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सोशल मीडिया पर जब से लखनऊ के लुलु मॉल (LuLu Mall) में नमाज अदा करने वाले लोगों का वीडियो वायरल हुआ है, तब से पिछले कुछ दिनों में हिंदुत्व समूहों द्वारा इस वीडियो के खिलाफ कई दावे किए गए हैं.
उन दावों में से कुछ इस तरह की बातें कही गई हैं जैसे : "लुलु मॉल हिंदुओं के साथ भेदभाव करता है; लुलु मॉल के 70 फीसदी स्टाफ मुस्लिम हैं; लुलु मॉल में जिन लोगों को काम पर रखा गया है उनमें से अधिकांश पुरुष मुस्लिम हैं और अधिकांश महिलाएं हिंदू हैं."
दक्षिणपंथी समूहों के विरोध प्रदर्शन, मॉल में हनुमान चालीसा का पाठ करने की मांग, मॉल प्रबंधन द्वारा किए गए दावों और दावों पर उनके द्वारा दिए गए जवाब, पुलिस की शिकायतों और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा "अनावश्यक प्रदशर्न" के खिलाफ चेतावनी देने के बाद 19 जुलाई को चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था.
जिन लोगों की गिरफ्तारी हुई उनके खिलाफ धार्मिक अशांति और शत्रुता फैलाने से संबंधित कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया.
यह मॉल उत्तर प्रदेश में लुलु ग्रुप्स की विकास परियोजनाओं (developmental projects) में से एक है, जिसका उद्घाटन 10 जुलाई को खुद सीएम योगी द्वारा किया गया था.
आइए अब हम एक नजर भारत में लुलु ग्रुप्स के साम्राज्य, निवेश और राजनीतिक संबंधों पर डालते हैं :-
लुलु मॉल का उद्घाटन इसी साल 10 जुलाई को हुआ था, यह मॉल लखनऊ की गोल्फ सिटी में अमर शहीद पथ पर स्थित है.
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) स्थित लुलु ग्रुप्स द्वारा भारत में लॉन्च किया गया यह (लखनऊ का मॉल) पांचवां मॉल है. इससे पहले लुलु ग्रुप्स के इस तरह के चार अन्य प्रतिष्ठान कोच्चि, बेंगलुरु, त्रिशूर और तिरुवनंतपुरम में हैं.
लखनऊ स्थित लुलु मॉल को लगभग 2 हजार करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है. इसमें डेकाथलॉन (Decathlon), नायका लक्स (Nykaa Luxe), स्टारबक्स (Starbucks), कल्याण ज्वैलर्स (Kalyan Jewellers), चिलीज (Chilli's) और यूनीक्लो (Uniqlo) जैसे कई दिग्गज ब्रांड्स के स्टोर हैं.
इस मॉल में 15 फाइन डायनिंग रेस्त्रां और एक फूड कोर्ट है, जिसमें एक साथ 1600 कस्टमर बैठ सकते हैं. इनके अलावा मॉल में सबसे बड़ा लुलु हाइपरमार्केट (LuLu Hypermarket), लुलु फैशन स्टोर (LuLu Fashion Store) और लुलु कनेक्ट (LuLu Connect) है.
मॉल अधिकारियों ने इसके उद्घाटन के बाद घोषणा की थी कि यह मॉल 15 हजार से ज्यादा प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर प्रदान करेगा.
इसके आलवा लुलु ग्रुप्स की पूरे यूपी में कई अन्य प्रोजेक्ट्स की भी योजना है, ये कुल 2 हजार 500 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स हैं. जहां एक ओर वाराणसी और प्रयागराज में कंपनी का प्लान लुलु मॉल बनाने का है वहीं दूसरी ओर यह ग्रुप ग्रेटर नोएडा में लुलु फूड प्रोसेसिंग हब लेकर आ रहा है.
युसुफ अली एमए, लुलु ग्रुप के चेयरमैन हैं. इन्होंने लखनऊ में तीसरी इंवेस्टर्स समिट में हिस्सा लिया था. इस समिट में पीएम मोदी, सीएम आदित्यनाथ और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कई अन्य वरिष्ठ नेता भी शामिल हुए थे.
न केवल सीएम आदित्यनाथ, बल्कि पीएम नरेंद्र मोदी के राजनीतिक समर्थन के लिए यह समूह कथित तौर पर सुर्खियों में रहा है. पिछले महीने लुलु ग्रुप्स के कई प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास हुआ, इस शिलान्यास समारोह में पीएम मोदी और सीएम योगी मौजूद थे.
'लुलु इंडिया' प्रोजेक्ट में लुलु ग्रुप्स ने देश (भारत) में अपनी विस्तार योजनाओं (जिसकी कीमत लगभग 14 हजार करोड़ रुपये बताई गई है) को प्रदर्शित किया है. 'लुलु इंडिया' प्रोजेक्ट को भी पीएम मोदी द्वारा इस साल की शुरुआत में लॉन्च किया गया था.
