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Mohammed Zubair को मिली कोर्ट से जमानत, फिर भी जेल में रहेंगे- क्यों?

Alt News के मोहम्मद जुबैर पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने किन-किन आरोपों में कितने केस दर्ज किए हैं?

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<div class="paragraphs"><p>Mohammed Zubair को मिली कोर्ट से जमानत लेकिन अभी भी जेल में रहेंगे- आखिर क्यों?</p></div>
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Mohammed Zubair को मिली कोर्ट से जमानत लेकिन अभी भी जेल में रहेंगे- आखिर क्यों?

(फोटो- Altered By Quint)

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दिल्ली ने पटियाला हाउस कोर्ट ने शुक्रवार, 15 जुलाई को ऑल्ट न्यूज के को-फॉउंडर मोहम्मद जुबैर (Mohammed Zubair) को दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज मामले में जमानत दे दी. मोहम्मद जुबैर को दिल्ली पुलिस ने ट्वीट कर धार्मिक समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम, 2010 (FCRA) के उल्लंघन के लिए बुक किया है. हालांकि कोर्ट से मिली इस राहत के बावजूद जुबैर को अभी जेल में ही रहना होगा. सवाल है कि क्यों?


पटियाला हाउस कोर्ट के एडिशनल सेशन जज देवेंद्र कुमार जांगला ने आज शर्त के साथ मोहम्मद जुबैर को 50,000 रुपये के मुचलके पर जमानत दी. कोर्ट ने शर्त रखी है कि जुबैर बिना कोर्ट की अनुमति के देश नहीं छोड़ेंगे. हालांकि उसकी नौबत अभी नहीं आएगी क्योंकि जुबैर अभी जेल से ही बाहर नहीं आएंगे. कारण है कि यूपी पुलिस द्वारा दायर अन्य 6 FIR में उन्हें रिमांड पर लिया गया है.

UP में जुबैर के खिलाफ किन आरोपों में दायर हैं 6 केस?

सीतापुर: मोहम्मद जुबैर के खिलाफ 3 जून को उत्तर प्रदेश के सीतापुर में एक FIR दर्ज की गयी. जुबैर पर अपने ट्वीट में तीन विवादस्पद हिंदू नेताओं को 'नफरत फैलाने वाले/ हेटमॉन्गर' कहने का आरोप लगाते हुए IPC की धारा 295A (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य, जिसका उद्देश्य किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को उसके धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करना है) और सूचना की धारा 67 के तहत FIR दर्ज की गई थी.

जुबैर को इस मामले में मिली अंतरिम जमानत को सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कोर्ट के अगले आदेश तक के लिए बढ़ा दिया.
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लखीमपुर खीरी

लखीमपुर खीरी में फैक्ट-चेकर जुबैर के खिलाफ 2021 में धार्मिक समूहों के बीच कथित रूप से दुश्मनी फैलाने के मामले में दर्ज एक मामला दर्ज हुआ था. 8 जुलाई को इस मामले में लखीमपुर खीरी पुलिस ने वारंट जारी किया था.

क्विंट को मिली FIR कॉपी के अनुसार आशीष कुमार कटियार ने जुबैर पर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के उद्देश्य से ट्विटर पर 'फेक न्यूज' फैलाने का आरोप लगाया, जिसके बाद धारा 153-A के तहत FIR दर्ज किया गया. शिकायतकर्ता आशीष सुदर्शन न्यूज का कर्मचारी है और उसने आरोप लगाया है कि जुबैर का ट्वीट सुदर्शन न्यूज के बारे में लोगों को गुमराह कर रहा है.

लोनी, गाजियाबाद

मई 2021 में गाजियाबाद के लोनी में एक बुजुर्ग व्यक्ति पर हमले पर रिपोर्ट के सिलसिले में बुक किए गए नौ लोगों में मोहम्मद जुबैर का नाम भी शामिल था. बता दें कि लोनी में 72 वर्षीय मुस्लिम व्यक्ति अब्दुल समद सैफी की पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद, कई लोगों ने इस घटना को हेट क्राइम होने का दावा करते हुए शेयर किया था.

मुजफ्फरनगर में जान से मारने की धमकी का मामला, हाथरस में 2 अन्य मामले

मुजफ्फरनगर के चरथावल थाने में अंकुर राणा नाम के शख्स ने 27 जुलाई 2021 को जुबैर पर जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई थी. पत्रकार के खिलाफ हाथरस में भी दो मामले धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में दर्ज किए गए हैं.

जहां एक मामला 10 जून को जुमे की नमाज के बाद पुरदिल नगर कस्बे में कथित तौर पर हिंसा भड़काने से जुड़ा है, वहीं दूसरा एक ट्विटर पोस्ट से जुड़ा है जो कथित तौर पर धर्म के आधार पर दो समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा दे रहा है.

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