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कैश-फॉर-क्वेरी (Cash For Query) आरोपों का सामना कर रही तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) गुरुवार, 2 नवंबर को लोकसभा की एथिक्स कमेटी के सामने पेश हुई. हालांकि, लंच के बाद विपक्षी सांसदों ने कमेटी के चेयरमैन विनोद कुमार सोनकर पर TMC सांसद महुआ मोइत्रा से 'अमर्यादित सवाल' पूछने का आरोप लगाते हुए बैठक से वॉक आउट कर दिया.
TMC सांसद महुआ मोइत्रा बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के कैश-फॉर-क्वेरी के आरोपों के संबंध में मौखिक साक्ष्य देने के लिए लोकसभा की एथिक्स कमेटी के सामने पेश हुई थीं. मीटिंग से बाहर आकर महुआ ने एथिक्स कमेटी पर भड़कते हुए कहा,
यह कहकर महुआ मोइत्रा मीडिया के सामने अपनी आंखें दिखाने लगीं.
महुआ मोइत्रा ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को गुरुवार को हुए घटनाक्रम की जानकारी देते हुए एक पत्र भी लिखा है. उन्होंने इस पत्र की एक कॉपी अपने X अकाउंट पर भी शेयर की है. अपने पत्र में महुआ ने कहा कि उनका मौखिक रूप से 'वस्त्रहरण' हुआ है.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि समिति को खुद को आचार समिति के अलावा किसी अन्य नाम से नामित करना चाहिए क्योंकि इसमें कोई एथिक्स और नैतिकता नहीं बची है.
विपक्षी सांसदों ने दावा किया कि कमेटी के चेयरमैन विनोद कुमार सोनकर बार-बार तृणमूल नेता से "बहुत ही व्यक्तिगत सवाल" पूछ रहे थे. इसके साथ ही विपक्षी सांसदों ने सोनकर से बार-बार कहा कि ये सवाल "अमर्यादित और महिला सांसद के लिए अपमानजनक" थे और उन्हें ऐसा करने से बचना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि पूछताछ का तरीका अनुचित था.
कांग्रेस सांसद उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा, "पूरे सवालों से ऐसा लगता है कि वह किसी के इशारे पर काम कर रहे हैं. यह बहुत, बहुत बुरा है. वो उनसे (महुआ मोइत्रा) पूछ रहे हैं कि आप कहां यात्रा कर रही हैं? आप कहां मिल रही हैं? क्या आप हमें अपना फोन रिकॉर्ड दे सकती हैं?... किसी नकद हस्तांतरण का कोई सबूत नहीं है."
पूरे विवाद पर एथिक्स कमेटी के चेयरमैन विनोद सोनकर ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. मोइत्रा के वॉक आउट के बाद सोनकर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वह सवाल का जवाब देने की बजाय असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल करने लगीं.
उन्होंने आगे कहा कि महुआ दर्शन हीरानंदानी के आरोपों का सामना कर रही हैं, उन्हें जवाब देना चाहिए था, लेकिन उन्होंने मुद्दे को भटका दिया. "समिति अब आगे की कार्रवाई तय करेगी."
महुआ के आरोपों पर सोनकर ने कहा कि "उन्होंने केवल खुद को सवालों से बचाने के लिए इस चाल का इस्तेमाल किया."
वहीं बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा,
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि विनोद सोनकर जी अनुसूचित जाति के हैं. और वो एथिक्स कमेटी के चेयरमैन कैसे हो गए, ये उन लोगों को पच नहीं रहा है. और उनके खिलाफ अनरगल बयानबाजी हो रही है.
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