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आरिफ ने जिंदगी क्या बचाई, सारस बन गया पल-पल का साथी, कहीं भी जाएं, साथ जाता है

Man stork friendship viral video: अमेठी में पक्षी और इंसान की दोस्ती की गजब कहानी

क्विंट हिंदी
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>सारस पक्षी बना आरिफ का मित्र.</p></div>
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सारस पक्षी बना आरिफ का मित्र.

Photo- (क्विंट हिंदी)

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कहते हैं कि इंसान ही लोगों के साथ दोस्ती नहीं कर सकता बल्कि पशु-पक्षी भी बिना स्वार्थ लोगों से दोस्ती निभाते हैं. ऐसा ही एक अजब गजब मामला यूपी के अमेठी में सामने आया है. अमेठी के 30 वर्षीय युवक का कोई इंसान नहीं बल्कि सारस पक्षी दोस्त बना हुआ है.

सारस और इंसान की दोस्ती कैसे हुई?

दरअसल युवक ने सारस पक्षी का घायल अवस्था के दौरान इलाज किया था. जिसके बाद पक्षी ने युवक को अपना सबसे प्रिय मित्र मान लिया और करीब 1 वर्ष से यह पक्षी युवक के साथ ही रहता है और युवक जहां भी जाता है सारस पक्षी उसी के साथ उसका साथी बनकर उसके साथ घूमता है.

स्थानीय लोग भी आरिफ और सारस की दोस्ती की मिसाल देते हैं. यह मामला अमेठी जनपद के जामो विकासखंड के मंडका गांव का है. 2022 के अगस्त में इस पक्षी से आरिफ की मुलाकात उस समय हुई जब यह जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहा था. आरिफ ने सारस का इलाज किया और करीब 1वर्ष से सारस आरिफ और उनके परिवार के साथ ही रह रहा है.

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हर जगह आरिफ के साथ जाता है सारस

खास बात यह है की यह पक्षी आरिफ के घर पर रहने के साथ-साथ हर जगह आरिफ का साए की तरह पीछा करता है. आरिफ जहां जहां जाते हैं, वह वहां वहां उनके साथ जाता है. आरिफ पैदल जाए या मोटर साइकिल से, हर जगह सारस हमसफर बनकर आरिफ के साथ ही रहता है. आरिफ के परिवार में उनकी पत्नी और दो बच्चे के साथ उनके माता-पिता भी सारस को अपने परिवार के सदस्य की तरह दुलार करते हैं.

सारस के दोस्त आरिफ बताते हैं- "पक्षी का पैर टूट गया था और खेत में घायल अवस्था में मिला था. हमने इसका इलाज कराया और इसे घर लाकर खाना भी खिलाया, जिसके बाद से यह हमारे साथ ही रहता है. हम चाहते भी थे कि यह चला जाए लेकिन यह नहीं गया. हमारी दोस्ती इतनी गहरी है कि हम जहां जहां जाते हैं, यह वहां वहां मेरे साथ जाता है. साथ ही फिर हमारे साथ ही वापस घर चला आता है. यह पूरी तरीके से आजाद है इस पर किसी भी प्रकार की कोई पाबंदी नहीं है. यह आसमान में भी उड़ कर दिन ढलने के बाद ही हमारे घर वापस चला आता है. इस सारस पक्षी से हमें परिवार के सदस्य जैसा लगाव हो गया है.''

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