तक एक भी गिरफ्तारी नहीं, क्यों?

लखीमपुर खीरी हिंसाः 8 मौत, 70 घंटे और अब तक एक भी गिरफ्तारी नहीं, क्यों?

इस केस में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र के बेटे आशीष मिश्र पर किसानों को रौंदने का आरोप है.

क्विंट हिंदी
भारत
Updated:
<div class="paragraphs"><p>लखीमपुर खीरी हिंसा की सांकेतिक तस्वीर</p></div>
i

लखीमपुर खीरी हिंसा की सांकेतिक तस्वीर

(फोटो: PTI)

advertisement

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के लखीमपुर में हुई हिंसा (Lakhimpur Kheri Violence) को करीब 70 घंटे बीत चुके हैं, लेकिन पुलिस के हाथ अभी तक खाली हैं. पुलिस ने ना तो अभी तक किसी को गिरफ्तार किया है, और ना ही मुख्य आरोपी से पूछताछ की गई है. जबकि किसानों ने जो एफआईआर दर्ज कराई है, उसमें बाकायदा आरोपी को नामजद किया गया है. बावजूद इसके 3 अक्टूबर करीब 3 बजे की इस वारदात में 6 अक्टूबर दोपहर 1 बजे तक (खबर लिखे जाने तक) कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है.

हालांकि अब इस केस में 6 सदस्यों वाली एसआईटी (SIT) बना दी गई है और कहा जा रहा है कि 7 अक्टूबर तक न्यायिक जांच (judicial investigation) के लिए कमेटी भी गठित कर दी जाएगी.

इस सबके बीच पीड़ित परिवार और किसान ये सवाल उठा रहे हैं कि अगर आरोपी कोई आम आदमी होता तब भी क्या पुलिस इसी तरह काम करती. क्योंकि इस केस में मुख्य आरोपी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र (ajay mishra teni) का बेटा आशीष मिश्र (ashish Mishra) है.

लेकिन ऐसा नहीं है कि पुलिस ने किसी को गिरफ्तार नहीं किया है, पुलिस ने प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) को शांति भंग करने के आरोप में पहले हिरासत में लिया और फिर गिरफ्तार कर लिया. ठीक इसके उलट अभी तक मुख्य आरोपी आशीष मिश्र से पुलिस ने किसी तरह की कोई पूछताछ तक नहीं की है.

8 लोगों की मौत और कई वीडियो सामने आने के बाद भी पुलिस अभी तक जिस मोड में दिख रही है वो किसानों को बेचैन कर रहा है. किसानों ने 5 अक्टूबर को पोस्टमार्टम के बाद स्थानीय प्रशासन और डॉक्टरों पर जानकारी छुपाने के आरोप भी लगाए थे, जिसके बाद 6 अक्टूबर को एक व्यक्ति का दोबारा पोस्टमार्टम होना तय हुआ, दरअसल किसानों का आरोप है कि आशीष मिश्र ने एक किसान को गोली मारी थी और पोस्टमार्टम में डॉक्टरों ने ये बात छुपाई है.

इसीलिए किसान पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं. क्योंकि आरोपी पावरफुल है और रसूख रखते हैं, क्या इसीलिए पुलिस हाथ डालने से डर रही है. इतना ही नहीं इस केस पर अभी तक यूपी सरकार की तरफ से भी कोई ऑफिशियल बयान नहीं आया है, और ना ही कार्रवाई पर पुलिस ने कोई बयान जारी किया है. हां राजनीतिक लोगों को लखीमपुर ना जाने देने पर यूपी सरकार ने बयान जरूर दिया है.

5 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लखनऊ आये थे, सबको उम्मीद थी कि हर छोटी चीज पर नजर रखने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लखीमपुर कांड पर कुछ बोलेंगे, लेकिन उन्होंने भी कुछ नहीं कहा.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

3 अक्टूबर को क्या हुआ था?

लखीमपुर में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (keshav prasad Maurya) को कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करना था, जिसमें केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी को भी शामिल होना था. इस कार्यक्रम की जानकारी मिलते ही करीब सुबह 8 बजे कुछ 200 किसान अजय मिश्र के गांव बेनीपुर पहुंच गए, यहीं पर केशव प्रसाद मौर्य का हेलिकॉप्टर उतरना था.

किसानों ने यहां जाकर हेलिपैड को घेर लिया और काले झंडे लेकर बैठ गए, प्रशासन ने किसानों को कई घंटे तक समझाया लेकिन वो नहीं माने. जिसके बाद आनन-फानन में डिप्टी सीएम का कार्यक्रम बदल दिया गया और उन्हें सड़क मार्ग से लखीमपुर लाया गया.

परियोजनाओं का उद्घाटन करने के बाद वो तिकुनिया के लिए निकले जहां उन्हें किसी दंगल कार्यक्रम में जाना था, ये जानकारी मिलते ही किसान तिकुनिया की सड़कों पर जुट गए. इस सब में सुबह से दोपहर हो चुकी थी. क्विंट से बातचीत में एक चश्मदीद किसान ने बताया कि हम विरोध करके वापस लौट रहे थे, तभी पीछे से एक थार गाड़ी करीब 80-90 की स्पीड से आई और किसानों को रौंदती हुई चली गई. इसमें चार किसान और एक पत्रकार की मारे गए.

किसानों का आरोप है कि इस गाड़ी को केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र के बेटे आशीष मिश्र चला रहे थे. इस वारदात के कई वीडियो भी सामने आये हैं, जिनकी पुष्टि अभी नहीं हो पाई है, पुलिस उनकी जांच की बात कह रही है.

अजय मिश्र को जानिए

इंडिया टुडे में छपी खबर के मुतिबिक, अजय मिश्र पर लखीमपुर के ही तिकुनिया थाने में हत्या, घर में घुसकर मारपीट और बलवा करने के चार मुकदमे दर्ज हैं. हत्या के मामले में 2018 में हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. तब से अजय मिश्र जमानत पर बाहर हैं.

सांसद अजय मिश्र को जुलाई 2021 में हुए कैबिनेट विस्तार में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री का पद दिया गया था. मिश्रा के दो बेटे और एक बेटी हैं, जिनमें से आशीष अपने पिता के राजनीतिक कार्यों से जुड़े हुए हैं और अक्सर लखमीपुर खीरी क्षेत्र में कार्यक्रमों को देखते हैं.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 06 Oct 2021,02:34 PM IST

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT