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पहले दक्षिण और अब उत्तर भारत में अफवाहों का बाजार गर्म है. इतना गर्म कि इसमें जिंदगियां झुलस रही हैं. बिहार -झारखंड और उत्तर प्रदेश खूब अफवाह फैल रही है. कुछ सोशल मीडिया पर,कुछ सड़क पर . लेकिन दोनों ही मामले में भीड़ हिंसक हो जा रही है, फैसला वहीं के वहीं सड़क पर किया जा रहा है.
पुलिस के मुताबिक रविवार को मेरठ के शाहजहांपुर में बच्चा चोर होने के शक में भीड़ ने एक आदमी की पिटाई कर दी. मंगलवार को इस मामले में आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया.
पुलिस अधीक्षक अखिलेश नारायण सिंह ने एएनआई से बात करते हुए कहा, “घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. हमने वीडियो में देखे गए आरोपियों को पहचान लिया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया.”
आरोपियों की पहचान नदीम, नाजिम, पवन, इमरान, शहजाद, अनस, अवनीश और मुस्तजी के रूप में हुई है, जो शाहजहांपुर के रहने वाले हैं.
झारखंड के गिरिडीह में एक बैंक के बाहर बच्चा चोरी के शक में भीड़ द्वारा मंगलवार को एक महिला की पिटाई की गई. उसे पुलिस ने बचाया और कहा कि यह एक "गलतफहमी" थी.
पुलिस ने एएनआई से बात करते हुए कहा, “एक महिला अपने बेटे को अपनी 8 साल की बेटी के साथ एक बैंक के बाहर छोड़कर कैश निकालने के लिए बैंक के अंदर गई. पीड़िता, जो बैंक के अंदर जा रही थी, उसने लड़के को रोते हुए देखा और उसके साथ खेलने लगी. जब बच्चे की मां ने यह देखा, तो उसने महिला पर बच्चा चोर होने का आरोप लगाया, जिससे हिंसा भड़क गई,"
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एक और खौफनाक घटना में मंगलवार को उत्तर प्रदेश के शामली में पांच महिलाओं को इसी तरह के आरोपों में पीटा गया. वायरल हुए वीडियो में दिख रहा है कि लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई और उनकी पिटाई कर दी.
पीड़ित महिलाओं ने कहा कि वे सूरत, गुजरात से हैं, और कहा कि उनके खुद के बच्चे हैं, वे दूसरों के साथ ऐसा कुछ करने के बारे में सोच ही नहीं सकतीं.
एसपी अजय कुमार पांडे ने एएनआई को बताया, “पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची. ये महिलाएं रस्सी और खिलौने बेचने आई थीं. लोगों ने उन पर बच्चे को चुराने का झूठा आरोप लगाया और उनकी पिटाई की. हमने वीडियो और महिलाओं द्वारा हमें दी गई जानकारी के आधार पर एक रिपोर्ट लिखी है.“ उन्होंने बताया की मामले में अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है और जांच जारी है.
उत्तर प्रदेश के कानपुर में मंगलवार को दो बुजुर्गों, रजनीश और अंकुर गुप्ता को ऐसे ही आरोप में भीड़ द्वारा पीटा गया. भीड़ ने उन्हें घेर लिया और उनके आधार कार्ड भी देखे. बार-बार पूछे जाने पर, दोनों लोगों ने कहा कि वे कानपुर के रहने वाले नहीं हैं, लेकिन भीड़ उन पर जुल्म ढाती रही.
एसएसपी अनंत देव ने कहा कि उन पर बच्चा चोरी की अफवाह के बाद हमला किया गया था. एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा, “दोनों लोग कानपुर में अपने परिवार के साथ रह रहे हैं. वे मूल रूप से अलीगढ़ के रहने वाले हैं. मामले में अब तक दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है.”
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पुलिस ने मंगलवार को बताया कि बिहार के गया जिले में तीन लोगों को बच्चे को किडनैप करने के आरोप में भीड़ ने पीटा. तनकुप्पा थाना के एसएचओ विकास चंद्र ने पीटीआई से कहा कि तीनों लोग गया शहर के रहने वाले हैं और उनकी उम्र 30 के आसपास है. घबराकर उन्होंने गोली चला दी, जिसे बात बिगड़ गई.
अधिकारी ने कहा कि जब तीनों लोगों और बच्चे ने भागने की कोशिश की, तो उनकी कार पलट गई, जिससे उन्हें मामूली चोटें आईं. इसके बाद ग्रामीणों ने तीनों लोगों की पिटाई कर दी. जब बच्चे ने कहा कि वो उनके साथ है, तभी ग्रामीण रुके.
एक अन्य खौफनाक घटना में, उत्तर प्रदेश के एटा में सोमवार को एक अधेड़ उम्र की महिला को बच्चा चोरी के शक में भीड़ ने पीट दिया. जो वीडियो वायरल हुआ, उसमें महिला रोती हुई और बेगुनाह होने का दावा करते हुए दिखाई दे रही है, जबकि भीड़ ने उसके बाल पकड़ लिए और उसे कई बार लात मारी.
एसएसपी सुनील कुमार सिंह ने कहा कि मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है और आरोपियों की पहचान की जा रही है.
ऐसी घटनाओं की लिस्ट यहीं खत्म नहीं होती है.
इसी तरह के आरोपों को लेकर एक महिला को 11 अगस्त को एक पेड़ से बांध दिया गया और ग्रामीणों ने बेरहमी से पीटा.
9 अगस्त को, इसी शक के आधार पर भीड़ द्वारा पीटे गए एक व्यक्ति की पटना में मौत हो गई. एसएसपी ने बताया कि इस घटना की सूचना नौबतपुर से मिली थी और मामले में 22 लोगों को गिरफ्तार किया गया था.
मध्य प्रदेश के ग्वालियर में, एक स्व-घोषित बाबा, जो 'सखी बाबा' के नाम से जाने जाते हैं, उन्हें दो शिष्यों के साथ भीड़ ने बच्चा चोरी के शक में पीट दिया.
ऐसी घटनाओं से साफ है कि बच्चे चुराने की अफवाह कितनी तेजी से फैल रही है. और इन अफवाहों के चलते भीड़ का उन्माद दिनों-दिन कहीं ज्यादा व्यापक और घातक होता जा रहा है.
(एएनआई, पीटीआई से इनपुट्स के साथ)
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