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राष्ट्रपति चुनाव (Presidential Election) को लेकर तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की विपक्षी नेताओं के साथ दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में बैठक हुई. ममता की मीटिंग में कांग्रेस की तरफ से मल्लिकार्जुन खड़गे, DMK की तरफ से टीआर बालू, शिवसेना की तरफ से सुभाष देसाई, एसपी से अखिलेश यादव, RLD की तरफ से जयंत चौधरी, NCP की तरफ से शरद पवार, PDP की तरफ से महबूबा मुफ्ती, नेशनल कॉन्फ्रेंस की तरफ से उमर अब्दुल्ला, RJD की तरफ से मनोज झा, JDS, CPM, CPI शामिल हुई हैं.
वहीं, AAP, TRS, BJD और अकाली दल के साथ ही AIMIM ने ममता बनर्जी की इस बैठक में शामिल नहीं होने का फैसला किया है.
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस), आज सुबह बैठक से बाहर हो गए, उन्होंने कांग्रेस को आमंत्रित किए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई. टीआरएस ने एक तीखे स्वर में कहा,
चंद्रशेखर राव की पार्टी ने कहा कि कांग्रेस को उसकी आपत्तियों के बावजूद आमंत्रित किया गया था. नोट में कहा गया है, "राहुल गांधी ने हाल ही में तेलंगाना में एक जनसभा में बीजेपी के खिलाफ बिना किसी आलोचना के टीआरएस सरकार पर निशाना साधा था."
आम आदमी पार्टी भी इस बैठक का हिस्सा नहीं होगी, AAP ने कहा, "आगामी राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार की घोषणा के बाद ही इस मुद्दे पर विचार करेगी."
राष्ट्रपति चुनाव पर विपक्ष की इस बैठक पर वाईएसआरसीपी सांसद विजयसाई रेड्डी वी ने कहा कि, "हमें कल तक बैठक का निमंत्रण नहीं मिला है. किसी भी उम्मीदवार को समर्थन देने का निर्णय वाईएस जगन मोहन रेड्डी द्वारा लिया जाएगा. मुझे नहीं पता कि विपक्ष उम्मीदवार खड़ा करेगा या नहीं."
बीते मंगलवार को ममता बनर्जी दिल्ली पहुंचीं और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार से उनके आवास पर मुलाकात की. इस बैठक के दौरान ममता बनर्जी ने शरद पवार से राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष का उम्मीदवार बनने को कहा. हालांकि, एनसीपी प्रमुख ने यह कहते हुए प्रस्ताव को ठुकरा दिया कि वह सक्रिय राजनीति में बने रहना चाहते हैं.
ममता बनर्जी द्वारा बुलाई गई विपक्ष की इस बैठक में कांग्रेस हिस्सा लेगी. राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, जयराम रमेश और रणदीप सुरजेवाला बैठक में शामिल हो सकते हैं.
पिछले हफ्ते टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने 22 विपक्षी नेताओं और मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर 15 जून को नई दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में बैठक में भाग लेने का अनुरोध किया था.
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