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सीबीआई (CBI) ने दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े कथित घोटाले की जांच में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia Arrest) को 26 फरवरी को गिरफ्तार कर लिया है. सिसोदिया को सीबीआई अधिकारियों ने करीब आठ घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया.
मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी 2021-22 के लिए बनाई गई दिल्ली शराब नीति (Delhi's Liquor Policy Controversy) में कथित भ्रष्टाचार के संबंध में है. बता दें यह नीति रद्द की जा चुकी है. सीबीआई की एफआईआर में आरोपी नंबर एक सिसोदिया से पहले 17 अक्टूबर को पूछताछ की गई थी, इससे एक महीने पहले एजेंसी ने 25 नवंबर को चार्जशीट दायर की थी.
क्या है दिल्ली आबकारी नीति और इसमें अबतक क्या-क्या हुआ आइए आपको बताते हैं.
मनीष सिसोदिया के खिलाफ सीबीआई के मामले में घटनाओं की सीरीज जुलाई में शुरू हुई, जब दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव ने दिल्ली की आबकारी नीति 2021-22 के माध्यम से "वित्तीय लाभ का गुप्त उद्देश्य" का आरोप लगाते हुए एक रिपोर्ट प्रस्तुत की. इस रिपोर्ट में लेफ्टिनेंट गवर्नर विनय कुमार सक्सेना को शराब नीति की जांच की सिफारिश करने के लिए कहा था.
17 नवंबर 2021 को लॉन्च की गई, दिल्ली सरकार की आबकारी नीति 2021-22 को खुदरा शराब क्षेत्र में सुधार, उपभोक्ता अनुभव में सुधार और राजस्व में 9,500 करोड़ रुपये की बढ़ोत्तरी के लक्ष्य से लाया गया था.
अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा शुरू की गई नई नीति ने सरकार संचालित 600 दुकानों को बंद करने की मांग की, ताकि नई प्राइवेट वेंडर्स वाली दुकानों से यह काम करवाया जा सके. यह शराब की बिक्री से दिल्ली सरकार के बाहर निकलने का संकेत था.
नई आबकारी नीति के लागू होने के बाद सरकार के राजस्व में 27 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जिससे लगभग 8,900 करोड़ रुपये की आय हुई.
दिल्ली की उत्पाद शुल्क नीति 2021-22 द्वारा पेश किए गए कुछ प्रमुख बिंदु यह हैं-
इसने शहर में 849 खुदरा शराब की दुकानों को लाइसेंस प्रदान किया, जिसमें पांच सुपर-प्रीमियम खुदरा बिक्री शामिल थी, जिनमें न्यूनतम 2,500 वर्ग फुट का क्षेत्र था.
सरकार ने लाइसेंसधारियों के लिए भी नियमों को लचीला बनाया, जिससे उन्हें छूट की पेशकश करने की अनुमति मिली। नई नीति में कहा गया है, "लाइसेंसधारी एमआरपी (MRP) पर रियायत, छूट या डिस्काउंट देने के लिए स्वतंत्र है."
इस नीति ने राजधानी में अधिकांश शराब की दुकानों के सामने लोहे की ग्रिल से छुटकारा दिलाया और खरीदारों को अपनी पसंद के ब्रांड ब्राउज करने और खरीदने की अनुमति दी. इसके लिए, ग्राहकों को वॉक-इन अनुभव देने के लिए दुकानों को विशाल, अच्छी तरह से रोशनी और वातानुकूलित होना चाहिए और कैमरे की निगरानी में होना चाहिए।
इसने वेबसाइटों और ऐप्स के माध्यम से दिल्ली में शराब की होम डिलीवरी की भी अनुमति दी.
नई दुकान खोलने के मानक नियमों और विनियमों का पालन करने तक नीति ने बाजारों, मॉल, वाणिज्यिक सड़कों / क्षेत्रों, स्थानीय शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और अन्य ऐसे स्थानों में स्टोर खोलने की अनुमति दी.
इसने ड्राई डे की संख्या को 21 प्रति वर्ष से घटाकर तीन कर दिया, और होटल और रेस्तरां में बार को 3 बजे तक खुले रहने की अनुमति दी.
उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना द्वारा व्यवस्था में कथित विसंगतियों की सीबीआई जांच की सिफारिश करने के बाद जुलाई 2022 में दिल्ली सरकार द्वारा विवादास्पद नीति को वापस ले लिया गया था.
एलजी का निर्णय दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार की एक रिपोर्ट पर आधारित था, जिसमें विशिष्ट उदाहरणों का हवाला देकर नीति के लागू होने में कथित अनियमितताओं को सूचीबद्ध किया गया था.
केंद्रीय जांच एजेंसी ने मामले में सिसोदिया को मुख्य आरोपी बनाया है, जिसे आपराधिक साजिश से संबंधित आईपीसी की धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत दर्ज किया गया है.
सीबीआई ने अरवा गोपी कृष्ण के परिसरों सहित दिल्ली-एनसीआर में लगभग 20 अन्य स्थानों पर भी छापे मारे. मामले में आबकारी अधिकारियों, शराब कंपनी के अधिकारियों, डीलरों सहित अज्ञात लोक सेवकों और निजी व्यक्तियों पर भी मामला दर्ज किया गया है.
छापेमारी के एक दिन बाद मनीष सिसोदिया ने शनिवार, 20 अगस्त को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सीबीआई अगले दो या तीन दिनों में उन्हें गिरफ्तार कर लेगी.
सिसोदिया ने मीडिया से कहा, "सत्येंद्र जैन पहले से ही जेल में है, मुझे भी 2-3 दिनों में गिरफ्तार कर लिया जाएगा, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में काम रोकने की साजिश है."
दिल्ली सरकार में मंत्री सत्येंद्र जैन को ईडी ने 30 मई को धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत गिरफ्तार किया था.
सीबीआई के दफ्तर पहुंचने से पहले राजघाट पर मनीष सिसोदिया ने भाषण दिया था. उन्होंने कहा था कि, "जैसै जैसे आपकी पार्टी आगे बढ़ेगी वैसे-वैसे बीजेपी डरती रहेगी और मुकदमें करवाती रहेगी. मैं जेल जाने से नहीं डरता. मैं जेल चला जाऊं तो मुझ पर गर्व करना, मायूस मत होना."
आखिरकार 26 फरवरी, 2023 को 8 घंटों की पूछताछ के बाद मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया गया.
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