उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) में हिंसा में अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है. इसका आरोप केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा पर लगा है. आरोप है कि आशीष ने किसानों को अपनी एसयूवी के नीचे कुचल दिया. इस घटना पर एक चश्मदीद ने क्विंट को बताया कि मंत्री के बेटे के हाथ में एक रिवॉल्वर भी थी और दो लोग उसकी फायरिंग में मरे हैं.
लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर को हुई हिंसा के बाद क्विंट ग्राउंड पर पहुंचा. एक चश्मदीद, गंगानगर के किसान करमजीत सिंह ने क्विंट को बताया कि गाड़ी 80-90 की स्पीड से आई और किसानों को रौंदते हुए चली गई. उन्होंने कहा,
"किसान अपना आंदोलन शांति से कर चुके थे, उनका जाने का प्रोग्राम हो गया था. ये लगभग साढ़े 3 बजे के करीब में आए, उन्होंने हूटर दिया और इसके बाद करीब तीन गाड़ियां बहुत तेजी, करीब 80-90 की स्पीड से यहां से गईं और आगे जाकर उन्होंने आदमियों को कुचल दिया."
करमजीत सिंह ने बताया कि उन्हें बाद में पता चला कि गोली भी चलाई गई है. करमजीत सिंह ने कहा, "मोनू (आशीष मिश्रा) के हाथ में रिवॉल्वर था, वो भागता हुआ गन्ने के खेत में चला गया. उसके पीछे पुलिस भी गई." चश्मदीद ने बताया कि उसकी फायरिंग से दो लोग मारे गए.
लखीमपुर खीरी में 6 अक्टूबर तक RAF और SSB तैनात
लखीमपुर में किसानों की मौत को लेकर 4 अक्टूबर को देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुआ. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा समेत कई नेता लखीमपुर खीरी जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने उससे पहले ही उन्हें रोक लिया. प्रियंका गांधी को हरगांव से यूपी पुलिस ने हिरासत में ले लिया. वहीं, समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव को जब रोका गया तो वो अपने घर के बाहर ही धरने पर बैठ गए, जिसके बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया. शिवपाल यादव, संजय सिंह, सतीश मिश्रा, जयंत चौधरी और चंद्रशेखर आजाद को भी लखीमपुर खीरी जाने से रोका गया.
लखीमपुर खीरी में 6 अक्टूबर तक RAF और SSB की दो-दो कंपनियों को तैनात किया गया है. सरकार ने 4 मृतक किसानों के परिवारों को 45 लाख रुपये और नौकरी देने की घोषणा की है.
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