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कैंपस पॉलिटिक्स या कुछ और... मुस्लिम प्रोफेसर ने धर्म परिवर्तन के आरोपों पर क्या कहा?

Vikram University के कुछ छात्रों ने प्रोफेसर अनीस शेख पर उनके धर्म के आधार पर खराब ग्रेड देने का भी आरोप लगाया.

आशुतोष कुमार सिंह
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>Vikram University के प्रोफेसर अनीस शेख</p></div>
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Vikram University के प्रोफेसर अनीस शेख

(इमेज- विभूषिता सिंह)

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"कुछ बच्चे काफी समय से मुझपर दबाव बना रहे थे. बिना क्लास में आए, प्रैक्टिकल किए, कोरी फाइल जमा करते हैं. मैंने उनकी बात नहीं मानी तो आरोप लगा दिया कि धर्म की वजह से मार्क्स कम मिले हैं."

यह कहना है प्रोफेसर अनीस शेख का. मध्य प्रदेश के उज्जैन में विक्रम यूनिवर्सिटी (Vikram University, Ujjain) के कुछ छात्रों ने अपने केमिस्ट्री के प्रोफेसर, अनीस शेख पर उनके धर्म के आधार पर खराब ग्रेड देने और धर्म परिवर्तन को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है. यूनिवर्सिटी की तरफ से जांच कमिटी बैठा दी गई है जो 15 दिन में अपनी रिपोर्ट देगी. तबतक के लिए प्रोफेसर अनीस शेख को कॉलेज नहीं आने के लिए कहा गया है.

क्विंट हिंदी ने प्रोफेसर अनीस शेख से लेकर यूनिवर्सिटी के वाइस-चांसलर, आरोप लगाने वाले छात्रों और यूनिवर्सिटी के आम छात्रों से बात की है.

क्या है पूरा मामला?

विक्रम यूनिवर्सिटी के बी फार्मा कोर्स के पांचवें सेमेस्टर की परीक्षा फरवरी में हुई थी. इसके नतीजे पिछले हफ्ते जारी हुए. विवाद उस समय शुरू हुआ जब RSS की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के नगर महामंत्री आदर्श चौधरी के साथ कुछ छात्रों ने अपने प्रोफेसर अनीस शेख के खिलाफ यूनिवर्सिटी के कुलपति से शिकायत की.

इन छात्रों ने कैंपस में नारे लगाते हुए प्रोफेसर पर आरोप लगाए कि वे धर्म के आधार पर छात्रों को मार्क्स देते हैं. साथ ही उन्होंने आरोप लगाया है कि व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर एक खास धर्म को प्रमोट किया जाता है. साथ ही उस व्हाट्सएप ग्रुप में शामिल कुछ हिंदू लड़कियों को कॉल करके परेशान किया जाता है. कॉलेज में नमाज पढ़ाते हैं.

मीडिया से बात करते हुए ABVP के नगर महामंत्री आदर्श चौधरी ने कहा कि यहां एक प्रोफेसर के द्वारा हिंदू स्टूडेंट को लगातार एक विषय में फेल किया गया था. मुस्लिम समुदाय का एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया जिसमें धर्मांतरण की बात की गई.

वहीं एक छात्र गौरव जाटव ने कहा कि यहां मुस्लिम स्टूडेंट्स को अच्छे नंबर दिए जाते हैं जबकि हिंदू स्टूडेंट्स को कम नंबर दिए जा रहे हैं.

"हमारा धर्म परिवर्तन किया जा रहा है. हमें कलावा-तिलक हटाने को कहा जाता है जबकि उन्हें बुर्का पहनने की इजाजत है. लड़कियों को नए-नए नंबर से कॉल आते हैं."
गौरव जाटव

यूनिवर्सिटी ने क्या कहा?

इन आरोपों के बीच यूनिवर्सिटी के वाइस-चांसलर अखिलेश पांडे ने क्विंट हिंदी से बात करते हुए कहा कि एक जांच कमेटी बैठा दी गई है जो 15 दिनों में अपनी रिपोर्ट सौंपेंगी.

"यूनिवर्सिटी ने पांच लोगों की कमेटी बनाई है. उन सभी बच्चों (जिन्होंने शिकायत की है) को डॉक्यूमेंट के साथ बुलाया गया है. लगातार बैठके हो रही हैं. कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर ही आगे का फैसला लिया जाएगा. हम दोनों पक्ष को सुनेंगे."
अखिलेश पांडे, वाइस-चांसलर
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"2011 से यहां पढ़ा रहा हूं, गणपति स्थापना में शामिल.."

आरोपों के बीच क्विंट हिंदी ने प्रोफेसर अनीस शेख से बात की. धर्म के आधार पर मार्क्स देने के आरोपों पर उन्होंने कहा कि बी फार्मा कोर्स में 60 सीट हैं और 6 EWS के मिलाकर कुल 66 सीटें हैं. एक क्लास में 5-6 मुस्लिम स्टूडेंट रहते हैं. जो जैसा परफॉर्म करता है, उसको वैसा नंबर मिलता है. अल्पसंख्यक वर्ग के स्टूडेंट्स को भी ATKT  (allowed to keep term exam) आई है और बहुसंख्यक वर्ग के भी.

प्रोफेसर अनीस का कहना है कि चूंकि यह कोर्स मुख्यतः प्रैक्टिकल बेस्ड है और प्रैक्टिकल एग्जाम के लिए बाहर से एग्जामिनर आते हैं जो मार्क्स देते हैं. थ्योरी का पेपर भी चेक होने के लिए बाहर जाता है.

