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मणिपुर में हिंसा के बाद पहला विधानसभा सत्र, किन मुद्दों पर होगी चर्चा? 10 अपडेट्स

Manipur विधानसभा आखिरी बार फरवरी-मार्च के दौरान बजट सत्र के लिए बुलाई गई थी.

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<div class="paragraphs"><p>मणिपुर में हिंसा के बाद पहला विधानसभा सत्र, कौन होगा शामिल? 10 बड़े अपडेट्स</p></div>
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मणिपुर में हिंसा के बाद पहला विधानसभा सत्र, कौन होगा शामिल? 10 बड़े अपडेट्स

(फोटोः IANS)

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मणिपुर (Manipur) में पिछले कई महीनों से हिंसा का दौर जारी है. कई जगहों पर आगजनी और तोड़फोड़ की भी खबरें आईं. राज्य में जातीय हिंसा भड़कने के बाद मणिपुर में 29 अगस्त को पहला विधानसभा सत्र आयोजित हो रहा. मणिपुर विधानसभा के अहम एक दिवसीय सत्र में राज्य की मौजूदा स्थिति पर चर्चा होगी, लेकिन यह आशंका जताई जा रही है कि सुरक्षा चिंताओं की वजह से कम से कम 10 कुकी विधायक सत्र में नहीं शामिल होंगे. आइए जानते हैं मणिपुर में मौजूदा हालात और बुलाए गए विधानसभा सत्र के बारे में 10 बड़ी बातें-

  • मणिपुर विधानसभा आखिरी बार फरवरी-मार्च के दौरान बजट सत्र के लिए बुलाई गई थी और 3 मई को हुई झड़पों के कारण मानसून सत्र को आगे बढ़ा दिया गया था.

  • मणिपुर के स्पीकर थोकचोम सत्यब्रत सिंह (Thokchom Satyabrata Singh) ने कहा कि इस एक दिवसीय विधानसभा सत्र में राज्य की मौजूदा स्थिति पर चर्चा की जाएगी. दिन के विधानसभा कार्य के मुताबिक कोई प्रश्नकाल या निजी सदस्य प्रस्ताव नहीं होगा.

  • कुकी-जोमी आदिवासी निकायों ने एक दिवसीय सत्र को अस्वीकार कर दिया है और समुदाय के 10 विधायक सत्र में भाग नहीं लेंगे. उन्होंने कहा कि विधायकों के लिए मैतेई बहुल इम्फाल घाटी की यात्रा करना असुरक्षित होगी, जहां विधानसभा स्थित है. नागा विधायकों के सत्र में शामिल होने की संभावना है.

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  • कुकी-जोमी समाज ने राज्यपाल से विधानसभा सत्र स्थगित करने का अनुरोध किया था, लेकिन सरकार ने किसी विशेष सहायता से इनकार कर दिया. मणिपुर के मंत्री सपम रंजन सिंह ने कहा कि कोई अलग प्रशासन नहीं हो सकता और सरकार इस रुख पर स्पष्ट है.

  • NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक राज्य के बीजेपी सूत्रों ने संकेत दिया है कि सत्र में मौजूदा जातीय संकट पर कुछ प्रस्ताव अपनाए जाने की संभावना है. इसके उलट, आदिवासी निकायों ने संकल्प लिया है कि विधानसभा द्वारा अपनाया गया कोई भी प्रस्ताव कुकी क्षेत्रों में बाध्यकारी नहीं होगा. कांग्रेस ने भी कहा कि यह एक दिवसीय सत्र जनहित में नहीं है.

  • विधानसभा को फिर से बुलाना मैतेई नागरिक समाज समूहों और विपक्षी दलों की एक प्रमुख मांग थी. संविधान के अनुच्छेद 174 के मुताबिक विधानसभा सत्र अपनी आखिरी बैठक से 6 महीने के अंदर बुलाई जानी चाहिए.

  • सरकार ने पिछले महीने 21 अगस्त तक सत्र बुलाने की सिफारिश की थी, लेकिन बाद में राजभवन से हरी झंडी नहीं मिलने पर इसे संशोधित कर 28 अगस्त कर दिया. पिछले हफ्ते, मुख्यमंत्री कार्यालय ने ऐलान किया कि विधानसभा 29 अगस्त से फिर से बुलाया जाएगा.

  • केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री बी एल वर्मा ने सोमवार (28 अगस्त) को कहा कि मणिपुर में स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है.

  • दो दिन पहले मणिपुर की राजधानी इंफाल से आगजनी की एक घटना सामने आई थी, जब भीड़ ने तीन खाली पड़े घरों में आग लगा दी थी. रविवार (27 अगस्त) सुबह इंफाल के पश्चिम जिले में अज्ञात लोगों ने सुरक्षाकर्मियों से हथियार छीन लिए.

  • मणिपुर में कुकी जनजाति और मैतेई लोगों के बीच अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने की मांग को लेकर हिंसा भड़क उठी. तब से कम से कम 170 लोग मारे गए हैं और हजारों लोग आंतरिक रूप से विस्थापित हुए हैं.

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