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मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में एक आदिवासी युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का मामला तेजी से गरमाने लगा है. परिजनों ने पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाया है तो पुलिस का कहना है कि हमने 2 घंटे थाने में रखकर युवक को छोड़ दिया था, लेकिन युवक का शव अगले दिन घर के बाहर पड़ा मिला.
मामला मध्य प्रदेश के रायसेन जिले का है. आदिवासी बाहुल्य सिलवानी विधानसभा के चैनपुर गांव में मंगलवार, 22 अगस्त की शाम शिव मंदिर में भजन का कार्यक्रम चल रहा था. श्री राम आदिवासी कथित तौर पर शराब के नशे में आया और गाली-गलौज करने लगा. इस बात पर सरपंच प्रतिनिधि पप्पू ठाकुर ने पुलिस को सूचना दी.
ग्रामीणों ने बताया कि पुलिस मंदिर से स्कूल तक युवक को मारते हुए ले गई थी. मृतक के पिता जगमोहन आदिवासी ने बताया, "मंगलवार शाम 4:00 बजे जैतहरी पुलिस मेरे बेटे को मारते हुए थाने ले गई थी. जब हमने सुबह घर के बाहर देखा तो उसका शव पड़ा हुआ था."
परिजनों ने बताया कि श्री राम घर का सबसे छोटा लड़का था, वह किसानी करता था और उसकी शादी हो गई थी.
मृतक के भाई रामनरेश आदिवासी ने भी कहा कि मेरे छोटे भाई श्री राम आदिवासी को पुलिस गांव से पकड़कर मारते हुए थाने ले गई थी.
युवक को सिलवानी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. मृत युवक का बुधवार को तीन डॉक्टरों की टीम ने पोस्टमार्टम किया, जिसके बाद पुलिस ने शव के अंतिम संस्कार की इजाजत दे दी. मामला बिगड़ते देख पुलिस की मौजूदगी में ही शव का अंतिम संस्कार कराया गया.
इस पूरे मामले पर पुलिस ने अलग ही बात कही है. रायसेन एसपी विकास कुमार साहवाल का कहना है कि पुलिस चौकी को एक युवक के नशे में गदर करने की सूचना मिली थी, जिसके बाद पुलिस युवक को लेकर चौकी आ गई.
पुलिस ने कहा है कि इस मामले में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार है. रिपोर्ट आने पर ही मौत के पीछे के कारणों का खुलासा होगा, जिसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी. पुलिस ने ये भी कहा कि युवक के खिलाफ कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई थी.
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