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देश में 18+ लोगों के लिए वैक्सीनेशन 1 मई से शुरू हो गया है, लेकिन इसके बावजूद कई राज्यों में वैक्सीन की कमी के चलते इसे शुरू होने में कई दिन लग गए. अब जब कई दिनों के बाद 18-44 ग्रुप के लिए वैक्सीनेशन शुरू हुआ है, तो भी इसमें कई अड़चनें आ रही है. वैक्सीन की कमी के चलते राज्यों ने इस ग्रुप के लोगों के लिए वैक्सीन रोकने का फैसला किया है. महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा है कि राज्य में 18+ के लिए मौजूद वैक्सीन को 45+ वालों के दूसरे डोज में इस्तेमाल किया जाएगा.
11 मई को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “वैक्सीन की कमी है, इसलिए हम 18-44 आयु वर्ग के लिए अस्थायी रूप से टीकाकरण अभियान को बंद रखने पर विचार कर रहे हैं. इस समूह के लिए 2.75 लाख वैक्सीन की खुराक बची है, जिसका उपयोग अब 45 वर्ष और उससे अधिक के ग्रुप के लिए किया जाएगा. दूसरी खुराक का प्रशासन प्राथमिकता है.”
टोपे ने कहा कि राज्य सरकार के पास 45+ को दूसरी खुराक देने के लिए कोवैक्सीन के केवल 35 हजार वायल मौजूद हैं.
वैक्सीन के पर्याप्त डोज नहीं मिलने पर कई राज्यों में 18+ वालों के लिए वैक्सीनेशन रोकी जा रही है. तेलंगाना में 18-44 ग्रुप के लिए वैक्सीन रोके जाने की खबर सामने आई. 6 मई की द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, तेलंगाना में वैक्सीन की कमी के चलते 18-44 आयु वर्ग का वैक्सीनेशन रोका गया, वहीं 45+ वालों का टीकाकरण चलता रहेगा.
छत्तीसगढ़ में भी 18-44 ग्रुप के वैक्सीन को कुछ समय के लिए रोक दिया गया था, हालांकि अब इसे वापस शुरू कर दिया गया है. हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को प्राथमिकता पर वैक्सीन देने के फैसले पर आपत्ति जताई थी, जिसके बाद सरकार ने 18-44 आयु वर्ग का वैक्सीनेशन रोकने का फैसला किया. इस फैसले पर भी हाईकोर्ट ने आपत्ति जताई थी और कहा था कि इस आयु वर्ग में सभी को बराबर रेश्यो से वैक्सीन लगाई जाए.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 11 मई को कहा कि सरकार के पास कुछ ही दिनों की वैक्सीन बची है.
कुछ दिनों पहले केजरीवाल ने केंद्रीय स्वास्थअय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को खत लिखकर सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक को दिल्ली को वैक्सीन के ज्यादा डोज देने का निर्देश देने की अपील की थी. केजरीवाल ने कहा था कि वो अगले तीन महीने में सभी दिल्लीवासियों को वैक्सीनेट करना चाहते हैं और इसके लिए सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर भी तैयार कर रही है.
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