उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) में तीन कृषि कानूनों के खिलाफ ‘किसान महापंचायत’ (Kisan Mahapanchayat) कर रहे किसान संगठनों को बीजेपी सांसद वरुण गांधी (Varun Gandhi) का समर्थन मिला है. 10 राउंड की बातचीत के बावजूद किसानों के नाराजगी को दूर करने में असफल अपने ही सरकार को घेरते हुए वरुण गांधी ने किसानों को ‘अपना खून’ बताया है. साथ ही सुझाव दिया कि सरकार को किसानों के साथ आम सहमति तक पहुंचने के लिए फिर से बातचीत का रास्ता खोलना चाहिए .
योगी सरकार की तरफ से भारी सुरक्षा तैनाती के बीच मुजफ्फरनगर में सरकारी इंटर कॉलेज मैदान में संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा आयोजित महापंचायत में बड़ी संख्या में किसान शामिल हो रहे हैं. ऐसे में वरुण गांधी ने महापंचायत में उमड़ी भीड़ का एक वीडियो पोस्ट करते हुए ट्वीट किया कि
"लाखों किसान आज मुजफ्फरनगर में विरोध-प्रदर्शन के लिए जमा हुए हैं. वे हमारे अपने खून हैं. हमें उनके साथ सम्मानजनक तरीके से फिर से जुड़ने की जरूरत है. उनके दर्द, उनके नजरिये को समझें और आम सहमति तक पहुंचने के लिए उनके साथ काम करें."वरुण गांधी
किसान महापंचायत इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाती है क्योकि यह आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों से पहले है. वरुण गांधी के ट्वीट से संकेत मिलता है कि बीजेपी के भीतर कम से कम कुछ तत्व प्रदर्शनरत किसानों के साथ फिर से बातचीत शुरू करने की जरूरत महसूस कर रहे हैं.
वरुण गांधी को मिला पार्टी में ही विरोध, बाहर से समर्थन
खुर्जा से बीजेपी विधायक विजेंद्र सिंह ने वरुण गांधी के ट्वीट पर आपत्ति जताते हुए किसानों को 'देश विरोधी' तत्व बता दिया. उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि 'सॉरी वरुण जी, लेकिन आपको किसानों और देश विरोधी तत्वों के बीच अंतर करने की जरूरत है.”
हालांकि बाद में उन्होंने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया.
दोनों बीजेपी नेताओं के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने वरुण गांधी की बातों का स्वागत किया और विजेंद्र सिंह से कहा कि वे "अपनी आंखों की जांच करवाएं" या अपने निर्वाचन क्षेत्र में किसानों से मिलें.
'वरुण भाई जो कह रहे हैं उसकी सराहना करता हूं लेकिन यह देखिए कि खुर्जा से बीजेपी विधायक क्या कमेंट कर रहे हैं. गहन जांच की जरूरत है, कम से कम, विजेंद्र को अपनी आंखों की जांच करवा लेनी चाहिए. या फिर उन्हें अपने क्षेत्र में जाकर इस तरह के बयान दोहराने चाहिए.'
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