यूपी के अलावा केरल में लुलु समूह के तीन प्रोजेक्ट्स (पलक्कड़ में लुलु हाइपरमार्केट, इसके साथ ही कालीकट और कोट्टायम में लुलु मॉल.) पाइप लाइन में हैं.
इस कंपनी ने इस साल मई में कर्नाटक सरकार के साथ प्रदेश भर में शॉपिंग मॉल, हाइपरमार्केट और खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों में लगभग 2,000 करोड़ रुपये का निवेश करने के लिए एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए थे. ऐसी उम्मीद है कि इससे 10 हजार नई नौकरियां पैदा होंगी.
तमिलनाडु सरकार के साथ लुलु ग्रुप्स ने मार्च में 3 हजार 500 करोड़ रुपये के निवेश के लिए एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए थे. वहीं इसने गुजरात में एक मॉल पर 2 हजार करोड़ रुपये निवेश करने का वादा किया है.
इस ग्रुप ने जनवरी में जम्मू और कश्मीर के श्रीनगर में एक फूड प्रोसेसिंग हब लगाने के लिए 200 करोड़ रुपये का निवेश करने का वादा किया था.
फोर्ब्स ने 2018 में लुलु ग्रुप के मालिक युसुफ अली एमए को अरब वर्ल्ड में सबसे सफल भारतीय व्यवसायी (मोस्ट सक्सेसफुल इंडियन बिजनेसमैन) बताया था.
66 वर्षीय युसूफ अली केरल के त्रिशूर जिले के रहने वाले हैं. युसुफ 1973 में करोबार चलाने में अपने चाचा (लुलु ग्रुप के फाउंडर) की मदद करने के लिए अबू धाबी चले गए थे. इस ग्रुप की शुरुआत फैमली वेंचर के तौर पर हुई थी, लेकिन बदलते वक्त के साथ यह कई अलग-अलग तरह के बिजनेस में फैल गया.
फोर्ब्स के मुताबिक जुलाई 2022 तक युसुफ अली एमए की कुल संपत्ति $4.7 बिलियन है, जो उन्हें दुनिया का 564वां सबसे अमीर व्यक्ति बनाती है. उनकी अन्य संपत्तियों पर नजर दौड़ाएं तो इनमें स्कॉटलैंड का वाल्डोर्फ एस्टोरिया और लंदन का ग्रेट स्कॉटलैंड यार्ड होटल भी शामिल हैं.
इसके अलावा अबू धाबी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (ADCCI) में निदेशक बोर्ड के सदस्य के तौर पर जगह पाने पहले प्रवासी भी यूसुफ अली हैं. पिछले साल भी वे निदेशक बोर्ड में शामिल हुए थे, इस प्रकार वह लगातार चौथी बार ADCCI के निदेशक बोर्ड में शामिल होने वाले पहले गैर-अरब व्यक्ति बन गए.
बिलेनियर (अरबपति) यूसुफ अली को उनके अच्छे कामों और परोपकार के लिए भी जाना जाता है. कहा जाता है कि उन्होंने COVID-19 महामारी के दौरान लगभग 6.8 मिलियन डॉलर का दान दिया था, इसके साथ ही केरल में 1400 बिस्तरों वाला एक अस्पताल (उपचार केंद्र) भी बनवाया था.
इसके अलावा 2018 में उन्होंने केरल में बाढ़ पीड़ितों के पुनर्वास के लिए 9 करोड़ रुपये से अधिक का दान भी दिया था.
लुलु ग्रुप (LuLu Group) दुनिया भर के 42 देशों में फैला हुआ है, इस ग्रुप के पास 60 हजार कर्मचारी हैं.
संयुक्त अरब अमीरात (UAE), ओमान, कतर, कुवैत, बहरीन, सऊदी अरब, मिस्र, इंडोनेशिया, थाईलैंड, वियतनाम, मलेशिया, फिलीपींस, चीन, श्रीलंका, केन्या, युगांडा, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, स्पेन, इटली, यूके (UK), अमेरिका (USA) और भारत में इस ग्रुप के ऑपरेशनल बेस फैले हुए हैं.
इस ग्रुप का हेडक्वाटर अबू धाबी में है. इस समूह के कई सारे बिजनेस हैं जिनमें हाइपरमार्केट संचालन, शॉपिंग मॉल डेवलवमेंट, माल (गुड्स) की मैन्युफैक्चरिंग और ट्रेंडिंग, हॉस्पिटैलिटी एसेट्स और रियल एस्टेट शामिल हैं.
(फोर्ब्स के इनपुट के साथ)
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