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Manish Sisodia Arrested:डिप्टी CM सिसोदिया को CBI ने पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया

दिल्ली शराब नीति मामले में उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर क्या आरोप लगे हैं? यहां जानिए

Published
भारत
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दिल्ली शराब नीति मामले में उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सीबीआई ने 8 घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार (Manish Sisodia Arrested) कर लिया है. सिसोदिया रविवार, 26 फरवरी की सुबह राज घाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी और उसके बाद पूछताछ के लिए सीबीआई कार्यालय पहुंचे थे.

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कथित शराब घोटाले में सीबीआई की FIR में आरोपी नंबर एक, डिप्टी सीएम सिसोदिया से पहले 17 अक्टूबर 2022 को पूछताछ की गई थी. इसके बाद एजेंसी ने 25 नवंबर को चार्जशीट दायर की. हालांकि चार्जशीट में उनका नाम नहीं लिया गया था. अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई ने चार्जशीट में सिसोदिया का नाम नहीं लिया था क्योंकि इस केंद्रीय जांच एजेंसी ने उनके और अन्य संदिग्धों और आरोपियों के खिलाफ जांच खुली रखी थी.

"मैं जेल चला जाऊं तो मुझ पर गर्व करना"- CBI की पूछताछ से पहले सिसोदिया 

सीबीआई के दफ्तर पहुंचने से पहले राजघाट पर उन्होंने लंबा भाषण दिया. उन्होंने कहा कि जैसै जैसे आपकी पार्टी आगे बढ़ेगी वैसे-वैसे बीजेपी डरती रहेगी और मुकदमें करवाती रहेगी. मैं जेल जाने से नहीं डरता. मैं जेल चला जाऊं तो मुझ पर गर्व करना, मायूस मत होना.

उन्होंने कहा कि पीएम मोदी न राहुल गांधी से डरते हैं न किसी और विपक्ष के नेता से, वे बस केजरीवाल और आम आदमी पार्टी से डरते हैं. उन्होंने कहा है कि आने वाले समय में बीजेपी का कल आदमी पार्टी ही बनेगी.

उन्होंने ट्वीट करके कहा कि अगर उन्हें कुछ महीने जेल में भी बिताने पड़े तो परवाह नहीं.

"आज फिर CBI जा रहा हूं, सारी जांच में पूरा सहयोग करूंगा. लाखों बच्चो का प्यार व करोड़ो देशवासियो का आशीर्वाद साथ है. कुछ महीने जेल में भी रहना पड़े तो परवाह नहीं. भगत सिंह के अनुयायी हैं, देश के लिए भगत सिंह फांसी पर चढ़ गए थे. ऐसे झूठे आरोपों की वजह से जेल जाना तो छोटी सी चीज है."

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी कहा कि हम आपके जेल से जल्द लौटने की प्रार्थना करते हैं.

दिल्ली शराब नीति मामले में कथित अनियमितताएं क्या थीं?

उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना द्वारा दिल्ली की नई शराब नीति में कथित विसंगतियों की सीबीआई जांच की सिफारिश करने के बाद जुलाई 2022 में दिल्ली सरकार ने इसे वापस ले लिया था.

एल-जी का निर्णय दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार की एक रिपोर्ट पर आधारित था, जिसमें नीति के कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं की बात की गयी थी. कथित रूप से नीति के माध्यम से टेंडर के बाद "शराब लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ" दिया जाता था.

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सीबीआई ने शुक्रवार, 19 अगस्त को मनीष सिसोदिया के आवास पर 12 घंटे तक चली छापेमारी के बाद कथित घोटाले की FIR में दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया सहित 16 आरोपियों को सूचीबद्ध किया था.

सीबीआई ने मामले में सिसोदिया को मुख्य आरोपी बनाया है, जिसे आपराधिक साजिश से संबंधित आईपीसी की धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत दर्ज किया गया है.

FIR में कहा गया है कि सिसोदिया, दिल्ली के तत्कालीन आबकारी आयुक्त अरावा गोपी कृष्णा और दो अन्य वरिष्ठ आबकारी विभाग के अधिकारियों ने टेंडर के बाद लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ देने के लिए आबकारी नीति से संबंधित निर्णय लेने और सिफारिश करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी,जबकि उनके पास सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी नहीं थी.

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