"मैं गेस्ट फैकल्टी हूं. मेरे पास यह पावर ही नहीं कि मैं किसी को कम-ज्यादा कर सकूं. हम सिर्फ इंटर्नल टेस्ट के मार्क्स देते हैं. कुछ बच्चे क्लास और प्रैक्टिकल में नहीं आते हैं, लैब में एप्रन के बिना आते है- वो एग्जाम में खाली फाइल जमा करते हैं. इन सबके बावजूद हमारी तरफ से किसी का नुकसान नहीं होता. लेकिन कुछ बच्चे मुझपर लगातार दबाव बना रहे थे. मैंने उनकी बात नहीं मानी तो यह आरोप लगा दिए."
अनीस शेख, प्रोफेसर

बी फार्मा कोर्स के HOD कमलेश दशोरा ने भी क्विंट हिंदी से बात करते हुए यह स्पष्ट किया कि गेस्ट फैकल्टी के तौर पर प्रोफेसर अनीस के हाथ में 100 में से केवल 25 मार्क्स इंटर्नल के हैं.

प्रोफेसर अनीस ने बताया कि वो 2011 से इस यूनिवर्सिटी में पढ़ा रहे हैं और वैसे 2009 से ही टीचिंग लाइन में हैं. उन्होंने कहा, "मेरे सामने यहां से 12-13 बैच निकल गया है. लेकिन पहली बार मेरे उपर ऐसे आरोप लगे हैं. कुछ लोग मेरे खिलाफ षडयंत्र कर रहे हैं.

वहीं व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर धर्म परिवर्तन करने की बातों को लेकर प्रोफेसर अनीस ने कहा कि यह ग्रुप छात्रों ने ही बनाए थे और मेरा उससे कोई लेना देना नहीं है.

"पिछले साल रमजान पर मुबारकबाद का किसी ने पोस्ट डाला था. उस ग्रुप पर मेरे साथ बी-फार्मा के HOD कमलेश दशोरा जी भी हैं. उस पोस्ट को लेकर बच्चों में कुछ बहस हुई थी. हम भी होली-दिवाली विश करते हैं. मैं खुद गणपति स्थापना पर गाड़ी चलाकर मूर्ति लाया था."
अनीस शेख, प्रोफेसर

गणपति की मूर्ति के साथ प्रोफेसर अनीस

(फोटो- एक्सेस बाई क्विंट हिंदी)

हालांकि गौर करने वाली बात है कि उस ग्रुप पर केवल रमजान मुबारक के पोस्ट नहीं किए गए हैं, इसको लेकर 2023 में विवाद हुआ था. बल्कि उस ग्रुप पर नवरात्री जैसे अन्य धर्मों से जुड़े त्योहारों पर भी मुबारकबाद दी गईं.

"खाली फाइल पर कैसे नंबर दे दूं"

बी-फार्मा में तीसरे साल के छात्र ओजस गुप्ता ने क्विंट हिंदी के साथ बातचीत में आरोप लगाया कि उन्हें प्रोफेसर अनीस ने जानबूझकर 'सी' और 'डी' ग्रेड दी है. उसने सवाल किया कि हिंदू लड़कों को उन्हीं के पेपर में 'सी' और 'डी' क्यों मिलता है. मुस्लिम स्टूडेंट को बिना कॉलेज आए और प्रैक्टिकल किए 'बी' ग्रेड मिल जाते हैं, जो अच्छा ग्रेड है.

ओजस गुप्ता के बारे में प्रोफेसर अनीस ने कहा कि वह कभी क्लास में आता ही नहीं और बाहर घूमता रहता है.

"15 दिन पहले यह हेड (HOD) के पास गया और बोला कि मुझे 85% मार्क्स चाहिए क्योंकि कहीं बाहर देश पढ़ने जाना है. अब आप बताइए यह न क्लास में आते हैं और न प्रैक्टिकल करते हैं. उपर से दबाव अलग से बना रहे हैं."

वहीं ओजस गुप्ता ने दावा किया है कि उसका अटेंडेंस 75-80% था. क्विंट हिंदी ने अटेंडेंस शीट के लिए प्रोफेसर अनीस शेख से लेकर HOD तक से संपर्क किया है. मिलने पर इस आर्टिकल को अपडेट किया जाएगा.

प्रोफेसर अनीस शेख ने उस बात को लेकर भी आपत्ति जताई जब एक पूर्व छात्र को प्रैक्टिकल एग्जाम में इनविजिलेटर के तौर पर बुलाया गया.

"मैंने उस पूर्व छात्र को इनविजिलेटर बनाए जाने को लेकर विरोध किया था. कोई छात्र जिसने ग्रेजुएशन किया है और पूर्व छात्र है, क्या वह इनविजिलेटर बन सकता है? एक अन्य शिक्षक ने उसे अनुमति दी थी और मैंने विरोध किया था. इसी को दूसरा रूप दे दिया गया."
प्रोफेसर अनीस शेख

यूनिवर्सिटी के एक अन्य छात्र ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि मैं अनीस सर से 5-6 बार मिला हूं, लेकिन मुझसे उन्होंने कभी ऐसा व्यवहार नहीं किया. हमेशा मदद ही की है.

फिलहाल मामले की जांच चल रही है और प्रोफेसर अनीस को 15 दिनों के लिए कॉलेज नहीं आने के लिए कहा गया है.

(इनपुट- अब्दुल वसीम अंसारी)

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