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कांग्रेस ने पीएम नरेंद्र मोदी को अपशब्द कहने के आरोप में मणिशंकर अय्यर को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है. उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. इससे पहले उन्हें पार्टी की ओर से माफी मांगने के लिए कहा गया था और अय्यर ने माफी भी मांग ली थी. लेकिन देर शाम पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर अय्यर की पार्टी मेंबरशिप निलंबित करने की जानकारी दी. कांग्रेस ने पूछा है कि क्या मोदी जी कभी ऐसा साहस दिखा सकते थे.
दरअसल, बुधवार को गुजरात के धुंधका में हुई चुनावी रैली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने डॉ. भीमराव अंबेडकर के सहारे पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और कांग्रेस पर जमकर हमला बोला था. पीएम मोदी ने आरोप लगाया था कि एक परिवार ने डॉ. अंबेडकर और सरदार वल्लभभाई पटेल के साथ बहुत अन्याय किया था.
पीएम के इसी बयान पर मणिशंकर अय्यर भड़क गए थे. पीएम की आलोचना करते हुए अय्यर ने उन्हें ‘नीच आदमी’ कह डाला. अय्यर यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि उस आदमी (पीएम) की कोई सभ्यता नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने राम जन्मभूमि मामले की सुनवाई में वकीलों के आचरण को 'शर्मनाक' बताया है. उन्होंने गुरुवार को खुद वकीलों के व्यवहार पर खेद जताया.
कोर्ट की ओर से अयोध्या मामले में एडवोकेट सीएस वैद्यनाथन को दलील शुरू करने को कहे जाने पर वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल, राजीव धवन और दुष्यंत दवे ने सुनवाई छोड़कर चले जाने की चेतावनी दी थी. वकीलों को उनकी परंपरा की याद दिलाते हुए चीफ जस्टिस ने कहा कि ये वकालत की परंपरा नहीं है. अगर वकीलों का संघ खुद का रेगुलेशन नहीं करता है, तो हम उस पर रेगुलेशन के लिए दबाव डालेंगे.
सिब्बल, धवन और दवे ने राम जन्मभूमि मामले में सुनवाई 2019 के आम चुनाव तक स्थगित करने की मांग की थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने रामलला की ओर से मामले की पैरवी कर रहे वरिष्ठ एडवोकट सीएस वैद्यनाथन को दलील पेश करने की कार्यवाही शुरू करने को कहा था. बाद में मामले में सुनवाई के लिए 8 फरवरी की तारीख मुकर्रर की गई.
आधार को बैंक, मोबाइल और दूसरी सरकारी योजनाओं से जोड़ने की तारीख 31 मार्च 2018 तक बढ़ाने के लिए सरकार तैयार है. सरकार ने ये जानकारी गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में दी है. सुप्रीम कोर्ट आधार के खिलाफ कई याचिकाओं पर सुनवाई करने के लिए अगले हफ्ते पांच सदस्यीय संविधान पीठ का गठन करेगा.
सरकार ने बैंक, मोबाइल जैसी कई योजनाओं का लगातार लाभ उठाने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य किया है. सरकार की इस योजना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की हैं. इन याचिकाओं पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने संवैधानिक बेंच गठित करने की भी बात कही है. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने आधार की अनिवार्यता पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ताओं से कहा, कोर्ट अगले हफ्ते पांच सदस्यीय संविधान पीठ का गठन करेगी. उसके बाद इन याचिकाओं पर सुनवाई शुरू होगी.
गुजरात में पहले चरण का चुनाव प्रचार गुरुवार शाम थम गया. शनिवार को विधानसभा की 182 सीटों में से 89 सीटों पर मतदान होगा. इस चरण में सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात क्षेत्रों में चुनाव होगा. मुख्यमंत्री विजय रुपाणी समेत 977 उम्मीदवार चुनाव मैदान में है. साल 2012 में हुए चुनाव में विधानसभा की 182 सीटों में से कांग्रेस को 61 सीटें मिली थी. बीजेपी को 115 सीटों पर जीत हासिल हुई थी.
गुरुवार को बीजेपी और कांग्रेस ने पहले चरण के प्रचार के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी. बीजेपी की तरफ से पीएम नरेंद्र मोदी और अन्य बड़े नेताओं ने कई चुनावी रैलियां की. वहीं कांग्रेस भी पूरे जोश से जुटी रही.
एनजीटी ने पिछले साले मार्च में विश्व सांस्कृतिक महोत्सव आयोजित करने के कारण यमुना डूब क्षेत्र को हुए नुकसान के लिए आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन को जिम्मेदार ठहराया. विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट के आधार पर पीठ ने यमुना डूब क्षेत्र के नुकसान के लिए एओएल को जिम्मेदार ठहराया.
जस्टिस स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने हालांकि एओएल पर पर्यावरण मुआवजा बढाने से इनकार करते हुए कहा कि उसके द्वारा पहले जमा कराए गए पांच करोड रपयों का इस्तेमाल डूब क्षेत्र में पूर्व स्थिति की बहाली के लिए किया जाएगा.
पीठ ने कहा कि अगर नुकसान को दुरुस्त करने में आने वाला खर्च पांच करोड रुपये से ज्यादा होता है तो उसे एओएल से वसूल किया जाएगा. उसने कहा कि अगर लागत पांच करोड रुपए से कम आती है तो शेष राशि फाउंडेशन को वापस कर दी जाएगी. पीठ ने कहा कि यमुना के डूब क्षेत्र का इस्तेमाल किसी ऐसी गतिविधि के लिए नहीं होनी चाहिए जिससे पर्यावरण को नुकसान हो.
चीन की सेना ने अपने एयर एरिया में भारत के मानवरहित विमान (ड्रोन) के अनधिकृत रुप से प्रवेश करने पर नाराजगी और विरोध जताया है. खबरों के मुताबिक, चीनी सेना ने कहा है कि ड्रोन दुर्घटनाग्रस्त हो गया है और चीन के सुरक्षाबलों ने ड्रोन की पहचान और पुष्टि की है.
चीन की सरकारी संवाद समिति शिन्हुआ ने झांग के हवाले से कहा, भारत का ये कदम चीन की क्षेत्रीय संप्रभुत्ता का उल्लंघन है और हम इस पर कड़ अंसतोष और विरोध जताते हैं. उन्होंने कहा, हम अपना अभियान और अपनी जिम्मेदारी निभाएंगे और चीन की राष्ट्रीय संप्रभुता की रक्षा करेंगे. वहीं भारत के रक्षा मंत्रालय की ओर से अभी इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है.
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