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MP में चुनाव से पहले मंत्रिमंडल विस्तार: विंध्य, महाकौशल, बुंदेलखंड को साधने की कोशिश

MP Cabinet Expansion: गौरीशंकर बिसेन, राजेंद्र शुक्ल और राहुल लोधी को शिवराज सिंह चौहान के कैबिनेट में शामिल किया गया है.

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मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में शनिवार, 26 अगस्त को मंत्रिमंडल विस्तार हुआ. विधानसभा चुनाव (MP Assembly Election) से पहले शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) के मंत्रिमंडल में तीन नए मंत्री शामिल किए गए हैं. बालाघाट से विधायक गौरीशंकर बिसेन, रीवा से विधायक राजेंद्र शुक्ल और खरगापुर से विधायक राहुल लोधी को राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने मंत्री के रूप में शपथ दिलाई.

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शिवराज कैबिनेट का विस्तार ऐसे समय में हुआ है, जब अगले कुछ महीनों में प्रदेश में चुनाव होने हैं. नव नियुक्त मंत्रियों के पास कामकाज के लिए ज्यादा समय भी नहीं है. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर चुनाव से ठीक पहले इस विस्तार के क्या मायने हैं?

बहरहाल, मध्य प्रदेश में इस कैबिनेट विस्तार को चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है. जानकारों की मानें तो इसे बीजेपी की जातिगत और क्षेत्रीय समीकरण साधने की कोशिश मानी जा रही है. जिन तीन विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है, उनमें से एक विंध्य क्षेत्र से आते हैं. दूसरे महाकौशल क्षेत्र से हैं और तीसरे बुंदेलखंड से हैं.

विंध्य से राजेंद्र शुक्ला बनाए गए मंत्री

मध्य प्रदेश में ब्राह्मणों का वोट 5% से अधिक नहीं है, लेकिन प्रदेश के 30 विधानसभा सीटों पर उनका दबदबा है. विंध्य भी ब्राह्मण बाहुल्य इलाका है. इस इलाके से अब तक कोई ब्राह्मण मंत्री नहीं था. ऐसे में बीजेपी ने रीवा से विधायक राजेंद्र शुक्ला को कैबिनेट में शामिल करके ब्राह्मण वोटों को साधने की कोशिश की है.

बता दें कि 2018 विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने विंध्य क्षेत्र की 30 में से 24 सीटों पर जीत दर्ज की थी. वहीं रीवा की आठों विधानसभा सीटें बीजेपी के खाते में गई थी.

ऐसे में बीजेपी इस बार भी विंध्य क्षेत्र में अपना दबदबा कायम रखना चाहती है. राजेंद्र शुक्ला को चुनाव से ठीक पहले मंत्रिमंडल में शामिल करना इसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है.

कौन हैं राजेंद्र शुक्ला?

  • रीवा विधानसभा सीट से चार बार के विधायक हैं.

  • 2003 में पहली बार विधायक बने.

  • पहले भी मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री रह चुके हैं.

  • विंध्य अंचल में BJP का बड़ा ब्राह्मण चेहरा हैं.

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महाकौशल से गौरीशंकर बिसेन बनाए गए मंत्री

विधानसभा चुनाव से पहले महाकौशल क्षेत्र से भी कैबिनेट में प्रतिनिधित्व दिया गया है. बालाघाट से विधायक गौरीशंकर बिसेन को मंत्री बनाया गया है. बता दें कि महाकौशल क्षेत्र से विधानसभा की 38 सीटें आती हैं. इसमें जबलपुर, छिंदवाड़ा, कटनी, सिवनी, नरसिंहपुर, मंडला, डिंडोरी और बालाघाट जिले शामिल हैं. 2018 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को महाकौशल इलाके में निराशा हाथ लगी थी.

2018 में बीजेपी को मात्र 13 सीट पर ही संतोष करना पड़ा था, जबकि कांग्रेस के खाते में 24 सीटें आई थीं. एक सीट पर कांग्रेस समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत दर्ज की थी.

ऐसे में बीजेपी ने गौरीशंकर बिसेन को मंत्रिमंडल में शामिल करके इस क्षेत्र के जातीय समीकरण को साधने की कोशिश की है.

कौन हैं गौरीशंकर बिसेन?

  • बालाघाट से 7वीं बार विधायक हैं.

  • 1985 में पहली बार विधायक बने.

  • 1998 और 2004 में लोकसभा चुनाव भी जीते.

  • मध्य प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हैं

  • बीजेपी सरकार में मंंत्री रहे चुके हैं.

  • मध्यप्रदेश भाजपा के तीन बार उपाध्यक्ष रहे.

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बुंदेलखंड से राहुल लोधी बनाए गए मंत्री

शिवराज कैबिनेट में उमा भारती के भतीजे और खरगापुर से विधायक राहुल लोधी को भी शामिल किया गया है. बुंदेलखंड से गोविंद सिंह, भूपेंद्र सिंह और गोपाल भार्गव मंत्री हैं. तीनों एक ही जिले सागर से आते हैं. वहीं पन्ना से बृजेंद्र प्रताप सिंह भी मंत्री हैं. कहा जा रहा है कि इसको बैलेंस करने के लिए राहुल लोधी को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है.

इसके साथ ही राहुल लोधी अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) से आते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मध्य प्रदेश की आबादी का 45 प्रतिशत से अधिक हिस्सा ओबीसी श्रेणी में आता है. 

बुंदेलखंड बीजेपी का मजबूत गढ़ है. वह इसे बरकरार रखना चाहती है. बुंदेलखंड में सात जिले सागर, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ़, पन्ना, दतिया और निवाड़ी आते हैं. यहां की 29 में से 19 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है, जबकि कांग्रेस के पास सिर्फ आठ सीटें हैं. इसके अलावा एसपी और बीएसपी के पास एक-एक सीट हैं.

कौन हैं राहुल लोधी?

  • राहुल सिंह लोधी एक बार के विधायक हैं.

  • वह 2018 में खरगापुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीते.

  • राहुल पूर्व सीएम उमा भारती के भतीजे हैं.

  • बुंदेलखंड और ग्वालियर चंबल में बड़ी संख्या में लोधी वोटर हैं.

बहरहाल, चुनाव से ठीक पहले हुए इस मंत्रिमंडल विस्तार से बीजेपी को कितना फायदा होगा, इस सवाल के जवाब में वरिष्ठ पत्रकार अरुण दीक्षित कहते हैं, "ये सिर्फ एक तमाशा है और कुछ नहीं है. इससे हासिल कुछ नहीं होने वाला है."

"मंत्रिमंडल विस्तार से बीजेपी को कोई फायदा नहीं मिलेगा, बल्कि असंतोष और बढ़ेगा. न तो इससे कास्ट का वोट मिलता है और न ही रीजनल बैलेंस होता है. क्योंकि विकास के लिए समय ही नहीं है उनके पास."
दिनेश गुप्ता, वरिष्ठ पत्रकार

कैबिनेट में विस्तार के बाद मध्यप्रदेश में मंत्रियों की कुल संख्या मुख्यमंत्री सहित 34 हो गई है. अभी भी एक पद खाली है. बता दें कि शिवराज सरकार का पिछला मंडिमंडल विस्तार जनवरी, 2021 में हुआ था.

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