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महाराष्ट्र में शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन सरकार बनाने जा रहा है. इसी के साथ महाराष्ट्र में बीते करीब एक महीने से जारी सियासी ड्रामे का ‘द एंड’ होने वाला है. महाराष्ट्र की राजनीतिक रस्साकशी के बीच एक नया नाम सुर्खियों में है, वह है सोनिया दूहन का. एनसीपी के स्टूडेंट विंग की अध्यक्ष 28 वर्षीय दूहन को एनसीपी के चार बागी विधायकों- दौलत दारोगा, नरहरि जिरवाल, नितिन पवार और अनिल पाटिल को 'रेस्क्यू' करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी.
शनिवार, 23 नवंबर को अजित पवार के उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण के बाद से एनसीपी के ये चार विधायक ‘लापता’ थे.
दूहन ने एक नाटकीय 'रेस्क्यू मिशन' की अगुआई की, जिसके तहत सोमवार की सुबह लापता विधायकों को गुरुग्राम के एक होटल से बाहर लाया गया. इन विधायकों को कथित तौर पर बीजेपी ने अपने कब्जे में रखा था.
एनसीपी चीफ शरद पवार को शुक्रवार शाम इन चार विधायकों में से एक का टेक्स्ट मैसेज मिला. मैसेज में कहा गया था कि वे कथित तौर पर राजधानी के किसी होटल में कैद हैं. इसके बाद इनके ‘रेस्क्यू ऑपरेशन’ की योजना बनाई गई. दूहन और एनसीपी यूथ विंग के अध्यक्ष धीरज शर्मा ने तब इन विधायकों की लोकेशन के बारे में पता लगाया. लोकेशन गुरुग्राम में द ओबेरॉय होटल की निकली. इसके बाद इनके 'रेस्क्यू' की योजना तैयार की गई.
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दूहन ने बताया कि तब उन्होंने एनसीपी कार्यकर्ताओं के लिए उस होटल में कमरे बुक किए. ये कार्यकर्ता इसी ऑपरेशन का हिस्सा थे. वे बीजेपी कार्यकर्ताओं की गतिविधियों की निगरानी करने के लिए वहां 100-100 लोगों की 2 टीमों में दाखिल हुए. बीजेपी कार्यकर्ता एक किले की तरह होटल की रखवाली कर रहे थे.
विधायकों को होटल के पिछले दरवाजे से बाहर निकाला गया. पूरे होटल में यही इकलौता एग्जिट था, जिसमें सीसीटीवी कैमरों की निगरानी नहीं थी. इसके बाद विधायकों को नई दिल्ली में शरद पवार के निवास पर ले जाया गया.
सोनिया ने बताया, “हम 6 जनपथ पहुंचे, जो श्री पवार का निवास है. वहां हमने डिनर किया. उसके बाद हमने रात 2.40 की फ्लाइट बुक की और गो एयर की फ्लाइट से सुबह 4.40 बजे मुंबई पहुंचे. सुबह 5.10 बजे हम होटल पहुंच गए.”
उन्होंने बताया, ‘किसी तरह, हमारे विधायकों में से एक नरहरि, जिन्हें हमने सोचा था कि हमने उन्हें भी बचा लिया था, सामने के दरवाजे से चले गए. फिर, वहां एक झड़प छिड़ गई (बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ). विधायक नरहरी जिरवाल को भी उस रात बाद में शरद पवार के आवास पर लाया गया था.’
हरियाणा के हिसार जिले की रहने वालीं, सोनिया दूहन ने 21 साल की उम्र में एनसीपी में शामिल होकर छात्र राजनीति में कदम रखा. उन्होंने हिसार जिले से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की. इसके बाद कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से बीएससी की डिग्री हासिल करने के लिए वो अंबाला आ गईं. यहीं पर उनका राजनीति से परिचय हुआ और उन्होंने एनसीपी में शामिल होने का फैसला किया.
दिल्ली यूनिवर्सिटी के दो चुनावों में एनसीपी के स्टूडेंट्स विंग की अगुआई करने के बाद, उन्हें एक बार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और फिर राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया. इसके बाद उन्हें एनसीपी के नेशनल स्टूडेंट्स विंग का अध्यक्ष बनाया गया.
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