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लखीमपुर खीरी केस: कौन हैं महाराज कहे जाने वाले अजय मिश्रा और उनके बेटे आशीष?

Ajay Mishra को जिला पंचायत से लेकर केन्द्रीय मंत्री बनने के सफर में 12 साल लगे

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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) पुलिस ने सोमवार, 4 अक्टूबर को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री (एमओएस) अजय मिश्रा टेनी (Ajay Mishra Teni) के बेटे आशीष मिश्रा (Aashish Mishra) के खिलाफ हत्या के लिए एफआईआर (FIR) दर्ज की.

आशीष मिश्रा के खिलाफ आरोप है कि उसने अपनी कार से किसानों को कुचल दिया था, जब रविवार 3 अक्टूबर को प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में किसानों द्वारा धरना प्रदर्शन किया गया.

अब इस मामले ने राजनैतिक तूल पकड़ लिया है और इस घटना के खिलाफ संपूर्ण विपक्ष द्वारा देश भर में प्रदर्शन किये गए.

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कौन है अजय मिश्रा?

आशीष मिश्रा भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता और इस वक्त गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री हैं. उनकी नियुक्ति जुलाई 2021 में हुए कैबिनेट फेरबदल में की गई है. इसके साथ ही मोदी कैबिनेट में वो इकलौता ब्राह्मण चेहरा हैं.

मिश्रा के दो बेटे और एक बेटी हैं जिनमें से आशीष मिश्रा अपने पिता के राजनीतिक कार्यों से जुड़े हुए हैं और अक्सर लखमीपुर खीरी के चुनावी क्षेत्र में चीजों का प्रबंधन करते हैं.

अजय मिश्रा को क्षेत्र में 'महाराज' कहा जाता है. एक किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले अजय राजनीति में उतरने से पहले वकालत भी करते थे. इलाके में उनकी दबंग की छवि थी. वो पहलवानी भी किया करते थे. दो दशक पूर्व टेनी पर तस्करी का भी आरोप लगा था लेकिन बाद में मामला दब गया.अजय मिश्रा पर हत्या का भी आरोप लग चुका है. साल 2004 में स्थानीय अदालत ने उन्हें आरोप मुक्त कर दिया था.
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12 सालों में तय किया केंदीय मंत्री तक का सफर

2014 में बीजेपी ने मिश्रा को खीरी लोकसभा सीट से टिकट दे दिया. जिसमे उन्होंने करीब 1 लाख 10 हजार मतों के अंतर से बीएसपी (BSP) के उम्मीदवार अरविंद गिरि को हराया.

उसके बाद 2019 के चुनाव में भी उन्होंने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार को अपना पिछले रिकॉर्ड तोड़कर करीब दो लाख वोटों से हराया था .

अजय मिश्रा ने 12 सालों के अंदर ही जिला पंचायत से लेकर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री तक का सफर तय किया. वर्ष 2009 में वह जिला पंचायत सदस्य बने. फिर 2012 में लखीमपुर खीरी के निघासन सीट से विधायक चुने गए.

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कौन है आशीष शर्मा?

आशीष मिश्रा केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के छोटे बेटे हैं. गांव के स्थानीय लोग उन्हें मोनू कहकर बुलाते है. पेशे से वह एक कारोबारी है और अपने पिता के पेट्रोल पंप और राइस मिल जैसे कारोबार संभालते है.

आशीष मिश्रा अपने पिता का राजनैतिक कार्य भी पूरी तरह संभालते है पिता के चुनावो का प्रचार प्रसार का जिम्मा उन्ही के सर होता है.

2012 में जब के लखीमपुर खीरी की निघासन सीट से अजय मिश्रा को विधायकी का टिकट मिला तो उनके साथ उनके बेटे आशीष मिश्रा भी राजनीति में आ गए. 2017 में आशीष मिश्रा की विधायकी का चुनाव लड़ने की ख्वाइश टिकट न मिलने के कारण पूरी नहीं हो पायी.
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लखीमपुर खीरी विवाद में आशीष मिश्रा

लखीमपुर खीरी में कतिथ तौर पर किसानों और बीजेपी कार्यकर्ताओ के बीच हुई मुठभेड़ में आशीष मिश्रा का नाम प्रमुख तौर पर लिया जा रहा है. जहां एक ओर किसान संगठन अपने साथियों की मौत का कसूरवार सीधे तौर पर आशीष मिश्रा को बता रहे हैं. तो वहीं अजय मिश्रा का कहना है कि घटनास्थल पर ना मैं मौजूद था और ना ही मेरा बेटा. मेरे ड्राइवर से किसानों द्वारा मारपीट गई.

मामले में पुलिस ने गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा समेत 14 लोगों के खिलाफ हत्या, आपराधिक साजिश और बलवा सहित कई धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली गई है.

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