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Dog Attack: कुत्तों को पालने से लेकर सोसाइटी में रखने के नियम-कायदे क्या हैं?

नियमों के तहत किसी को भी अपने पालतू जानवरों के साथ बिल्डिंग की लिफ्ट का इस्तेमाल करने से नहीं रोका जा सकता है

Published
भारत
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पालतू कुत्तों द्वारा आम लोगों को परेशान करने और उनपर हमला करने के मामले सुर्खियों में हैं. कभी गाजियाबाद (Ghaziabad) से लिफ्ट में कुत्ते द्वारा बच्चे को काटने की खबर आती है, तो कभी नोएडा (Noida) में डिलिवरी बॉय को लिफ्ट में कुत्ते के काटने की खबर, ताजा मामले में लखनऊ में एक युवक को कुत्ते ने प्राइवेट पार्ट पर काट लिया, जिसके बाद युवक को अस्पताल में भर्ती कराया गया.

लखनऊ में हुई पिटबुल की घटना के बाद से गाजियाबाद, नोएडा समेत कई शहरों की कुत्तों को लिफ्ट में ले जाने पर बैन लगा दिया है, तो कहीं कहीं इनके पालने पर ही रोक लगा दी गई है.

कुत्ते पालने को लेकर भी कई नियम-कायदे हैं जिनकी अनदेखी पर जेल और जुर्माना दोनों सजा मिल सकती है.

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कुत्ते पालने को लेकर क्या नियम हैं?

अगर आप कोई भी पालतू जानवार पालते हैं तो उसका नगर निगम में फीस देकर रजिस्ट्रेशन जरूरी होता है. यह रजिस्ट्रेश रिन्यू भी करवाना पड़ता है क्योंकि यह केवल कुछ समय के लिए ही होता है. कुत्ते का वैक्सीनेशन करवाना जरूरी होता है. बता दें कि हाउसिंग सोसाइटी एक लापरवाह पालतू जानवर के मालिक के खिलाफ मामला दर्ज कर सकती है.

एनिमल वेलफेयर बोर्ड द्वारा दिए गए निर्देश क्या हैं?

भारतीय पशु कल्याण बोर्ड द्वारा भी नियम तय किए हैं. नयम के अनुसार कोई भी हाउसिंग सोसाइटी निवासियों को पालतू जानवर रखने पर प्रतिबंध नहीं लगा सकती. बोर्ड ने भी कहा है कि कुत्ते का भौंकना पालतू जानवरों पर प्रतिबंध लगाने का कोई उचित कारण नहीं है.

बता दें कि इन नियमों के तहत पालतू जानवरों के मालिकों को अपने पालतू जानवर के साथ बिल्डिंग की लिफ्ट का इस्तेमाल करने से नहीं रोका जा सकता है. यहीं नहीं कोई भी सोसाइटी पालतू जानवरों के लिए लिफ्ट का उपयोग करने वाले सदस्यों से अतिरिक्त शुल्क नहीं वसूल सकती.

हाउसिंग सोसाइटी में कुत्तों को घूमाने को लेकर क्या क्या नियम हैं?

अलग-अलग शहरों में कुत्ते को टहलाने को लेकर नियम अगल हैं. कुछ सोसाइटी तो ऐसी भी हैं जहां कुत्तों को पालने की अनुमति नहीं है. इसके अलावा कई सोसाइटी में कुत्तों को पार्क में नहीं ले जाया जा सकता. कुछ सोसाइटी में नियम हैं कि कुत्ते को सार्वजनिक स्थान पर ही नहीं ले जाया जा सकता है.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कई जगहों पर आरडब्ल्यूए ने कुत्तों को प्रशिक्षित कराना अनिवार्य कर दिया है. इसके कई जगहों पर लिफ्ट या फिर सार्वजनिक स्थानों पर घुमाते वक्त कुत्तों के मुंह पर जालीदार मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया है.

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लिफ्ट में पालतू जानवारों के लिए अब क्या नियम लगाए जा रहे हैं?

यह बात तो साफ है कि किसी भी पालतू जानवर को लिफ्ट का उपयोग करने से नहीं रोका जा सकता. लेकिन हाल ही में घटनाओं ने कई सोसाइटीज को यह नियम लागू करने पर मजबूर किया कि जब भी कोई अपने पालतू जानवर को लिफ्ट में ले जाना चाहता हो तो उसे लिफ्ट में अकेला जाना होगा.

गाजियाबाद की चार्म्‍स कैसल सोसाइटी की लिफ्ट में हुए हादसे के बाद सोसाइटी ने नोट‍िस जारी कर कुत्‍तों के माल‍िकों को ल‍िफ्ट के खाली होने की स्‍थ‍ित‍ि में ही पालतू जानवार को ले जाने की अनुमत‍ि दी है. अगर खाली नहीं हो तो थोड़ा इंतजार करने को कहा गया है. कॉमन एर‍िया में डॉग अगर गंदगी करता है तो उसे माल‍िक को साफ करना होगा.

कुत्ते के काटने पर क्या मालिक को होगी सजा?

कुत्ते के किसी को काटने पर मालिक को सजा मिलने का प्रावधान कानून में किया गया है. भारतीय दंड सहिता की धारा 289 के तहत कुत्ते के मालिक को ज्यादा से ज्यादा 6 महीने तक जेल की सजा हो सकती है और एक हजार रुपये का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं.

गाजियाबाद के मामले में कुत्ते की मालकिन पर नगर निगम ने 5 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है.

भारत में किन कुत्तों को पालने पर है प्रतिबंध?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत में कुत्तों के किसी भी नस्ल पर प्रतिबंध नहीं है. लोग अपनी पसंद के नस्ल के कुत्ते पाल सकते हैं और इसके लिए न ही किसी रजिस्ट्रेशन की जरूरत है. हालांकि, भारत ने विदेशी नस्ल के कुत्तों की आयात पर प्रतिबंध लगा रखा है. लेकिन, अगर आप पहले से ही किसी विदेशी नस्ल के कुत्ते के मालिक हैं, तो कोई जुर्माना नहीं लगाया जाएगा.

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