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लखीमपुर खीरी हिंसा पर वरुण की चिट्ठी से असहज हुई BJP, चिट्ठी में ऐसा क्या है?

लखीमपुर की घटना पर बीजेपी सासंद वरुण गांधी ने सीएम योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखी है.

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भारत
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बीजेपी सांसद वरुण गांधी (फोटोः Facebook)
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बीजेपी सांसद वरुण गांधी (फोटोः Facebook)
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बीजेपी सांसद वरुण गांधी (Varun Gandhi) ने लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) हिंसा को लेकर अपनी ही सरकार को निशाने पर लिया है. ऐसा पहली बार नहीं है जब वरुण गांधी ने पार्टी लाइन से हटकर अपनी बात रखी है. हाल में कई मौकों पर उनके कई बयानों ने पार्टी को असहज किया है. उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल से भी बीजेपी हटा दिया है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या वरुण पार्टी से नाराज चल रहे हैं?

लखीमपुर खीरी हिंसा पर वरुण के बयान से पार्टी असहज

पीलीभीत में हुई हिंसा को लेकर वरुण गांधी ने सीएम योगी आदित्यनाथ को खत लिखा है, उन्होंने किसानों को कुचलने की घटना में शामिल लोगों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है. अपने खत में बीजेपी सांसद ने लिखा है, ''3 अक्टूबर को विरोध-प्रदर्शन के किसानों को निर्दयतापूर्वक कुचलने की जो हृदय विदारक घटना हुई, उससे देश के नागरिकों में पीड़ा और रोष है. एक दिन पहले ही गांधी जयंती मनाई गई और उसके बाद हमारे अन्नदाताओं की हत्या की गई, यह किसी भी सभ्य समाज में अक्षम्य है.''

उन्होंने आगे लिखा, ''आंदोलनकारी किसान अपने नागरिक हैं. अगर किसान कुछ मुद्दों को लेकर पीड़ित हैं और प्रदर्शन कर रहे हैं तो हमें उनके साथ बड़े संयम और धैर्य के साथ बर्ताव करना चाहिए.''

उन्होंने सीएम से मामले के सभी संदिग्धों की पहचान कर, आईपीसी की धारा 302 के तहत मुकदमा दायर कर सख्त सजा सुनिश्चित करने की मांग की.

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कब-कब पार्टी से अलग लाइन ली?

मुजफ्फनगर किसान महापंचायत

हाल फिलहाल में पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी ने कई मौकों पर पार्टी से अलग लाइन ली है. खासकर किसान आंदोलन को लेकर. 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर में किसानों की महापंचायत का वीडियो ट्वीट करते हुए उन्होंने कहा, ''मुजफ्फरनगर में आज लाखों किसानों जमा हुए हैं. ये हमारे अपने लोग हैं, हमें उनसे सम्मानजनक तरीके से दोबारा बातचीत शुरू करने की जरूरत है. उनका दर्द समझने की जरूरत है और आम सहमति बनाने के लिए बात करने की जरूरत है.''

गन्ने का रेट बढ़ाने को लेकर मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

वरुण ने 12 सितंबर को किसानों की समस्याओं को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा, उन्होंने गन्ने का सरकार रेट बढ़ाने की मांग भी की. यही नहीं, जब योगी सरकार ने गन्ने का रेट बढ़ाकर 350 रुपये क्विंटल कर दिया, फिर उन्होंने सीएम को चिट्ठी लिखकर गन्ने की कीमत 400 रुपये प्रति क्विंटल तक करने की मांग की.

क्यों पार्टी से हैं नाराज?

ऐसा पहली बार नहीं है कि वरुण गांधी के बीजेपी से नाराज होने की खबर सामने आई है. इससे पहले 2017 में भी उनके कांग्रेस में शामिल होने की अटकले थीं, फिर 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले भी उनके कांग्रेस में जाने की अफवाह उड़ी थी. हालांकि 2019 में उन्हें सुलतानपुर की जगह एकबार से पीलीभीत से उम्मीदवार बनाया गया और चुनाव जीतकर वो तीसरी बार लोकसभा पहुंचे.

वरुण गांधी पिछले 12 साल से सांसद हैं, लेकिन मोदी सरकार के 7 साल के कार्यकाल में बीजेपी ने उन्हें ना ही मंत्री पद दिया ना ही पार्टी में कोई और अहम जिम्मेदारी. 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी की सत्ता में वापसी पर उनकी मां मेनका गांधी को केंद्रीय मंत्री बनाया गया, हालांकि 2019 लोकसभा चुनाव के बाद वरुण को उम्मीद थी कि मोदी सरकार में उन्हें कोई अहम मंत्रालय जरूर मिलेगा, लेकिन मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में भी उन्हें निराशा हाथ लगी.

और तो और 3 महीने पहले हुए मंत्रिमंडल विस्तार में भी उन्हें केंद्र सरकार में कोई जगह नहीं दी गई, जबकि यूपी से ही कई अन्य सासंदों को मंत्री बनाया गया. हो सकता है यही उनकी नाराजगी की बड़ी वजह हो.

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